ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: ग्रह का रोग से संबंध और उपाय
आज ज्ञान में वृद्धि के ज्योतिष ज्ञान आज का विषय है ज्योतिष में ग्रह का रोग से संबंध...
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्ञान में वृद्धि के ज्योतिष ज्ञान आज का विषय है ज्योतिष में ग्रह का रोग से संबंध...
ग्रह का रोग से संबंध
सूर्य ग्रह का रोग से संबंध
सूर्य आत्म कारक है इसका संबंध पिता से, नौकरी से, हृदय से होता है। जब सूर्य किसी पाप स्थान या क्रूर ग्रह के साथ कम अंश का यानी की कमजोर होता है तो जातक को हृदय रोग, नौकरी में बाधा, पिता की हानि होती है। उसके निवारण के लिए जातक गायत्री मंत्र का अनुष्ठान करें, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, तो लाभ होगा।
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चंद्रमा ग्रह का रोग से संबंध
चंद्रमा मन का कारक जल तत्व होता हैं। इससे मन की चंचलता, सर्दी का होना, विचारो का बिखराव, नर्वस सिस्टम का डाउन होना। उसके निवारण के लिए शिव की पूजा से चंद्रमा की पूजा होती है मोती रत्न धारण करना, खिरनी का जड़ धारण करना चाहिए।
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मंगल ग्रह का रोग से संबंध
मंगल का संबंध अग्नि तत्व से मस्तिका से रक्त विकार से होता है। कमजोर मंगल उत्तेजना देता है, BP रोग, रक्त में कमी देता है, उसके लिए हनुमान जी की उपासना से लाभ होता। बलवान मंगल भूमि लाभ, सेना का नेतृत्व करना, सेना पति बनता है मूंगा रत्न से लाभ मिलेगा।
बुध ग्रह का रोग से संबंध
बुध से विचारो की शक्ति मेडिकल एकाउंट प्रोफेसर गणित में पारंगत होता है। यह पृथ्वी तत्व का ग्रह है जो त्वचा संबंधी रोग देता है, इसके लिए दूर्वा से गणेश पूजन करें, पन्ना रत्न का धारण करना, किन्नर की प्रसन्नता से लाभ होगा।
गुरु ग्रह का रोग से संबंध
गुरु का संबंध ज्ञान का अर्जन करना अध्यापन पुजारी संत उपदेशक से होता है। कमजोर गुरु पेट संबंधी रोग लिवर किडनी गुर्दा रोग देता है, उसके लिए देव गुरु पीपल वृक्ष पूजन हवन पुखराज रत्न धारण करना लाभकारी होता है।
शुक्र ग्रह का रोग से संबंध
शुक्र स्त्री तत्व सौंदर्य, प्रसाधन सामग्री, विदेश भ्रमण, वीर्य धातु शुगर से संबंध रखता है। वहीं अगर शुक्र अच्छा होगा तो राजयोग सुख देगा, खराब होगा तो उपरोक्त निम्न बाधा उत्पन्न करेगा, उसके लिए हीरा, ओपल, गौ सेवा, सफेद वस्तु का दान, श्री हरि का पूजन से लाभ होता है।
शनि ग्रह का रोग से संबंध
शनि भाग्य विधाता राजा कर्म फल न्याय कारी निष्ठुर कठोर दंड देते है। इनकी प्रसन्नता से रंक राजा बनता, क्रूरता से राजा रंक होता है, पीपल पूजन, तेल तिल का दान, हनुमान की प्रसन्नता से खुश होते है, नीलम इनका शुभ रत्न होता है। यह बात रोग प्रदान करते है कमर के नीचे का भाग कमजोर होता है।
राहु और केतु छाया ग्रह
राहु और केतु छाया ग्रह है। यह हमेशा वक्री चलते है जिसके साथ बैठते या जिसके घर में बैठते उसी का पावर खींच कर अपना प्रभाव दिखते तत्काल असर करते हैं। इनकी प्रसन्नता से राजनेता, व्यापारी, माला माल होते हैं। क्रूरता से जेल, दंड, कष्ट, पेट इनकी प्रसन्नता जीवित मछली को जीव दान करना जल में प्रवाहित करें।