मणिपुर में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन, CRPF जवान ने दो साथियों की हत्या
केंद्रीय शासन की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय के ज़रिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राय है कि 'ऐसी स्थिति पैदा हो गई है
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President Rule in Manipur: मणिपुर में गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। वहीं पिछले चार दिन पहले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है जो कि अब सच साबित हो गया हैं। केंद्रीय शासन की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय के ज़रिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राय है कि 'ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जिसमें उस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के मुताबिक नहीं चल सकती।
मणिपुर में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन
आपको बतादें कि मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के लगभग 21 महीने बाद एन. बीरेन सिंह ने अपना पद 9 फरवरी को छोड़ दिया था। ये इस्तीफा उन्होंने राज्य में चली आ रही जातीय हिंसा के करीब दो साल बाद दिया था। इस हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए थे, वहीं सीएम पद से एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है।
वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि वह मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हुए है। एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। उन्होंने पिछले वर्ष मणिपुर में हिंसा को लेकर जनता से माफी मांगी थी। मगर अब राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद अधिसूचना में कहा गया है,'अब संविधान के अनुच्छेद 356 के ज़रिए प्रदत्त शक्तियों और उस संबंध में मुझे सक्षम बनाने वाली अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं घोषणा करता हूं कि मैं भारत के राष्ट्रपति के रूप में मणिपुर राज्य सरकार के सभी कार्यों और उस राज्य के राज्यपाल द्वारा निहित या प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों को अपने ऊपर लेता हूं।

10 फरवरी से शुरू होना था विधानसभा सत्र
बता दें कि संविधान के मुताबिक किसी भी राज्य की विधानसभा की दो बैठकों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। हालांकि, मणिपुर विधानसभा के मामले को देखा जाए तो ये समय सीमा बुधवार को खत्म हो गई। इसके साथ ही राज्य में किसी भी पार्टी या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया।
बताते चले कि 10 फरवरी से मणिपुर विधानसभा का सत्र शुरू होना था। मगर, बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद इसे स्थगित करने का आदेश जारी किया गया। ये सब उस वक्त हुआ जब कांग्रेस विधानसभा सत्र में बीरेन सिंह के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लाने की तैयारी में थी। हालांकि, अब तमाम सियासी उठापटक पर विराम लग गया है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है।

मणिपुर में हुई दो जवानों की मौत
मणिपुर में CRPF जवान ने कैंप पर फायरिंग कर खुद को भी गोली मार दी। इस फायरिंग में दो जवानों की मौत हो गई और 8 घायल हो गए। बताते चले कि यह घटना गुरुवार की रात करीब 8.20 बजे इंफाल पश्चिम जिले के लामफेल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप में हुई। बतादें कि आरोपी जवान संजय कुमार, 120वीं बटालियन का हवलदार था।
बताते चले कि कैंप में गोलीबारी के बाद जवान ने खुद भी आत्महत्या कर ली। वह असम के रहने वाले थे और त्रिसुंडी में सीआरपीएफ कैंप में उनकी तैनाती थी। घटना में घायल हुए जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। बतादें कि इस घटना में आठ अन्य जवान घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए इंफाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) में भर्ती कराया गया है। वहीं इस घटना से CRPF में शोक की लहर है।

राष्ट्रपति शासन लागू होने का असर
केंद्रीय शासन की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की। राज्य में 21 महीने (3 मई 2023) से जारी जातीय हिंसा के चलते 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इसी के चलते बीरेन पर इस्तीफे का काफी दबाव था। बताते चले कि किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर उस राज्य की शासन व्यवस्था में कई बदलाव हो जाते हैं। राज्य का प्रशासन राष्ट्रपति के कंट्रोल में आ जाता है, राष्ट्रपति अपने प्रतिनिधि के तौर पर राज्यपाल को प्रशासन चलाने की जिम्मेदारी देते हैं और राज्यपाल केंद्र के निर्देशों के आधार पर शासन करता है।
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