100 साल तक रहना है जवां, तो फ़ॉलो यह लाइफस्टाइल
Lifestyle: लंबा और स्वस्थ जीवन जीना हर किसी का सपना होता है। लेकिन आज के तनावपूर्ण, भागदौड़ भरे जीवन में यह सपना मुश्किल लगता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति 101 साल की उम्र में भी स्वस्थ, एक्टिव और इंडिपेंडेंट जीवन जी रहा हो, तो उसकी जीवनशैली से हमें बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।

डॉ. जॉन शारफेनबर्ग एक 101 वर्षीय पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट हैं, जिन्होंने अपनी लंबी उम्र और जबरदस्त फिटनेस का श्रेय सात बेहद सरल लेकिन अनुशासित आदतों को दिया है।
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- धूम्रपान और तंबाकू से पूरी तरह दूरी रखें
“धूम्रपान रोकथाम योग्य मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।” – डॉ. शारफेनबर्ग

डॉ. शारफेनबर्ग ने जीवनभर कभी तंबाकू या सिगरेट को हाथ तक नहीं लगाया। उनका मानना है कि तंबाकू में मौजूद निकोटिन और टार कैंसर, दिल की बीमारी, और सांस की समस्याओं का बड़ा कारण है। वहीं WHO के अनुसार, धूम्रपान करने वालों की औसत उम्र 10-15 साल कम हो जाती है।
- शराब का सेवन बिल्कुल न करें
“शराब कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाली क्लास-1 कार्सिनोजन है।”

डॉ. शारफेनबर्ग ने कभी शराब नहीं पी। उनका मानना है कि शराब शरीर को धीमे ज़हर की तरह नुकसान पहुंचाती है। अधिक मात्रा में शराब सेवन से लीवर सिरोसिस, हाई बीपी, डिप्रेशन और कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके लिए सोशल ड्रिंकिंग से बचें और पानी, नारियल पानी, हर्बल चाय को विकल्प बनाएं।
- शरीर को चलायमान रखें: व्यायाम न छोड़ें
“आपका शरीर जितना चलता है, उतना ही टिकता है।”

उन्होंने जिम की बजाय गार्डनिंग और आउटडोर एक्टिविटी को चुना। उनका कहना है कि उम्र के हर पड़ाव में सक्रियता जरूरी है, खासकर 40-70 की उम्र में मेटाबॉलिज्म गिरने लगता है। वहीं WHO की गाइडलाइन के अनुसार, हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की मीडियम-इंटेंसिटी एक्सरसाइज ज़रूरी है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाएं

“रात का खाना छोड़ने से शरीर को आराम मिलता है और उम्र बढ़ती है।” डॉ. शारफेनबर्ग दिन में केवल दो बार खाते हैं – ब्रेकफास्ट और लंच। उन्होंने रात का खाना 50 साल पहले से बंद कर दिया। इंटरमिटेंट फास्टिंग से शरीर को डिटॉक्स करने का समय मिलता है, और यह वजन कम करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही मेटाबॉलिज्म सुधरता है, ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
- शुद्ध शाकाहारी और प्लांट-बेस्ड डाइट

“प्राकृतिक भोजन सबसे शुद्ध ईंधन है।” 20 की उम्र से ही वे मीट नहीं खाते, बल्कि डेयरी और अंडे सहित प्लांट-बेस्ड फूड पर टिके हैं। क्योंकि उनका मानना है कि शाकाहार न केवल पाचन में हल्का होता है बल्कि दिल और दिमाग के लिए भी लाभकारी होता है।
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- अतिरिक्त चीनी को कहें ‘ना’
“चीनी स्वादिष्ट ज़हर है।”

डॉ. शारफेनबर्ग मिठाइयों से दूर रहते हैं और फलों या शहद जैसे नैचुरल शुगर विकल्पों को चुनते हैं। ज्यादा चीनी मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग और उम्र बढ़ने की गति को बढ़ाती है। शक्कर की जगह गुड़, शहद या खजूर पेस्ट का उपयोग करें। इसके साथ ही कोल्ड ड्रिंक की जगह नींबू पानी या नारियल पानी लें।
7. सैचुरेटेड फैट का सेवन सीमित रखें
“कम सैचुरेटेड फैट, कम दिल का खतरा।”

उन्होंने ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनाई जो सैचुरेटेड फैट में उच्च होते हैं (जैसे घी, बटर, पनीर, रेड मीट)। सैचुरेटेड फैट की अधिकता से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। इसकी जगह पर एवोकाडो, ऑलिव ऑयल, नट्स और बीज जैसे अनसेचुरेटेड फैट स्रोतों का सेवन करें।
रोजाना जिए यह लाइफ

- सुबह की सैर करें।
- ध्यान, प्रार्थना करें।
- योग करें।
- रोज नहीं तो हफ़्ते में तैराकी करें।
- दिन में एक बार डांस जरूर करें।
- साइकिल चलाएं।
- बागवानी करें।
- लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से बचें।
- पर्याप्त नींद- हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद ली जानी चाहिए।
आहार में शामिल करें:

- फल (जैसे सेब, केला, पपीता)
- सब्जियां (पालक, गाजर, ब्रोकली)
- साबुत अनाज (ब्राउन राइस, ओट्स)
- दालें, बीन्स, नट्स और बीज
इस आहार से बचें:

- प्रोसेस्ड फूड
- रेड मीट
- ट्रांस फैट
Note:- भाग्य नहीं, नियमितता और अनुशासन उम्र बढ़ाते हैं।
महंगे ट्रीटमेंट नहीं, सादा जीवन और पौष्टिक भोजन ही असली दवा है।
शांति, सक्रियता और सामाजिकता उम्र को खूबसूरत बनाते हैं।
