महाकुंभ हादसे पर संसद में सवाल, अखिलेश का दावा- अगर वह गलत हैं तो इस्तीफा दे देंगे
Akhilesh Yadav: महाकुंभ में हुए हादसे की गुंज अब संसद तक पहुंच गई हैं। ये आवाज किसी और ने नहीं सपा नेता अखिलेश यादव ने संसद में उठाई हैं। इस दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा के साथ कांग्रेस को घेरे में लिया और भाजपा सरकार को महाकुंभ हादसे, चीन और जाति जनगणना पर घेरते हुए कुछ दावे किए। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा- अगर वह गलत हैं तो इस्तीफा दे देंगे।
आखिलेश के दावे से सदन में गुंजी हंसी
आपको बताते चले कि संसद में अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लिया इसके साथ ही महाकुंभ में भगदड़ से हुए हादसे का भी मुद्दा उठाते हुए भाजपा सरकार को घेरा इसके साथ ही चीन और जाति जनगणना के मुद्दे को लेकर भी भाजपा पर सवाल उठाएं। इतना ही नहीं भाजपा को लेकर दावे करते हुए अखिलेश यादव ने ऐसी बाते कहीं जिसे सुन पूरे सदन के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी खुद को ठहाके लगाने से नहीं रोक पाएं।
उन्होंने आगे कहा- ‘जिस समय व्यापार के लिए पूरा बाजार खोल दिया गया। उस समय ध्यान उतना हमारी अर्थव्यवस्था पर नहीं रखा गया। अगर उसी समय पर मैनुफैक्चरिंग सेक्टर पर जिम्मेदारी से ध्यान रखा गया होता तो शायद अध्यक्ष महोदय हम चीन से आगे निकल गए होते। आज चीन आगे है, हमलोग पीछे।’ इस पर स्पीकर ओम बिरला ने टोका और हंसते हुए कहा- क्या इनको आप ज्ञान दे रहो हो क्या। फिर सदन ठहाकों से गूंज उठा। खुद अखिलेश भी अपनी हंसी नहीं छिपा पाए। मुस्कुराते हुए उन्होंने स्पीकर के सवाल का जवाब दिया और तंज वाले लहजे में कहा- अध्यक्ष मोहदय अपना रास्ता तो वही है साइकिल वाला।
सपा सांसद ने लगाया योगी सरकार पर आरोप
बताते चले कि संसद में सपा सांसद अखिलेश यादव अपने भाषण की शुरुआत करने से पहले कहा- सबसे पहले कहा कि लोकसभा में महाकुंभ में मरने वाले लोगों के लिए मौन धारण किया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने कहा- महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े सामने लाए जाएं। महाकुंभ में आपदा प्रबंधन और खोया पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा – महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो। जिन्होंने सच छिपाया, उनको भी दंडित किया जाए। इसके साथ ही अखिलेश यादव यहीं नहीं थमें उन्होंने महाकुंभ भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर कई आरोप लगाते हुए कुछ दावे किए और कहा अगर वह गलत हैं तो इस्तीफा दे देंगे।
इसके साथ ही योगी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा- यूपी सीएम योगी पर भगदड़ की पूरी हकीकत छिपाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा ‘आंकड़े मिटाए क्यों गए? इस अपराध का दंड कौन भुगतेगा? लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनो के शव लेकर गए हैं। श्रद्धालुओं के शव मिल गए थे, लेकिन सरकार मरने वालों की बात स्वीकार नहीं कर रही थी। जब ये जानकारी सामने आई कि कुछ लोगों की जान चली गई, तब सरकार हेलीकॉप्टर में भरकर फूल डालने लगी। ये कहां की सनातनी परंपरा है?’
अखिलेश यादव के योगी सरकार से सवाल
- जिस तरह सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे तथा घायलों के इलाज, भोजन, परिवहन आदि का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए।
- महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां खोया पाया, प्रबंधन आदि की जिम्मेदारी सेना को दी जाए।
- हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
- जिन्होंने सच छिपाया, उन्हें दंडित किया जाए।
- सरकार को अपराध बोध नहीं है तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए।
- आंकड़े छिपाने के लिए मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।
- जहां इंतजाम होना चाहिए था, वहां प्रचार हो रहा था।
- धार्मिक समागम में सरकार का प्रचार निंदनीय है।
- डिजिटल कुंभ कराने का दावा करने वाले मृतकों की डिजिट (संख्या) नहीं दे पा रहे।
- महाकुंभ में भगदड़ के बाद संतों के एक निश्चित मुहूर्त में स्नान की परंपरा भी टूट गई।
- अगर मेरी बात गलत है तो नेता सदन (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) चर्चा के जवाब में बताएं।
‘ट्रैक्टर-ट्रॉली से लाशें उठाई’
अखिलेश ने कहा, ‘जहां लाशें पड़ी हों, न जाने कितनी चप्पलें पड़ी थीं, महिलाओं की साड़ियां पड़ी थीं। उनको कैसे उठाया गया? ट्रैक्टर की ट्रॉली से…उन्हें उठाकर कहां फेका, कोई नहीं जानता। जब लगा कि वहां से बदबू आ रही तो सरकार के लोग छिपाने लगे। मीडिया पर दबाव और कुछ स्वीटनर भी दिए जा रहे हैं, जिससे खबरें बाहर नहीं जाएं। शुरुआत में तो यूपी के सीएम ने शोक तक प्रकट नहीं किया। जब देश के पीएम और राष्ट्रपति ने शोक जताया तब सीएम ने शोक प्रकट किया।’
संसद में उठा महाकुंभ का यह मुद्दा
1- सपा नेता अखिलेश यादव की मानें तो अभी भी पुलिस और प्रशासन लोगों को ढूंढ नहीं पाई है। कई लोग लापता हैं, जिसके बारे में पुलिस कुछ नहीं बता पा रही है। इसका मतलब पुलिस के लोगों को ही कुछ नहीं पता है या फिर सरकार सच छिपा रही है।
2- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मानें तो महाकुंभ में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जिससे सरकार ध्यान भटका रही है। वहीं जब जगदीप घनखड़ ने उन्हें टोका तो खरगे ने कहा- सही आंकड़ा आप ही बता दीजिए।
3- राज्यसभा सांसद जया बच्चन की मानें तो महाकुंभ में मरने वाले लोगों को गंगा में बहा दिया गया। सरकार जनता के सामने सच नहीं ला रही है। सरकार आखिर सच क्यों छिपा रही है, यह समझ से परे है।
4- सरकार ने अब तक सिर्फ महाकुंभ में एक ही जगह पर भगदड़ की बात स्वीकार की है। जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि 6 जगहों पर भगदड़ की खबर है।
5- हादसे के बाद प्रशासन की तरफ से मौत को लेकर सिर्फ एक बार अपडेट दिया गया है। इसके बाद न तो कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है और न ही कोई जानकारी दी गई है। सरकार पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं।
6- अखिलेश यादव के मुताबिक जब कुंभ में लोग मर रहे थे, तब सरकार हेलिकॉप्टर से फूल बरसा रही थी। जो सनातन परंपरा का घोर अपमान है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुप रहने को लेकर भी अखिलेश ने सवाल उठाया।
7- शंकराचार्य का कहना है कि जब 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था थी, तब 10-20 करोड़ भी क्यों नहीं संभाल पाए? वहीं अखिलेश यादव ने लोकसभा में आरोप लगाया कि सरकार प्रचार करती रही, इंतजाम नहीं कर पाई।