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सीएम योगी की अध्यक्षता में 11 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, यूपी की बदली किस्मत

UP Cabinet Meeting: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते दिन देर शाम को कैबिनेट बैठक आयोजित हुई थी जिसमें पेश हुए 12 प्रस्तावों में से 11 प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई हैं। जिसकी जानकारी गुरुवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने दी हैं।

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11 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

आपको बतादें कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट में पास हुए प्रस्ताविओं को जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में 12 प्रस्तावों में से 11 प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई हैं। प्रेस कांफ्रेंस में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा- प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही योगी सरकार 20 फरवरी को पेश करेगी। बताया जा रहा है कि इस बार 8 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया जा सकता है।

जानें किन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

1- बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को टैबलेट उपयोग से जुड़ा प्रस्ताव पास हुआ। जिसमें हाई स्पेसिफिकेशन वाले टैबलेट का उपयोग शिक्षक करेंगे। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को हाई स्पेसिफिकेशन वाले टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए भारत सरकार से अनुमोदित राशि के अतिरिक्त खर्च होने वाली राशि को राज्य सरकार वहन करेगी।

2- गृह विभाग के 457 वाहनों को बदले जाने और आगामी बजट सत्र को 18 फ़रवरी से शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई। 

3- प्रदेश में बस स्टॉप को PPP मोड पर दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। 

4- पर्यटन विभाग की अंतर्राराज्यीय जलमार्ग नियमावली और KGMU में 500 बेड के नए ट्रामा सेंटर को भी मंजूरी दी गई।

5- उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। ऐसे में नई नीति के तहत अब राज्य में ई-लॉटरी के जरिए ही शराब की सभी दुकानों का व्यवस्थापन किया जाएगा। इस वर्ष ई-लॉटरी के माध्यम से प्रदेश की सभी देशी मदिरा की दुकानों, कंपोजिट दुकानों, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकानों के व्यवस्थापन का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लॉटरी व्यवस्था में एक आवेदक को सिर्फ एक ही बार आवेदन करने का मौका मिलेगा और राज्य में एक आवेदक को 2 से ज्यादा दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी। नई नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेंगी। इसके अलावा, अब से विदेशी मदिरा 60 और 90 मिलीलीटर के पैक में भी उपलब्ध होगी, जो पहले नहीं थी

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सुबह 10 से रात 10 बजे तक शराब की बिक्री होगी। इसके अलावा कंपोजिट दुकान का प्रस्ताव भी बैठक में पास हुआ। प्रोसेसिंग फीस को 5 श्रेणीयों को बांटा गया है। ग्लास की जगह अब ट्रेटा पैक में ही शराब बिकेगी। शराब की लाइसेंस फीस 254 से 260 रूपये/लीटर की गई। शराब के मार्जिन में भी बढ़ोत्तरी की गई है। मॉडल शॉप और भांग की दुकान के लाइसेंस फीस 10% बढ़ी। हर जिले में एक फ्रूट वाइन शॉप भी खुलेगी। अब शराब की दुकान के लिए FDR के साथ बैंक गारंटी देनी होगी। मदिरा परिवहन के लिए ऑन लाइन पास बनेंगे।

5 कैटेगरी में बांटी गई प्रोसेसिंग फीस

  • अग्रवाल ने बताया कि लॉटरी सिस्टम लागू किया जा रहा है, इसलिए प्रोसेसिंग फीस को भी 5 अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है। पहली कैटेगरी में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर और कानपुर के नगर निगम एरिया और उनके चारों तरफ 3 किलोमीटर का एरिया शामिल होगा। प्रोसेसिंग फीस के तौर पर देसी शराब की दुकान के लिए 65 हजार रुपये, कंपोजिट दुकान के लिये 90 हजार रुपये, मॉडल शॉप्स के लिए 1 लाख रुपये और भांग की दुकान के लिए 25 हजार रुपये की फीस तय की गई है।
  •  दूसरी कैटगरी में पहली कैटेगरी में शामिल शहरों को छोड़कर बाकी जो बड़े शहर बचते हैं उनमें और उनके चारों तरफ 3 किलोमीटर में शराब की दुकानों (देसी शराब, कंपोजिट दुकान, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकान) के लिए क्रमश: 60 हजार रुपये, 85 हजार रुपये, 90 हजार रुपये और 25 हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस तय की गई है।
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  •  तीसरी कैटेगरी में सभी नगर पालिका क्षेत्रों और उनके चारों तरफ 3 किलोमीटर के इलाकों को शामिल किया गया है। इनमें देसी शराब, कंपोजिट दुकान, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकान के लिए क्रमश: 50 हजार रुपये, 75 हजार, 80 हजार और 25 हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस तय की गई है।
  • आबकारी मंत्री ने बताया कि चौथी कैटेगरी में नगर पंचायत की सीमा और उसके चारों तरफ तीन किलोमीटर के इलाकों को शामिल किया गया है। इनमें प्रोसेसिंग फीस क्रमश: 45 हजार रुपये, 65 हजार रुपये, 70 हजार रुपये और 25 हजार रुपये रखी गई है।
  • पांचवीं कैटेगरी में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यहां देसी शराब, कंपोजिट दुकान, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकान के लिए प्रोसेसिंग फीस क्रमश: 40 हजार रुपये, 55 हजार रुपये, 60 हजार रुपये और 25 हजार रुपये तय की गई है। उन्होंने बताया कि नई नीति में कंपोजिट दुकान के रूप में एक नया मॉडल पेश किया गया है। कम्पोजिट दुकान का मतलब ये है कि अलग-अलग प्रकार की बियर और बाकी तरह की शराब की दुकानों को मिलाकर एक दुकान का स्वरूप दिया जाएगा।
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6-  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में जल परिवहन एवं जल पर्यटन को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण’ के गठन को मंजूरी दे दी है। इस प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली 2025’ को प्रख्यापित किया गया है। देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग मौजूद हैं।

7-  यूपी 112 को मिलेंगे 469 नए वाहन जिसको लेकर मंत्री ने बताया कि यूपी 112 के निर्बाध संचालन के लिए कैबिनेट ने 469 पुराने वाहनों की जगह 469 नए वाहनों का अनुमोदन प्रस्ताव मंजूर कर लिया। इसके लिए 43 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी। इसमें चार पहिया वाहनों के साथ-साथ दोपहिया वाहनों की भी खरीद की जाएगी।

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8-  प्राधिकरण के कार्य और संरचना को लेकर सुरेश खन्ना ने कहा – इस प्राधिकरण के अंतर्गत विभिन्न महत्वपूर्ण प्रावधानों को शामिल किया गया है। इनमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की शक्तियां एवं कर्तव्य, आवासीय व्यवस्था, यात्रा भत्ता, बैठकों की प्रक्रिया, कोरम, सलाहकार समितियों का गठन, कार्य संचालन की प्रक्रिया, सदस्यों का कार्यकाल, विशेषज्ञों का पैनल, बजट, लेखा और लेखा परीक्षा से जुड़े नियमों को सम्मिलित किया गया है। इसके अलावा, वार्षिक लेखा रिपोर्ट, आरक्षित निधि, तथा भूमि और संपत्ति में प्रवेश करने से संबंधित प्रावधान भी निर्धारित किए गए हैं।

9-  केजीएमयू में 500 बेड के ट्रामा सेंटर का विस्तार होगा। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए यहां स्थापित ट्रामा सेंटर के विस्तार का निर्णय लिया गया है। वर्तमान ट्रामा सेंटर का विस्तार करते हुए इसे 460 बेड से बढ़ाकर 500 बेड का किया जाएगा। इसके साथ ही पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स का भी निर्माण कराया जाएगा। इस पर 272 करोड़ 97 लाख रुपए की राशि खर्च होगी। इस निर्णय से एक ही छत के नीचे किसी भी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों को सभी सर्जिकल स्पेशियलिटी सुविधाएं सुलभ हो सकेगी।

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