ज्योतिष ज्ञान में सीखें ज्योतिष: कुंडली में गुरु की दृष्टि से होगी अमृत वर्षा
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि के लिए आज ज्योतिष ज्ञान का विषय है ज्योतिष ज्ञान में गुरु की दृष्टि से अमृत की वर्षा केंद्र वर्ती गुरु स्वगृही मित्र गृही उच्च का होकर जब चंद्रमा आदि शुभ ग्रहों पर शुभ दृष्टि डालता हैं तो अमृत बरसता है।

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जैसे कर्क लग्न में लग्नेश चंद्रमा भाग्येश गुरु स्वगृही होकर पंचम दृष्ट से चंद्रमा को देख रहा है वही गुरु पंचमेश मित्र मंगल को नवी दृष्ट से अमृत की वर्षा कर रहा है।
गुरु की दृष्टि
लग्नेश पंचमेश भाग्येश मिलकर एक दूसरे पर दृष्ट से अमृत वर्षा से जातक परिवार सहित राज योग से जीवन जीता उसको आम लोग भाग्यशाली कहते है। फलदीपिका के अनुसार ऋषि परासर ने अपने दृष्ट से अमृत बरसता हुआ योग कहते है।
इसी तरह जब शनि तुला का होकर गुरु के घर पर दृष्ट डालता हैं तो गुरु शनि का योग जातक को वैज्ञानिक बनाता है जन्म स्थान से दूर जाकर फॉरेन में वृद्धि करता है। शनि ग्रह को न्यायकारी कठोर निर्णय लेने वाला जज मेट करने वाले ग्रह माना जाता है।

जब मकर राशि में राहु की युति हो राज योग बनाता है जितने उच्च पद पर राज नेता हो टेक्निकल इंजीनियर पुल आदि का रिस्की काम करने वाले या ठेकेदार सब राहु शनि से प्रभावित देखे गए हैं।
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