बिहार सीएम नीतीश ने कैबिनेट बैठक में लगाई 46 एजेंडों पर मुहर, जानें क्या लागू हुई योजना
Bihar: बिहार सरकार ने चुनाव से पहले बिहार के पंचायती राज की वित्तीय शक्तियों में वृद्धि की है, इसके लिए नीतीश कैबिनेट ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जिससे ग्रामीण विकास, सामाजिक सुरक्षा, और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।

नीतिश कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण फैसले पर लगी मुहर
आपको बतादें कि बिहार सरकार ने नीतीश कैबिनेट की मंगलवार यानी कि आज हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। जिसमें ग्रामीण विकास, सामाजिक सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे कुल 46 एजेंडों पर मुहर लगी इसके साथ पंचायती राज की वित्तीय शक्तियों में वृद्धि की गई। इसमें मुख्य रूप से दीदी की रसोई में मिलने वाले प्रति थाली भोजन की कीमत को कम कर दिया गया है। पहले जहां प्रति थाली 40 रुपये में भोजन मिलता था, जिसे अब 20 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा हर पंचायत में एक विवाह भवन बनाने का फैसला लिया गया है।

इन निर्णयों में पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय शक्तियों में वृद्धि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भारी बढ़ोतरी, जीविका दीदियों के लिए ऋण सीमा में इजाफा और हर पंचायत में विवाह मंडप निर्माण जैसे कदम शामिल हैं।
इन कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
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बताते चले कि सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जून को पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया था, जिसके बाद आज की कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को अब 5 लाख रुपये की बजाय 10 लाख रुपये तक की योजनाओं को स्वीकृत करने का अधिकार होगा।

साथ ही बताते चले कि जातिगत गणना के आधार पर 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने के लिए अपर मुख्य सचिव स्तर की समिति गठित की गई है। बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने बताया कि यह राशि जल्द से जल्द वितरित की जाएगी। ये फैसले न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे, बल्कि सामाजिक समावेश और महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देंगे।
जुलाई 2025 से लागू होगी ये योजना
बताते चले कि जुलाई 2025 से योजना लागू होगी जिसके जरिए 1.09 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाएगा।
मुखिया और सरपंचों का मासिक मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये कर दी जाएगी।
वार्ड सदस्यों और पंचों का मानदेय 800 रुपये से 1,200 रुपये कर दिया गया है।
पंचायती राज प्रतिनिधियों की आकस्मिक या सामान्य मृत्यु पर अब 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भी बड़ा इजाफा किया गया है।
बुजुर्गों, दिव्यांगों, और विधवाओं को 400 रुपये की जगह 1,100 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को अब 5 लाख रुपये की बजाय 10 लाख रुपये तक की योजनाओं को स्वीकृत करने का अधिकार होगा।
दीदी की रसोई में मिलने वाले प्रति थाली भोजन 40 रुपये से 20 रुपये कर दिया गया।
जीविका दीदियों के लिए बैंक ऋण की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है, जिसमें 7% की ब्याज दर लागू होगी।
जीविका से जुड़े 1.40 लाख कर्मियों का मानदेय दोगुना कर दिया गया है, जिसके लिए 700 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए हर पंचायत में 50 लाख रुपये की लागत से विवाह मंडप बनाए जाएंगे। इनका निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाएगा।
संचालन और रखरेखा जीविका दीदियों के विलेज ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से होगी। जिसके लिए 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
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बिहार सीएम ने दी पोस्ट के जरिए जानकारी
सीएम नीतीश ने कहा- “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण कराएगी। आज कैबिनेट में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ की मंजूरी दे दी गई है। पंचायतों में विवाह भवनों के निर्माण हेतु 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों के द्वारा किया जाएगा। पंचायत स्तर पर विवाह भवनों के निर्माण से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को काफी फायदा होगा।”
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण कराएगी। आज कैबिनेट में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ की मंजूरी दे दी गई है। पंचायतों में विवाह…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) June 24, 2025
दीदी की रसोई पर बड़ा ऐलान
सीएम नीतीश ने ’दीदी की रसोई’ के संचालन को लेकर भी बड़ा ऐलान किया जिसकी जानकारी सोशल मीडिया X के जरिए देते हुए लिखा- “आप सभी अवगत हैं कि जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ का संचालन बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों तथा विभिन्न सरकारी संस्थानों में जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ द्वारा संचालित कैंटीन के माध्यम से 40 रूपए प्रति थाली भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था। अब हमलोगों ने 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी गई है।
आप सभी अवगत हैं कि जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ का संचालन बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों तथा विभिन्न सरकारी संस्थानों में जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ द्वारा संचालित कैंटीन के माध्यम से 40 रूपए प्रति थाली… pic.twitter.com/HU2EPyJZ97
— Nitish Kumar (@NitishKumar) June 24, 2025
‘दीदी की रसोई’ का प्रति थाली न्यूनतम खर्च लगभग 40 रूपए है इसलिए 20 रूपए प्रति थाली की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा जीविका को उपलब्ध कराई जाएगी। सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी। राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हम लोगों ने इस व्यवस्था को राज्य के सभी समाहरणालयों, अनुमण्डल कार्यालयों, प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालयों में भी लागू करने का निर्णय लिया है और इसके लिए अधिकारियों को निदेशित कर दिया गया है ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले आमजनों को सस्ते दर पर शुद्ध भोजन मिल सके।”