गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा से जानें सफलता के तीन कदम
गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज का विषय हैं जानें सफलता के तीन कदम के बारें में.. जैसा कि आप सभी जानते है कि प्रत्येक गुरुवार को गुरु का संदेश मिलता है आज का विषय है वहीं आज जानेंगे सफलता के तीन कदम के बारें में..
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सफलता का पहला कदम
जो व्यक्ति सफलता हासिल करना चाहता है वह पता लगाए कि कौन सा काम करें जिसमें हमको प्रेम हो क्योंकि जब तक काम में प्रेम नहीं होगा तब तक काम मन से नहीं होगा। प्रेम से किया गया काम करने से सफलता हासिल होगी।

सफलता का दूसरा कदम
वहीं सफलता के दूसरे कदम में जिस काम से प्रेम है उस काम का विशेषज्ञ बनना अर्थात पूरे मनोयोग से सीखना उस काम में मास्टर हो जाना चाहिए।
सफलता का तीसरा कदम
अब बात करते है सफलता के तीसरा कदम के बारें में जिसके लिए आप सुनिश्चित करें, जो काम हम करते है उसमें दूसरे का फायदा है कि नहीं केवल अपना हित चाहते है तो सफल नहीं होगे। लाभ को उल्टा करें भला यही करने से सफल लोग इतिहास में महानता हासिल करते हैं। महान लोग की जीवन गाथा पढ़े चाहे इब्राहिम लेकिन हो, महात्मा गांधी हो, नेशनल मंडेला हो या हमारे आदर्श पुरुष राम, कृष्ण, दयानंद ,श्री राम शर्मा आचार्य जी ने अपने साथ लोगों को दिशा निर्देश देकर साधारण मानव से महा मानव बने और बनाए।
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सफलता पाने के लिए करें संघर्ष

यही रास्ता है सफलता की सीढ़ियों पर जाने की यह मार्ग उसको मिलती और दिखती हैं जिनपर गुरु की कृपा होती हैं। केवल चाहने मात्र से सफलता नहीं मिलती
अपनी चाहत को गोल में बदलकर उसपर एक्शन करें रास्ते में बहुत कठिन परीक्षा होगी। राम को राजकुमार से भगवान राम बनने में चौदह वर्ष का वनवास करना पड़ा तब जाकर असुरों का संहार किया राम राज्य की स्थापना हुई रास्ते में निषाद राज से प्रलोभन मिला, शूर्पणखा का प्रस्ताव मिला, मारीच का छल प्रपंच सहते हुए सुग्रीव हनुमान का साथ मिला तब जाकर बाली और रावण का वध हुआ रामराज्य की स्थापना हुई। जिसके बाद साधारण राजकुमार राम से भगवान राम हुए।