गुरुवार का ज्ञान: अवचेतन मन की शक्ति से सपना करें साकार
गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज का विषय है अवचेतन मन की शक्ति जैसा कि प्रत्येक गुरुवार को हम सब गुरु प्रसाद पाते है जिसमें जैसी पात्रता होती है वह उसी शब्द का अर्थ अपने-अपने हिसाब से लगाता है। हिसाब लगाना और उस पर चलना फिलिंग करना सब अलग- अलग हैं।
Read More: पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का बदलेगा नाम, दिल्ली CM ने की रेल मंत्री से मांग

गजेंद्र मोक्ष की कहानी
भगवान शब्द नहीं भाव देखते हैं कहानी गजेंद्र मोक्ष की है एक बार एक प्यासा हाथी जंगल में जल पीने एक तालाब में गया तालाब में घुस कर जल पी रहा था। उसी समय एक मगरमच्छ ने हाथी का पैर पकड़ लिया जल में खींचने लगा हाथी और मगरमच्छ के बीच द्वंद्व युद्ध होने लगा दोनों अपने-अपने तरफ खींच रहे थे। लाचार हाथी, गज असमर्थ हो कर नारायण श्री हरि को पुकारा गज की पुकार पर स्वयं नारायण श्री हरि ने मगरमच्छ से गज को छुड़ाया और मगरमच्छ वध किया।

कुछ देर शांत हाथी ने श्री हरि से पूछा प्रभु आप ने किसका कल्याण किया हमने पुकारा आप आए और मगरमच्छ को मारकर उसका मोक्ष किया, क्योंकि जो श्री हरि के हाथ से मारा जाता है उसका बैकुंठ हो जाता है उसका मोक्ष मिलता है। उसका उद्धार हो जाता है और नाम गजेंद्र मोक्ष कहा जाता है।
श्री हरि की कृपा
लेकिन मोक्ष तो मगर का हुआ नाम हमारा हुआ भगवान श्री हरि ने कहा में शब्द नहीं भाव देखता हूं मैं जब यहां आया तो देखा जो हमारे भक्त का पैर पकड़ लिया है उसका उद्धार किया जाये चाहे हमारी भक्ति करें या नहीं लेकिन हमारे भक्त का पैर पकड़ा है भगवान शब्द नहीं भाव पिक्चर देखते है।

“किसी ने कहा भाव का भूखा हूं मैं भाव ही बस सार है भाव से मुझको भजे तो भव से बेड़ा पार है। अन्न धन और बस्तर भूषण कुछ न मुझको चाहिए भाव से एक पुष्प भी दे दो मुझे स्वीकार है।” भगवान शब्द नहीं भाव चाहते है जो हमारी चाहत है वह मन में देखे पिक्चर तो मिल जाएगा।
Read More: साइबर क्राइम, डिजिटल अरेस्ट पर DoT की बड़ी कार्रवाई, SIM ब्लॉक- whatsapp lock