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ईरान vs अमेरिका: ईरान में ट्रंप के लिए फतवा जारी, ट्रंप प्रशासन ने किया अगाह “ईरान मत जाओ”

ईरान vs अमेरिका: ईरान में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली पीएम बेंजामिन को मारने के लिए फतवा जारी किया गया है, इतनी ही नहीं ईरान के वेस्ट अजरबैजान प्रांत में एक और मौलवी ने खुलेआम ऐलान कर दिया है कि जो भी ट्रंप का सिर लाएगा उसके 100 अरब तोमान यानी करीब 1.14 मिलियन डॉलर का इनाम मिलेगा। ये ऐलान ईरान की सरकारी इस्लामिक प्रचार संस्था के एक अधिकारी ने किया। जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी नागरिकों को ईरान मत जाने की हिदायत दी हैं।

ईरान vs अमेरिका: ईरान में ट्रंप के लिए फतवा जारी, ट्रंप प्रशासन ने किया अगाह "ईरान मत जाओ"

अमेरिका और ईरान बढ़ा तनाव

आपको बतादें कि ईरान के वेस्ट अजरबैजान प्रांत में एक और मौलवी ने खुलेआम ऐलान कर दिया है कि जो भी ट्रंप का सिर लाएगा उसके 100 अरब तोमान यानी करीब 1.14 मिलियन डॉलर का इनाम मिलेगा। बताते चले कि यह ऐलान ईरान की सरकारी इस्लामिक प्रचार संस्था के एक अधिकारी ने किया।

जिसके बाद अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा – ईरानी शासन दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता है और हिरासत में लिए गए अमेरिकी नागरिकों को नियमित रूप से कांसुलर सहायता देने से इनकार करता है। इसके साथ ही दोनों के बीच तनाव की स्थिति को देखते हुए अमेरिका ने अपने नागरिकों को ईरान नहीं जाने की सलाह दी है। साथ ही अमेरिका की ओर से ईरान यात्रा को लेकर नई एडवाइजरी जारी की गई, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नागरिकों को किसी भी स्थिति में ईरान की यात्रा नहीं करनी चाहिए।

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ट्रंप के खिलाफ इनाम घोषित, चंदा शुरू

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आपको बताते चले कि ईरान में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली पीएम बेंजामिन को मारने के लिए फतवा जारी किया गया है जिसके बाद फतवा जारी होने के बाद चंदा जुटाने का अभियान भी शुरु हो गया है। हालांकि, ईरानी सरकार की ओर से साफ किया गया है कि इस तरह के फतवे उनका आधिकारिक रुख नहीं दर्शाते। वहीं ईरान के मौलवी ने 17 करोड़ की उगाही कर ली हैं।

ईरान के दो कट्टरपंथी मौलवियों ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इस्लाम का दुश्मन बताकर उनके कत्ल का फतवा जारी किया। इसके बाद ईरान में एक वेबसाइट THAAR.IR पर चंदा जुटाने का अभियान शुरू हो गया।

अमेरिकी विदेश विभाग ने जारी की चेतावनी

अमेरिकी विदेश विभाग के वाणिज्य दूतावास कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा- ‘अमेरिकी नागरिकों को किसी भी कारण से ईरान नहीं जाना चाहिए। ईरान में अमेरिकी नागरिकों को बिना किसी चेतावनी और अपराध का कोई सबूत दिए अगवा किया गया है और गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है। इनमें दोहरी नागरिकता (यूएस-ईरानी) रखने वाले नागरिक भी शामिल हैं। कुछ को झूठे आरोपों में सालों तक कैद रखा गया, मानसिक यातना दी गई और यहां तक कि मौत की सजा भी सुनाई गई है। सिर्फ अमेरिकी पासपोर्ट होना या अमेरिका से संबंध होना ही ईरानी अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी का कारण बन सकता है।’

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अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा-‘ईरानी शासन दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता है और हिरासत में लिए गए अमेरिकी नागरिकों को नियमित रूप से कांसुलर सहायता देने से इनकार करता है।’ उन्होंने कहा कि हालांकि बमबारी रुक गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ईरान की यात्रा करना सुरक्षित है।

अमेरिकी सरकार की वेबसाइट लॉन्च

टैमी ब्रूस ने यह भी बताया कि अमेरिकी सरकार एक नई वेबसाइट लॉन्च कर रही है, जिसका उद्देश्य अमेरिकियों को ईरान यात्रा से सावधान करना है। ब्रूस ने कहा- हम अमेरिकियों को ईरान की यात्रा के प्रति आगाह करने के लिए एक नई वेबसाइट भी शुरू कर रहे हैं। आप कई भाषाओं में देख सकते हैं। हमारी यात्रा संबंधी एडवाइजरी भी वहां उपलब्ध है। वो अभी भी लागू है। विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा-“हम ये बात बार-बार दोहराते हैं कि ईरान की यात्रा न करें, खासकर वो लोग जो दोहरी नागरिकता रखते हैं या ईरानी मूल से हैं। यह किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है।”

कट्टरता के पीछे की राजनीति

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बताया जा रहा है कि जिन मौलवियों ने फतवे जारी किए हैं, उनमें कुछ ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी भी हैं। उन्होंने ट्रंप और नेतन्याहू को मोहरेब यानी ईश्वर का दुश्मन बताया है। ये वही शब्दावली है जो 1989 में सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवे के दौरान इस्तेमाल की गई थी।

इन मौलिवियों की मुहिम को अब तक करीब दस और धार्मिक नेताओं का समर्थन मिल चुका है। इतनी ही नहीं ईरान के वेस्ट अजरबैजान प्रांत में एक और मौलवी ने खुलेआम ऐलान कर दिया है कि जो भी ट्रंप का सिर लाएगा उसके 100 अरब तोमान यानी करीब 1.14 मिलियन डॉलर का इनाम मिलेगा। ये ऐलान ईरान की सरकारी इस्लामिक प्रचार संस्था के एक अधिकारी ने किया।

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राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने बनाई दूरी

ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया है। उनके मुताबिक, सरकार ने कभी ट्रंप के खिलाफ कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया। इस घटनाक्रम ने दुनिया को फिर 1989 की याद दिला दी, जब ईरान के पूर्व नेता रुहोल्लाह खोमैनी ने ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी के खिलाफ जानलेवा फतवा जारी किया था। सालों तक सुरक्षा घेरे में रहने के बावजूद रुश्दी पर 2022 में अमेरिका में हमला हुआ, जिसमें उनकी एक आंख चली गई।

https://www.abplive.com/news/world/donald-trump-security-threat-iran-supreme-leader-ayatullah-khamenei-advisor-says-us-president-could-be-hit-by-drone-at-mar-a-lago-house-2976606

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