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संसद का मानसून सत्र कल से शुरू, उठेंगे ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दे

Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है और इससे पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा – सरकार संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा को तैयार है इसके साथ ही प्रमुख सभी
मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

संसद का मानसून सत्र कल से शुरू, उठेंगे ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दे

मानसून सत्र में सरकार को घेरेगी विपक्ष

संसद का मानसून सत्र कल यानी 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसके पहले आज सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी उस दौरान विपक्ष ने बैठक में कई अहम मुद्दे उठाए जिन्हें वह संसद में जोर-शोर से उठाने वाले है जैसे कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) में गड़बड़ियों का आरोप, हाल ही में हुआ पहलगाम आतंकी हमला और ट्रंप का विवादित दावा प्रमुख हैं। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी तीन प्रमुख मांगें लेकर संसद पहुंचेगी। इसके साथ ही संसद में महाभियोग समेत 17 बिल पेश होंगे।

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विपक्ष के सवाल

संसद का मानसून सत्र कल से शुरू, उठेंगे ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दे

विशेष रूप से रक्षा, विदेश नीति और चुनावी ढांचे से संबंधित मुद्दों पर बात करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के दावे पर संसद में बयान दें।

पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक पर सरकार जवाब दे।

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया की जांच हो।

आम आदमी पार्टी ने उठाया ‘चुनावी घोटाले’ का मुद्दा।

आप सांसद संजय सिंह ने बैठक में SIR प्रक्रिया को “चुनावी घोटाला” करार देते हुए कहा कि यह देश के लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने ट्रंप के भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता संबंधी बयानों पर भी चिंता जाहिर की।

संसद सुचारू रूप से चले- किरेन रिजिजू

वहीं इस बैठक के खत्म होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा कि सरकार संसद के मानसून सत्र के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने सदन के सुचारू रूप से संचालन के लिए सरकार और विपक्ष के बीच बेहतर समन्वय का भी आह्वान किया। इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को अच्छे समन्वय के साथ मिलकर काम करना चाहिए। हम अलग-अलग विचारधाराओं वाले राजनीतिक दल हो सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है कि संसद सुचारू रूप से चले, विपक्ष की भी और सरकार की भी।

इसके साथ ही रिजिजू ने कहा, सरकार संसद में इस मुद्दे पर उचित जवाब देगी। इतना ही नहीं जानकारी देते हुए किरन ने कहा- महाभियोग प्रस्ताव को सांसदों का अच्छा-खासा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा, इस प्रस्ताव पर 100 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं।

‘हर मुद्दे पर चर्चा, नियमों और परंपराओं के अनुसार’

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “कई मुद्दे ऐसे हैं जिन पर पार्टियों ने कहा -इन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। हम खुले दिल से चर्चा के लिए तैयार हैं। हम नियमों और परंपराओं के अनुसार काम करते हैं और इनका बहुत महत्व रखते हैं। इसलिए, हम हर मुद्दे पर चर्चा करेंगे, लेकिन नियमों और परंपराओं के अनुसार।”

संसद का मानसून सत्र कल से शुरू, उठेंगे ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दे

उन्होंने यह भी कहा कि छोटे राजनीतिक दलों, खासकर जिनके पास 1-2 सांसद हैं, उनके सदस्यों को बोलने के लिए कम समय मिलता है क्योंकि समय उनकी संख्या के अनुसार दिया जाता है, लेकिन हमने इस पर संज्ञान लिया है। हम छोटे दलों को पर्याप्त समय देने पर सहमत हुए हैं। हम इसे लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपनी राय रखी। एनडीए, यूपीए (भारतीय गठबंधन) और इनके बीच के दलों ने अपनी राय रखी है। हम इन सभी मुद्दों को संसद में ले जाएंगे। संसद में क्या चर्चा होनी है और क्या नहीं, यह बीएसी (कार्य मंत्रणा समिति) में तय किया जाएगा।

सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल

यह बैठक राज्यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई। सरकार की ओर से किरन रिजिजू और राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भाग लिया। बैठक में विपक्ष की ओर से कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले, डीएमके के टीआर बालू, आरपीआई (A) के रामदास अठावले शामिल हुए। माना जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र बड़ा सियासी रण साबित होने वाला है। हालांकि 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलने वाले सत्र में कुल 21 बैठकें होनी तय है। 7 पिछले सत्र के लंबित बिल चर्चा होनी है और 8 नए बिल पर मानसून सत्र में चर्चा कर उसे सरकार उसे पास कराएगी।

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