उत्तर प्रदेश

यूपी में CBI और ED की तर्ज पर पुलिस करेगी काम, DGP ने जारी किया दिशा-निर्देश

UP News: उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर सख्ती बरतने के लिए यूपी पुलिस हमेशा एक्टिव रहती हैं। वहीं अब गिरफ्तारी और तलाशी को लेकर
यूपी डीजीपी राजीव कृष्ण ने सख्त नियम के दिशा-निर्देशों को जारी किया हैं।

मेमो का प्रारूप जारी – UP डीजीपी

यूपी में CBI और ED की तर्ज पर पुलिस करेगी काम, DGP ने जारी किया दिशा-निर्देश

आपको बतादें कि यूपी पुलिस CBI और ED की तर्ज पर काम करेगी, इसके लिए गिरफ्तारी और तलाशी को लेकर सख्त नियम बने हैं। बताते चले कि डीजीपी कार्यालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब हर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक अधिकारी को नामित करना जरूरी होगा, जो गिरफ्तारी से संबंधित सभी विवरण तैयार करेगा।

UP डीजीपी ने गिरफ्तारी और व्यक्तिगत तलाशी मेमो का प्रारूप जारी करते हुए कहा- कानून का पालन जरूरी, इसके साथ ही यूपी डीजीपी ने कहा – किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सांविधानिक अधिकार प्रभावित होता है। किसी भी व्यक्ति के सांविधानिक अधिकार का हनन कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया को पूरा किए बिना नहीं किया जा सकता है।

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अब सीबीआई-ईडी की तर्ज पर काम करेगी यूपी पुलिस

यूपी में CBI और ED की तर्ज पर पुलिस करेगी काम, DGP ने जारी किया दिशा-निर्देश

यूपी पुलिस महानिदेशक (DGP) मुख्यालय ने गिरफ्तारी और तलाशी से जुड़े 16 बिंदुओं पर आधारित नया मेमो सभी जिलों को भेजा है। इस आदेश के जरिए हर गिरफ्तारी की प्रक्रिया को कागजों में दर्ज करना और उसकी पूरी जानकारी नियमानुसार देना अनिवार्य कर दिया गया है।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में गिरफ्तारी मेमो और व्यक्तिगत तलाशी मेमो का प्रारूप जारी किया है। अदालत के आदेश पर डीजीपी ने अभियुक्त की गिरफ्तारी के समय बनने वाले मेमो में अंकित सूचनाओं के संबंध में अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति का गठन किया था।

रिकॉर्ड के लिए 16 जरूरी बिंदु

राज्य की पुलिस को अब गिरफ्तारी की प्रक्रिया में केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे सीबीआई और ईडी का पैटर्न अपनाने को कहा गया है, यानी हर गिरफ्तारी पर एक विस्तृत रिकॉर्ड तैयार होगा। जिसमें 16 जरूरी बिंदुओं की जानकारी शामिल होगी। इसमें गिरफ्तारी का समय, स्थान, कारण, आरोपी के बयान, बरामद वस्तुएं, मेडिकल परीक्षण की स्थिति, आदि शामिल हैं। इसके अलावा गिरफ्तारी के वक्त मौजूद दो स्वतंत्र गवाहों के हस्ताक्षर भी अनिवार्य कर दिए गए हैं।

यूपी में CBI और ED की तर्ज पर पुलिस करेगी काम, DGP ने जारी किया दिशा-निर्देश

डीजीपी कार्यालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब हर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक अधिकारी को नामित करना जरूरी होगा, जो गिरफ्तारी से संबंधित सभी विवरण तैयार करेगा। इसके साथ ही इस विवरण को संबंधित जिले के कंट्रोल रूम में प्रदर्शित भी किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इसके साथ ही आदेश में कहा गया है कि गिरफ्तार व्यक्ति के नाम-पते का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए एक उपनिरीक्षक (SI) या उससे वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती अनिवार्य होगी। साथ ही हर जिले में एक जिम्मेदार अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि गिरफ्तारी की हर कार्रवाई इन 16 बिंदुओं के अनुरूप हो।

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डिजिटल युग में पुलिसिंग को नई मजबूती

लखनऊ में 1930 साइबर हेल्पलाइन के विस्तारित कॉल सेंटर का उद्घाटन किया। अब यह 30 सीटों वाला 24×7 सुविधा केंद्र है, जहाँ 94 प्रशिक्षित पुलिसकर्मी कार्यरत हैं, जो यूपी में बढ़ते वित्तीय साइबर अपराधों पर तेज़ और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। इस विस्तार के माध्यम से हमने तकनीक-सक्षम, त्वरित और जन-केंद्रित साइबर सुरक्षा व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।

₹5 लाख की एफआईआर सीमा समाप्त करना, जोन स्तर पर साइबर कमांडो की नियुक्ति, और व्यापक साइबर प्रशिक्षण पर जोर—इन नीतिगत सुधारों से साइबर अपराधों की जाँच और डिजिटल युग में जनता के अनुकूल पुलिसिंग को नई मजबूती मिलेगी।

जानें क्यों मेमो हुआ जारी

यूपी में CBI और ED की तर्ज पर पुलिस करेगी काम, DGP ने जारी किया दिशा-निर्देश

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) कई बार गिरफ्तारी की प्रक्रिया में पारदर्शिता और मानवीय अधिकारों की रक्षा पर जोर दे चुके हैं। इसके बाद यूपी में समय-समय पर सुधारात्मक कदम उठाए जाते रहे हैं, अब डीजीपी मुख्यालय के इस नए आदेश को पुलिसिंग में सुधार की बड़ी पहल माना जा रहा है। इसके साथ ही सभी पुलिस कप्तानों को DGP का आदेश भेजा गया हैं, और इसके कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं।

इस नई व्यवस्था से न केवल निर्दोषों को फंसने से बचाया जा सकेगा, बल्कि पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। साथ ही गिरफ्तार लोगों के परिजन को भी पूरी जानकारी समय पर मिल सकेगी, जिससे अनावश्यक तनाव से राहत मिलेगी।

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