मुंबई में बारिश का कहर- रेड अलर्ट जारी, सड़कों पर पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त
Heavy Rainfall Mumbai 2025: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई (Mumbai) इस वक्त भारी बारिश से जूझ रही है। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने मायानगरी की रफ्तार थाम दी है। सोमवार को सिर्फ आठ घंटे में 177 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे कई इलाकों में सड़कें दरिया जैसी दिखने लगीं।

मुंबई और महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन ठप। आईएमडी ने मुंबई समेत कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया। स्कूल-कॉलेज बंद, ट्रेनों और उड़ानों पर असर। पढ़ें पूरी अपडेट।
बतादें कि मुंबई के सायन, अंधेरी, लोखंडवाला, गांधी मार्केट और सबवे क्षेत्रों में जलभराव के चलते यातायात प्रभावित हुआ है। यहां तक कि कई स्कूल बसें और प्राइवेट वाहन पानी में फंस गए।
Read More: घी खाएं और चेहरे पर लगाएं – झुर्रियां, दाग-धब्बे, ड्राई स्किन दूर भगाएं, जानें फायदे
स्कूल और कॉलेज बंद – BMC का बड़ा फैसला
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने घोषणा की है कि 19 अगस्त 2025, मंगलवार को मुंबई शहर और उपनगरों के सभी सरकारी, निजी और नगर निगम स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। बताते चले कि यह फैसला भारतीय मौसम विभाग (IMD) के रेड अलर्ट के बाद लिया गया है। वहीं BMC ने नागरिकों से अपील की है कि वे जरूरी काम होने पर ही घर से निकलें और समुद्र किनारों व निचले इलाकों से दूर रहें।
मौसम विभाग की चेतावनी – अगले 12 घंटे बेहद अहम

इसके साथ ही भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई सहित रायगढ़, रत्नागिरी, सतारा, कोल्हापुर और पुणे जैसे जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है। मुंबई और उपनगरों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में 17 से 21 अगस्त तक लगातार भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा – अगले 12 घंटे बेहद अहम हैं और नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए।
जनजीवन पर असर – सड़कें बनीं दरिया, यातायात थमा
- निचले इलाकों में पानी भर गया है।
- अंधेरी सबवे, वकोला ब्रिज, हयात जंक्शन और खर सबवे जैसे स्थानों पर भारी जलजमाव हुआ।
- लोकल ट्रेन सेवाएं आठ से दस मिनट की देरी से चल रही हैं। हालांकि, अभी तक कोई सेवा पूरी तरह से बंद नहीं हुई है।
- हवाई उड़ानों पर असर हो रहा जिसके चलते मुंबई एयरपोर्ट से उड़ानों में देरी हुई है।
- अकासा एयर और इंडिगो ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे एयरपोर्ट पहुंचने के लिए अतिरिक्त समय लेकर निकलें।
एनडीआरएफ और सेना मोर्चे पर
भारी बारिश के बाद हालात बिगड़ने लगे तो NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और सेना को राहत कार्यों में लगाया गया है। मुंबई और आसपास के निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। कई जगहों पर बचाव नावों और बड़ी मशीनों की मदद से जल निकासी का काम जारी है। वहीं भारी बारिश के चलते नांदेड़ और मराठवाड़ा में बारिश से हालात बिगड़ गए और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई हैं।

वहीं मुखेड़ तालुका में पांच लोग लापता हो गए। रावण गांव में 225 लोग बाढ़ में फंसे, जिन्हें सुरक्षित निकालने का अभियान चल रहा है। मराठवाड़ा क्षेत्र के कई हिस्सों में भी जलभराव से लोग प्रभावित हैं।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक – राहत कार्य तेज़
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण करीब 4 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। 800 गांव प्रभावित हैं और 150 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। छत्रपति संभाजीनगर, लातूर, बीड और नांदेड़ जिलों में फसलें पूरी तरह डूब गईं। राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को राहत और मुआवजा संबंधी निर्णय तत्काल लेने के निर्देश दिए हैं।
आजच्या दिवसाचा सारांश | सोमवार, 18 ऑगस्ट 2025
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) August 18, 2025
राज्यात अतिवृष्टीच्या पार्श्वभूमीवर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांचे सर्व यंत्रणांना सतर्कतेचे निर्देश
मुख्यमंत्र्यांकडून राज्यातील पर्जन्यस्थितीचा आढावाhttps://t.co/ebEsvOchD4
मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहाय्यता निधीतून, अमरावती…
वहीं मृतकों की संख्या बढ़कर 7 हुई। भारी बारिश और उससे जुड़े हादसों में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। कोंकण और मराठवाड़ा क्षेत्रों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई जगह मकान ढहने और करंट लगने जैसी घटनाओं से जनहानि हुई है।
Read More: Alert: डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए न पड़ें ठगों के जाल में, CBSE ने बताई सही प्रक्रिया
बताते चले कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलेक्टरों और विभागीय आयुक्तों से हालात की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि राहत शिविरों में भोजन, पानी और दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था हो। नागरिकों को अलर्ट रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।

नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी
- घर से तभी निकलें जब बहुत जरूरी हो।
- समुद्र किनारे, नदियों और झरनों से दूर रहें।
- जलभराव वाले इलाकों में इलेक्ट्रिक पोल या तारों से दूर रहें।
- रेलवे और एयरपोर्ट जाने के लिए अतिरिक्त समय रखें।
- स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की एडवाइजरी पर ही भरोसा करें।