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पितृ पक्ष में करें पितरों का तर्पण, जानें इसका महत्व और विधि

पितृ पक्ष: देश भर में मनाया जाने वाला पितरों के लिए पावन अवसर पितृ पक्ष का 8 सितंबर से शुभ संबत-2082, शालीवाहन-1947, अश्विन-मास, कृष्ण-पक्ष, तिथी- परेवा, दिन-सोमवार, पूर्वा-भाद्रपद नक्षत्र में पितृ पक्ष शुरू हो रहा है।

पितृ पक्ष में करें पितरों का तर्पण, जानें इसका महत्व और विधि

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जानें पितृ पक्ष कब से है

आपको बतादें कि पितृ पक्ष प्रतिपदा तिथि से अमावस्या तिथि तक 15 दिनों का समय पित्रों के लिए होता है। यानी की दिनांक 8 सितंबर से 21 सितंबर तक रहे तक पितृ पक्ष रहेगा। फिर अमावस्या के साथ ही पितृ पक्ष का समापन हो जाएगा। इन खास दिनों में जो परिवार अपने पूर्वज को याद कर उनके जीव को शांति प्रदान करते हैं उनको जल देना, पिंड दान, तर्पण करना चाहते हैं वह पूर्वज के निमित्त संकल्प कर उनका तर्पण कर सकते हैं।

पितृ पक्ष का महत्व

पितृ पक्ष में करें पितरों का तर्पण, जानें इसका महत्व और विधि

वहीं इन दिनों में कुछ अपने-अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गया जी और अन्य धार्मिक स्थलों पर श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने भी जाते हैं। वहीं शास्त्रों में कहा गया है कि जो कोई श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करता है, उनके पितर खुशहाली और सुख-समृद्धि का वरदान देते हैं। अगर कोई व्यक्ति पवित्र पितृ पक्ष में पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म नहीं करता है, उसके पितरों की आत्मा तृप्त नहीं होती, जिससे उनके वंशजों को पितृ दोष का कष्ट झेलना पड़ता है।

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वहीं जिन लोगों को अपने माता-पिता की अंतिम तिथि याद है, वह उस तिथि में उनकी बिदाई करें। वहीं जिनको तिथि नहीं याद है वह अमावस्या तिथि पर अपने पूर्वजों को विदाई करें। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त, तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध के लिए खास समय के जिक्र किया गया है। इस समय में पितरों के निमित्त किए गए इन अनुष्ठानों से पूर्वजों का आत्मा तृप्त होती है और वे खुशी-खुशी अपने लोक को लौट जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों के श्राद्ध के लिए कुतुप काल और रौहिण मुहूर्त बेहद शुभ होता है।

पितृ पक्ष में करें पितरों का तर्पण, जानें इसका महत्व और विधि

पितृ पक्ष में ऐसे करें पूजन

  • पितरों को जल देने का मंत्र – “तस्मै स्वधा नम:” बोले
  • जल दे नदी या सरोवर में या अपने घर में किसी पात्र में जल दान कुश के साथ करें।
  • विदाई के समय अन्न दान, ब्राह्मण को भोजन, गाय को कुत्ता को कौआ को भोजन खिलाएं चींटी को चीनी खिलाएं।
  • अग्नि में अगियारी करें, पूर्वज से प्रार्थना करें, परिवार का विकाश करें, और हमें आशीर्वाद दें।

https://www.indiatv.in/religion/news-pitru-paksha-2025-start-date-time-tarpan-puja-vidhi-live-udpates-kab-kaunsa-shradh-padega-including-mahalaya-amavasya-dates-2025-1160738

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