गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में जानें श्वास और नाड़ी से जीवन का रहस्य
गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज गुरु ज्ञान का विषय है, स्वरोदय तंत्र में माता पार्वती ने ज्ञान के शिरोमणि भगवान शिव से निवेदन करते हुए पूछा- “देव वह कौन सा ज्ञान जानने के बाद मनुष्य सर्व पूज्य मान हो जाता हैं। तब गुरु रूप में भोले नाथ माता पार्वती से कहते है हे देवी सभी ज्ञान में सर्वोत्तम ज्ञान आज मैं कहता हूं।

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श्वास से हासिल करें विजय
मनुष्य के जन्म से मृत्यु तक साथ चलने वाली श्वास जिसमें प्राण वायु को लेना अपान वायु को निकालना उसके बारे में विस्तार से कहता हूं। 72 हजार नाड़ियों में इड़ा चन्द्र नाड़ी पिंगला सूर्य नाड़ी के बीच में सुषुम्ना नाड़ी के रूप में जीव आत्मा का निवास होता हैं जो बिरला ही जानता है आज मैं उसके बारे में कहता हूं।

ज्योतिष शास्त्र में सर्वश्रेष्ठ ज्ञान जहां कोई गणित नहीं बस स्वर का ज्ञान होता है। सुबह जागने के बाद अपने स्वर को देखें कौन सा स्वर चल रहा है कितने अंगुल का है उसका विचार करें वह किस तत्व का है जाने उसी पैर को भूमि पर रख कर प्रणाम करें। जब कही जाना हो तो चलते हुए स्वर के साथ अपने घर से उसी पैर को बाहर निकालने पर विजय हासिल होगी।
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नाड़ी से जानें संतान और जीवन का रहस्य

अगर कोई प्रश्न पूछता है संतान गर्भ में क्या है तो स्वर को देखें चन्द्र नाड़ी के चलने पर कन्या का जन्म होगा और सूर्य स्वर के चलने पर पुत्र का जन्म होता है।
सुषुम्ना के चलने पर गर्भ नष्ट होता हैं। आपको यह फलादेश गुरु से मार्गदर्शन लेकर ही मिलता है। जिसे जानकर सूक्ष्म ज्ञान से मनुष्य सर्व पूज्य मान सम्मान यश कीर्ति में वृद्धि करता हैं।