भारत में बनेगा पहला AI हब: गूगल करेगा 15 अरब डॉलर का निवेश
Google Investment in India: भारत में पहला AI हब से भारत टेक्नोलॉजी के नए युग में प्रवेश करने जा रहा है! दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) ने भारत में एक बड़ा निवेश करने की घोषणा की है। गूगल ने घोषणा की है कि वह अगले 5 सालों में 15 अरब डॉलर (लगभग 1.33 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगा और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में देश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब स्थापित करेगा।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने मंगलवार (14 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद इस ऐतिहासिक परियोजना की घोषणा की। पिचाई ने कहा कि यह AI हब भारत में तकनीकी नवाचार, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार सृजन में क्रांति लाएगा, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत को दुनिया का अग्रणी केंद्र बनाएगा।
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— Sundar Pichai (@sundarpichai) October 14, 2025
भारत में टेक्नोलॉजी की नई शुरुआत
गूगल का यह निर्णय सिर्फ एक निवेश नहीं बल्कि भारत के लिए टेक्नोलॉजिकल रिवॉल्यूशन (Technological Revolution) की शुरुआत है। यह AI हब भारत में डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा, क्लाउड कंप्यूटिंग और डिजिटल कौशल विकास को एक साथ जोड़ देगा।

सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर बहुत अच्छा लगा। हमने विशाखापत्तनम में गूगल के पहले AI हब का प्लान साझा किया। यह एक ऐतिहासिक विकास होगा जो भारत की डिजिटल शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।” उन्होंने आगे बताया कि इस हब में गीगावॉट स्तर की कंप्यूटिंग क्षमता, नया अंतरराष्ट्रीय सबसी गेटवे और एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर का विशाल नेटवर्क तैयार किया जाएगा।
Great to speak with India PM @narendramodi @OfficialINDIAai to share our plans for the first-ever Google AI hub in Visakhapatnam, a landmark development.
— Sundar Pichai (@sundarpichai) October 14, 2025
This hub combines gigawatt-scale compute capacity, a new international subsea gateway, and large-scale energy infrastructure.…
15 अरब डॉलर यानी 1.33 लाख करोड़ रुपये का निवेश
गूगल ने जो निवेश योजना बनाई है, वह भारत के इतिहास में सबसे बड़े विदेशी टेक निवेशों में से एक है। अगर इसे भारतीय मुद्रा में देखा जाए तो यह रकम 1,331.85 अरब रुपये (लगभग 1.33 लाख करोड़ रुपये) होगी। इस निवेश से न केवल गूगल की उपस्थिति भारत में और मजबूत होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और टेक इंडस्ट्री को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
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वहीं गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने बताया कि यह हब AI इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा स्रोतों और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का संगम होगा। उन्होंने कहा — “यह अमेरिका के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा AI हब होगा।” बताते चले कि यह निवेश न केवल भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई गति देगा, बल्कि देश को वैश्विक AI केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। भारत में यह प्रोजेक्ट गूगल, अडानी और एयरटेल की साझेदारी में एक टेक्नोलॉजी क्रांति की शुरुआत माना जा रहा है।
गूगल के इस प्रोजेक्ट की खास बातें:
- 15 अरब डॉलर (₹1.33 लाख करोड़) का निवेश
- आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बनेगा AI और डेटा सेंटर
- अडानी और एयरटेल के साथ मिलकर होगा निर्माण
- 1.88 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी
- विशाल गीगावॉट स्तर का डेटा सेंटर, सबसी केबल नेटवर्क और क्लीन एनर्जी सिस्टम
- दुनिया के 12 देशों में बनने वाले ग्लोबल AI नेटवर्क का हिस्सा
Delighted by the launch of the Google AI Hub in the dynamic city of Visakhapatnam, Andhra Pradesh.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 14, 2025
This multi-faceted investment that includes gigawatt-scale data center infrastructure, aligns with our vision to build a Viksit Bharat. It will be a powerful force in… https://t.co/lbjO3OSyMy
विशाखापत्तनम क्यों चुना गया?
विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) को इस प्रोजेक्ट के लिए चुनना गूगल की रणनीतिक सोच को दर्शाता है। यह शहर भारत के पूर्वी तट पर स्थित है और समुद्र से जुड़ा होने के कारण सबसी केबल नेटवर्क (Subsea Cable Network) स्थापित करने के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा, यहां का मौसम, बिजली उपलब्धता और इंफ्रास्ट्रक्चर AI हब के लिए अनुकूल माना जा रहा है। राज्य सरकार ने पहले ही बताया है कि इस प्रोजेक्ट से 1.88 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
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अडानी और एयरटेल के साथ साझेदारी
इस प्रोजेक्ट में गूगल अकेला नहीं होगा। कंपनी ने अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। गूगल और अडानी का ज्वाइंट वेंचर AdaniConneX पहले से ही भारत में डेटा सेंटर नेटवर्क विकसित कर रहा है।
गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन (Thomas Kurian) ने बताया कि यह हब — “AI इंफ्रास्ट्रक्चर, नई डेटा सेंटर क्षमता, क्लीन एनर्जी स्रोतों और विस्तारित ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को एकीकृत करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रोजेक्ट अमेरिका के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा AI हब होगा, जो भारत को ग्लोबल टेक मानचित्र पर और अधिक मजबूत स्थिति में लाएगा।

गूगल AI हब की विशेषताएँ
- 1 गीगावॉट (GW) से अधिक की कंप्यूटिंग क्षमता – विशाल पैमाने पर AI मॉडल और डेटा प्रोसेसिंग के लिए।
- अंतरराष्ट्रीय सबसी केबल नेटवर्क – भारत को सीधे वैश्विक इंटरनेट बैकबोन से जोड़ेगा।
- क्लीन एनर्जी आधारित ऑपरेशन – सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करके पर्यावरण-अनुकूल डेटा सेंटर तैयार किए जाएंगे।
- AI और क्लाउड रिसर्च सेंटर – जहां भारतीय इंजीनियर नए AI एल्गोरिद्म और मशीन लर्निंग मॉडल विकसित करेंगे।
- 1.88 लाख से अधिक रोजगार के अवसर – सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को लाभ होगा।
भारत में AI का बढ़ता प्रभाव
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी जगह बना रहा है — चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, या वित्तीय तकनीक हो। गूगल का यह हब भारत को न सिर्फ एक उपभोक्ता बाजार के रूप में, बल्कि AI इनोवेशन सेंटर के रूप में स्थापित करेगा। भारत में पहले ही कई स्टार्टअप्स और विश्वविद्यालय AI रिसर्च में कार्यरत हैं, लेकिन गूगल का यह निवेश इन सभी प्रयासों को वैश्विक स्तर पर जोड़ देगा।
गूगल की भारत में उपस्थिति

गूगल पिछले 21 वर्षों से भारत में सक्रिय है और देशभर में इसके 14,000 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। कंपनी भारत को अपना “सबसे बड़ा डिजिटल उपभोक्ता बाजार” मानती है — जहां एंड्रॉयड यूजर्स, यूट्यूब व्यूअरशिप और गूगल सर्च क्वेरी की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है।
गूगल पहले भी “Google for India Digitalization Fund” के तहत 10 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है, लेकिन यह नया 15 अरब डॉलर का कदम भारत में गूगल के विश्वास और दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
पर्यावरण और ऊर्जा पर ध्यान
इस AI हब की एक और खास बात यह है कि इसे पूरी तरह से क्लीन एनर्जी (Clean Energy) पर आधारित बनाया जाएगा। इसमें ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन, ट्रांसमिशन लाइन्स और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम शामिल होंगे। अडानीकॉननेक्स (AdaniConneX) इस दिशा में गूगल के साथ संयुक्त रूप से काम करेगा।
भारत में रोजगार और कौशल विकास
गूगल के इस प्रोजेक्ट से सीधे 1.88 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी, जिनमें से बड़ी संख्या में AI इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, क्लाउड आर्किटेक्ट, और सॉफ्टवेयर डेवलपर होंगे।
इसके अलावा, अप्रत्यक्ष रूप से निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और ऊर्जा क्षेत्रों में भी लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि वह भारतीय युवाओं के लिए AI ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करेगी, ताकि उन्हें इस नई तकनीक के लिए तैयार किया जा सके।
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह निवेश?
गूगल का यह कदम भारत को वैश्विक टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल भारत की डिजिटल इकॉनमी को मजबूत करेगा, बल्कि देश को AI रिसर्च और डेवलपमेंट में आत्मनिर्भर बनाएगा। भारत पहले ही माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, और मेटा जैसी कंपनियों के लिए एक प्रमुख बाजार बन चुका है। गूगल का यह मेगा निवेश इन सब में सबसे बड़ा और प्रभावशाली कदम साबित होगा।
निष्कर्ष: भारत की डिजिटल क्रांति की नई दिशा होगी। गूगल का 15 अरब डॉलर का यह निवेश भारत के लिए केवल एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। विशाखापत्तनम में बनने वाला यह AI हब भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वैश्विक नक्शे पर एक नई पहचान देगा। इससे भारत न केवल तकनीकी रूप से सशक्त बनेगा, बल्कि नौकरी, नवाचार और वैश्विक साझेदारी के नए द्वार खुलेंगे।
the voice of hind
भविष्य में जब दुनिया AI की दिशा में आगे बढ़ेगी, तो भारत सिर्फ सहभागी नहीं, बल्कि लीडर (Leader) की भूमिका में होगा — और यह सब संभव होगा गूगल के इस बड़े निवेश से। गूगल का 15 अरब डॉलर निवेश – विशाखापत्तनम बनेगा भारत का पहला AI हब, 1.88 लाख नौकरियां और नई टेक क्रांति की शुरुआत!