दिल्ली में दमघोंटू दिवाली: दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना
Delhi Air Quality: दिल्ली की हवा दीवाली से पहले ही जहर हो गई थी मगर दीवाली के बाद दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया हैं क्योंकि दीवाली के बाद यहां औसत AQI 350 से ऊपर चला गया है। जिसका असर यह है कि लोगों का अब सांस लेना भी मुश्किल हो रहा हैं।
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पहले नं. पर प्रदूषित शहर दिल्ली
बतादें कि देश की राजधानी इन दिनों धूल और धुंए के आगोश में लिपटी हुई है जिसका असर यह है कि लोगों का सांस लेना दुश्वार हो रहा हैं। दिल्ली के माहौल को देखते हुए नीति आयोग के पूर्व CEO अभिताभ कांत ने कहा- दिल्ली की हवा की गुणवत्ता पूरी तरह चरमरा चुकी है। राजधानी दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार है। इतना ही नहीं इस बीच स्विजरलैंड की एयर क्वालिटी फर्म IQAir की ताज़ा रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर का दर्जा दिया गया है। क्योंकि दिल्ली के अलावा भारत के दो और शहर मुंबई और कोलकाता भी इस लिस्ट में टॉप 10 में शामिल हैं।
AQI of Delhi today at 4:00 PM (Average of past 24 hours): Commission for Air Quality Management pic.twitter.com/v5LjJBzC3w
— IANS (@ians_india) October 21, 2025
नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी20 सम्मेलन में भारत के शेरपा रहे अमिताभ कांत ने मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा- दिल्ली की हवा बुरी तरह से बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है और सिर्फ कठोर और निरंतर कोशिश से ही शहर को स्वस्थ और पर्यावरण से जुड़ी आपदा से बचाया जा सकता है। वहीं अभिताभ कांत ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिवाली पर पटाखे फोड़ने के आदेश पर भी टिप्पणी भी की और कहा- सुप्रीम कोर्ट ने जीने और सांस लेने के अधिकार से ज्यादा पटाखे जलाने के अधिकार को प्राथमिकता दी है।
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सुप्रीम कोर्ट को टिप्पणी
बताते चले कि अभिताभ कांत ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिवाली पर पटाखे फोड़ने के आदेश पर भी टिप्पणी भी की और कहा- सुप्रीम कोर्ट ने जीने और सांस लेने के अधिकार से ज्यादा पटाखे जलाने के अधिकार को प्राथमिकता दी है। यह टिप्पणी तब की गई है जब राष्ट्रीय राजधानी ने लगातार पटाखे फोड़ने के बाद जहरीली धूंध की मोटी परत के साथ अगली सुबह देखी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को दोपहर 1 बजे देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 357 दर्ज किया गया, जो कि बहुत खराब श्रेणी में आता है।

दुनिया के टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहर
- दिल्ली (भारत)
- लाहौर (पाकिस्तान)
- कुवैत सिटी (कुवैत)
- कराची (पाकिस्तान)
- मुंबई (भारत)
- ताशकंद (उज़्बेकिस्तान)
- दोहा (क़तर)
- कोलकाता (भारत)
- कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया)
- जकार्ता (इंडोनेशिया)
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने की दी अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में पटाखों पर लगे प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाते हुए दिल्ली वासियों को ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा- वह एक संतुलित नजरिया अपना रही है ताकि पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं से समझौता किए बिना लोगों की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं का भी ध्यान रखा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली की दो रातों के लिए सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी थी, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में आधी रात के बाद तक पटाखे जलते रहे।
Delhi’s air quality lies in shambles: 36/38 monitoring stations have hit the 'red zone,' AQI is above 400 in key areas. The Hon. Supreme Court in its wisdom has prioritised the right to burn crackers over the right to live and breathe. Delhi remains among the world’s most…
— Amitabh Kant (@amitabhk87) October 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन टूटी
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में केवल ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी थी और उनके फोड़ने के समय पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने कहा था कि पटाखे सिर्फ 18 से 21 अक्टूबर के बीच और शाम 6 से 7 बजे तथा रात 8 से 10 बजे के बीच ही जलाए जा सकते हैं। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और रही कई इलाकों में लोगों ने देर रात तक पटाखे जलाए, जिससे हवा की गुणवत्ता अचानक गिर गई और धुएं की मोटी परत शहर पर छा गई।
क्योंकि पर्यावरण एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो सर्दियों के महीनों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी की हवा में लंबे समय तक रहना फेफड़ों, दिल और आंखों के लिए बेहद हानिकारक है, खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। दिवाली के इस प्रदूषण ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ‘हरित पटाखों’ और नियमों के बावजूद दिल्ली को सांस लेने की आज़ादी मिल पाएगी?
