SIR के मुद्दे पर सदन में गरजे संजय सिंह, BJP कर रही वोट चोरी
- SIR के मुद्दे पर सदन में गरजे संजय सिंह, कहा मताधिकार से छेड़छाड़ सहन नहीं की जाएगी
- SIR के नाम पर वोटरों की सफाई कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है- संजय सिंह
- वोटर लिस्ट नहीं, वोटर ही साफ़ किए जा रहे हैं: संजय सिंह
- चुनाव आयोग राजनीतिक एजेंसी नहीं, संविधान का पालन करें- संजय सिंह
- दिल्ली में 42,000 वोट कटे, बिहार में 65 लाख वोट काटे गए- जवाब दे चुनाव आयोग: संजय सिंह
- बीजेपी SIR के ज़रिए वोट चोरी कर रही है, देश देख रहा है- संजय सिंह
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष था!
— Aam Aadmi Party- Uttar Pradesh (@AAPUttarPradesh) December 11, 2025
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी को अपनी पार्टी में रखते हो? और यहां खाली देश का माहौल बिगाड़ना चाहते हो?
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लखनऊ /नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा की कार्यवाही में स्पष्ट शब्दों में आगाह किया कि SIR (Special Intensive Revision) के नाम पर जो कार्यवाही देशभर में चल रही है वह मतदाता-सूची “सुधार” नहीं बल्कि वोटरों की प्रणालीगत सफाई और वोट चोरी की साजिश है; सरकार और चुनाव आयोग को इस पूरे अभियान के ठोस, नाम-वार और क्षेत्र-वार आंकड़े जनता के सामने पेश करने होंगे, अन्यथा विपक्ष और नागरिक समाज इसके विरुद्ध कड़े कदम उठाएंगे।
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चुनाव आयोग को चुनाव नहीं लड़ना है, कानून बनाना संसद का काम है।
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चुनाव आयोग के पास पूरे देश का SIR कराने की ताकत नहीं है।
वह किसी विशेष परिस्थिति में, कारण लिखकर, केवल एक क्षेत्र का SIR करा सकता है!
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मताधिकार से छेड़छाड़ सहन नहीं – AAP
राज्यसभा में बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि जिस देश के लिए भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद बिस्मिल, खुदीराम बोस, अशफ़ाक़उल्ला जैसे शहीदों ने कुर्बानी दी और जिसका संविधान बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने नागरिकों के समान मताधिकार के सिद्धांत पर बनाया, वहाँ किसी भी रूप में मताधिकार से छेड़छाड़ सहन नहीं की जाएगी।
SIR के ज़रिए मतदाता सूची को साफ करने की आड़ में सरकार का मकसद वोटर को ही साफ करना है। यह वोट चोरी है!
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वोट का अधिकार लंबे संघर्ष के बाद मिला है, जिसके लिए शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और महात्मा गांधी समेत अनगिनत क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया।
बाबासाहेब डॉ. भीमराव… pic.twitter.com/ae49RahW2a
उन्होंने सदन में प्रश्न उठाया कि क्या SIR के माध्यम से वास्तव में मतदाता-सूची को शुद्ध करना मकसद है या लक्षित वोटरों को हटा कर राजनीतिक फायदे हासिल करना लक्ष्य है। संजय सिंह ने संवैधानिक धारा 327 और लोकप्रतिनिधित्व कानून 1950 के हवाले से स्मरण कराया कि चुनाव आयोग के अधिकार संवैधानिक सीमाओं के भीतर हैं और किसी भी बड़े पैमाने पर एकतरफा कार्रवाई से पहले स्पष्ट कानूनी आधार, पारदर्शी प्रक्रियाएँ और संसद का मार्गदर्शन अनिवार्य है।
यह कौन सी लोकप्रियता है प्रधानमंत्री जी की कि भाई, ईवीएम से चुनाव कराएंगे तो लोकप्रियता कायम रहेगी, बैलट से चुनाव कराएंगे तो लोकप्रियता खत्म हो जाएगी?
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अगर लोकप्रियता दोनों में कायम है, तो बैलट से चुनाव करा लो, उसमें भी पता चल जाएगा कितने लोकप्रिय हैं प्रधानमंत्री जी, कितनी… pic.twitter.com/OsMi4wWcQi
वोटर ही साफ़ किए जा रहे हैं: संजय सिंह
संजय सिंह ने दिल्ली के उदाहरण का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली की नई दिल्ली विधानसभा में चुनाव शुरू होने से पहले 42,000 मतदाता नाम अचानक काट दिए गए — यह आकड़ा हमारे पास है और हमने इस पर चुनाव आयोग को लिखित शिकायत भी भेजी है। उन्होंने कहा कि इसी तरह बिहार में SIR के नाम पर बड़े पैमाने पर वोट कटौती की घटनाएँ सामने आई हैं और ये कटौतियाँ लोकतंत्र की जड़ों को हिला रही हैं।
EVM को सबसे पहले 'लोकतंत्र पर खतरा' बताने वाले जीवीएल नरसिम्हा थे, जिनकी किताब की लालकृष्ण आडवाणी ने भी प्रशंसा की।
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जर्मनी, नीदरलैंड, आयरलैंड, यूके, फ्रांस, पुर्तगाल, इटली, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, कनाडा, बेल्जियम और साउथ कोरिया सहित दुनिया के 12 से अधिक देशों में EVM बैन है।
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अगर इन कटौतियों का औचित्य नहीं बताया गया तो बहुमत-प्राप्ति के लिए चुनाव प्रक्रिया में घपला सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि ईवीएम व लेन-देने और मतगणना की पारदर्शिता पर उठाए गए पुराने सवालों का स्मरण करते हुए यह प्रश्न भी उठाया कि जब देशों के अनेक न्यायिक व संसदीय विमर्शों में EVM पर शक और प्रतिबंध की आवाजें उठी हैं तो भारत में भी पारदर्शिता और भरोसेमंद तंत्र सुनिश्चित करना क्यों नहीं चाहा जा रहा।
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AAP ने सरकार से संसद में पूछे सवाल
उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट से लगभग 18% यानी करीब 3 करोड़ वोट काटे जाने की तैयारी है।
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यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ हुई उनकी पार्टी के प्रतिनिधियों की बैठक में यह जानकारी सामने आई है।
क्या यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय नहीं है? इस पर सदन में चर्चा क्यों नहीं होनी… pic.twitter.com/thW48vZo0f
संजय सिंह ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से स्पष्ट माँग रखी कि SIR के तहत किसी भी इलाके में नाम हटाए जाने या कटौती किए जाने के पूरे विवरण — नाम-वार, बूथ-वार और कारण-वार — सार्वजनिक किए जाएँ और जिन बीएलओ (Booth Level Officers) पर दबाव पड़ा या जिनकी जान गई, उनके प्रति संवैधानिक श्रद्धांजलि के साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।
सदन में गरजे शेर सांसद संजय सिंह 🔥
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"बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों को डिटेंशन सेंटर में नहीं अपने घरों के बाहर रखो भाजपाइयों"
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आप सांसद ने यह भी सवाल उठाया कि डिटेंशन सेंटर और “घुसपैठियों” की कहानियों को चुनावी मुद्दे के रूप में उभार कर जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है, जबकि सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोज़गारी जैसे बुनियादी मुद्दों पर जवाबदेही और संसाधन देने में विफल रहती है — सरकार को बताना चाहिए कि 11 वर्षों में कितने विदेशी नागरिकों की पहचान कर प्रत्यर्पित किया गया, और जिन 65 लाख कटौती-आंखों के दावे हैं, उनमें वास्तविक संख्या क्या है।
रामपुर की रहने वाली 80 वर्षीय नूर जहाँ ने अपने दो बेटों, जो कुवैत में रहते हैं, के लिए चुनावी फॉर्म भरा।
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इस पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
जबकि चुनाव आयोग का नियम कहता है कि अगर कोई हिन्दुस्तानी बच्चा विदेश में रहता है, तो उसका भी मतदाता के रूप में पंजीकरण हिन्दुस्तान… pic.twitter.com/Xt5QJ1Bzpx
बीजेपी SIR के ज़रिए वोट चोरी कर रही- AAP
आप के वरिष्ठ नेता ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया कि चुनाव आयोग राजनीतिक गणना करने वाला निकाय नहीं है और न ही वह कभी किसी राजनीतिक पार्टी का बेंचमार्क बन सकता है; यदि आयोग अपनी सीमाओं से परे जाकर पूरे देश में एकतरफा SIR लागू कर रहा है तो वह अपने संवैधानिक दायित्वों का ग़लत उपयोग कर रहा है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसी मनमानी के खिलाफ आम आदमी पार्टी संसद और न्यायिक रास्ता दोनों अपनाएगी तथा ज़रूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए सड़क से आवाज़ भी उठाई जाएगी।
केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के दबाव के चलते अब तक 35 BLO अपनी जान गंवा चुके हैं!
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इस सदन को उन 35 शहीद हुए कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए। उन परिवारों के प्रति जवाबदेही किसकी है? चुनाव सुधारों की आड़ में इन सरकारी कर्मचारियों की बलि मत चढ़ाओ!
सरकार को जवाब देना होगा कि… pic.twitter.com/NhABGdKACo
संजय सिंह ने यह भी कहा कि आप ने चुनाव आयोग को कई मामलों में लिखित शिकायतें दी हैं और सभी प्रमाण आयोग के समक्ष रखे जा चुके हैं; आयोग से अपेक्षा है कि वह समय रहते पारदर्शी और सटीक जवाब दे ताकि चुनाव प्रक्रिया की संप्रभुता और मतदाता-विश्वास बहाल रहे। संजय सिंह ने यह भी सरकार से स्पष्ट करने के लिए कहा कि यदि किसी विशेष क्षेत्र में नाम हटाने का कारण था तो उसका सार्वजनिक ब्यौरा तात्कालिक रूप से रखे जाए।
क्या संवैधानिक अधिकार चुनाव आयोग के पास है?
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बाबा साहेब डाॅ० भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान लिखा, लेकिन कुछ लोगों को गांधी और अंबेडकर दोनों से समस्या है।
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आम आदमी पार्टी देश की जनता से अपील
इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आम आदमी पार्टी देश की जनता से अपील करती है कि वह अपने मताधिकार के प्रति जागरूक रहे और किसी भी प्रकार के मताधिकार-उल्लंघन के विरुद्ध आवाज़ उठाने से न हिचकिचाए; पार्टी प्रदेश-स्तर और बूथ-स्तर पर जनता को सूचना प्रदान करेगी और विधिक अवसरों को सक्रिय रूप से तलाशेगी ताकि लोकतंत्र का हर नागरिक को दिया गया भरोसा सुरक्षित रहे।
घुसपैठिए, घुसपैठिए चिल्लाते हैं, लेकिन पकड़ नहीं पाते‼️
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11 साल से केंद्र में मोदी जी और अमित शाह जी की सरकार है। आप कहते हैं घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाएंगे, पर यह तो बताइए कि आपने पिछले 11 साल में देश से कितने घुसपैठियों को बाहर निकाला?
जहां चुनाव होता है, वहाँ… pic.twitter.com/xC9w1Bxn28
अंत में संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी पुनः सरकार और चुनाव आयोग से मांग करती है कि SIR के नाम पर होने वाली किसी भी कार्रवाई का पूरा लेखा-जोखा सार्वजनिक कर दिया जाए; अन्यथा विपक्ष मजबूर होकर अधिक कड़े संवैधानिक, विधिक और जनआन्दोलनात्मक विकल्प अपनाएगा ताकि हर नागरिक का मताधिकार सुरक्षित बना रहे।
संविधान की धारा 327: संसद को चुनाव से संबंधित सभी मामलों, जैसे मतदाता सूची तैयार करना और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करना, के संबंध में कानून बनाने की शक्ति देती है।
— Aam Aadmi Party- Uttar Pradesh (@AAPUttarPradesh) December 11, 2025
चुनाव आयोग को मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के लिए निर्देश देने का अधिकार है, लेकिन ऐसा करते समय आयोग को… pic.twitter.com/GyMu50ln38
