Alert! कफ सिरप से जा रही बच्चों की जान हो जाएं सावधान
Cough syrup: कफ सिरप अगर आप अपने बच्चे के लिए ले रहे है तो इसके पहले ये खबर जरूर पढ़ ले, क्योंकि ये जानलेवा साबित हो सकता हैं। असल में ताजा खबरों की मानें तो कफ सिरप से अब तक करीब 7 बच्चों की जान चुकी हैं। तो आइये इस खबर के बारे में पूरी जानकारी…
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मामले पर हो रही जांच

आपको बतादें कि कफ सिरप अब तक MP से Rajasthan- Delhi तक और कई बच्चों की जान ले चुकी हैं। यह दुखद घटना सभी माता-पिता के लिए एक चेतावनी है कि सामान्य सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों में भी बच्चों को दवा देते समय अत्यधिक सावधानी बरतना कितना जरूरी है। फिलहाल दवा की बिक्री पर रोक लगा दी गई है, सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है। वहीं इतनी जान जानें के बाद केंद्र और राज्य स्तर की एजेंसियां जांच में जुटी हैं।
अभी तक के आये मामले
छिंदवाड़ा जिले के परासिया और आसपास के क्षेत्रों में पिछले 25 दिनों से एक के बाद एक बच्चों की मौत हो रही है…जिन बच्चों की मौत हुई उनकी उम्र 1 से 13 वर्ष के बीच है, बताया जा रहा है कि खांसी की सिरप पीने के बाद 6 बच्चों की किडनी फेल हो गई, जिसके बाद बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी और जान चली गई हैं। इसके बाद दीघावानी, परासिया और उमरेठ क्षेत्र में भी इसी तरह के लक्षणों के बाद बच्चों की मौत के मामले सामने आए।

वहीं राजस्थान के सीकर में कफ सिरप पीने के बाद एक पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई हैं। मौत की खबर ने बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक मामला भरतपुर के मलाह गांव का भी सामने आया है जिसमें खांसी की सिरप पीने से दो महीने के मासूम की मौत हो गई। दो बच्चे बीमार हो गए। दवा जयपुर स्थित केसन फार्मा की बताई जा रही है, जिसे पहले भी डिबार किया जा चुका है। प्रदेश में नि:शुल्क दवा के रूप में दी जा रही कफ सिरप ने भरतपुर जिले के बयाना के मलाह गांव में दो महीने के मासूम की जान ले ली है। राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।

दिल्ली के एक चिल्ड्रन हॉस्पिटल में चार साल पहले डे स्ट्रोमेथोर्फन दवा के सेवन से 16 बच्चों की तबीयत बिगड़ी। इनमें से तीन मासूमों की इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में खुलासे के बाद इस पर रोक लगाई थी।
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सावधानी बरतें
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न दें।
- बिना सही जांच के कोई भी कफ सिरप देना खतरनाक हो सकता है।
- पुरानी रखी दवाओं से बचें।
- किसी दूसरे बच्चे के पर्चे की दवा अपने बच्चे को न दें।
- हमेशा बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही कोई दवा शुरू करें।
- गलत दवा या गलत खुराक उनके लिए गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है।
- लेबल और एक्सपायरी डेट जरूर जांचें।
- बच्चों की दवाओं की खुराक उनके वजन और उम्र के अनुसार तय की जाती है इसका ध्यान रखें।
- दवा का रंग बदला हुआ या उसमें कुछ अलग दिखे तो उसका उपयोग बिल्कुल न करें।
जरूरी जानकारी

यह सबसे महत्वपूर्ण नियम है, इससे जुड़ी लापरवाही किसी को भी नहीं बरतनी चाहिए। बच्चों में खांसी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे वायरल इन्फेक्शन, बैक्टीरियल इन्फेक्शन या एलर्जी। बिना सही जांच के कोई भी कफ सिरप देना खतरनाक हो सकता है। कुछ कफ सिरप में ऐसे तत्व (जैसे डेक्स्ट्रोमीथोर्फेन) होते हैं जो 4 या 5 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिए जाने चाहिए। हमेशा बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही कोई दवा शुरू करें। फिलहाल Coldrif और Nextro-DS सिरप पर रोक लगा दी गई हैं।
कफ सिरप के बाद बच्चों में दिखे लक्षण
- बच्चों के कफ सिरप लेते ही उल्टी हुई।
- कफ सिरप लेते ही बच्चा बेहोश हो गया।
- कफ सिरप लेते ही तबीयत बिगड़ गई।
- कफ सिरप लेने के बाद 6 बच्चों की किडनी फेल हो गई।
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