अमेरिकी ‘हायर बिल’ से भारत की अर्थव्यवस्था पर खतरा: कांग्रेस
US-India: कांग्रेस ने मंगलवार को कहा – अमेरिकी सीनेट में हायर विधेयक पेश किया गया है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका हो सकता है, इसलिए हमारी सरकार को इसकी चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका में प्रस्तावित हायर विधेयक (HIRE Bill) वास्तविकता बन गया तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था में आग लगा देगा।
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जयराम ने कहा- भारत की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार एक बयान में कहा- अमेरिकी सीनेट में सोमवार को ओहायो के सीनेटर बर्नी मोरेनो ने अंतरराष्ट्रीय रोजगार स्थानांतरण अधिनियम को रोकने वाला हाल्टिंग इंटरनेशनल रीलोकेशन ऑफ़ एंप्लॉयमेंट एक्ट, जिसे सरल भाषा में हायर विधेयक कहा जा सकता है, सदन में पेश किया है और यदि विधेयक पारित होता है तो भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि जिस विधेयक को लेकर कांग्रेस ने यह आशंका जताई है, उसके प्रावधान के मुताबिक कोई भी अमेरिकी व्यक्ति अगर आउटसोर्सिंग का भुगतान करता है तो उस राशि पर 25 फीसदी कर लगाया जाएगा। यह विधेयक हाल ही में अमेरिकी संसद के उच्च सदन- सीनेट में पेश हुआ है। उन्होंने कहा- इस विधेयक को सीनेट की वित्त समिति के पास भेजा गया है। इसमें उन सभी अमेरिकी व्यक्तियों और कंपनियों पर 25 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रावधान है, जो विदेशी कंपनियों या व्यक्तियों को ऐसे काम के लिए भुगतान करते हैं, जिसका प्रत्यक्ष लाभ अमेरिकी उपभोक्ताओं को मिलता है। इस विधेयक को आउटसोर्सिंग भुगतान की नयी परिभाषा के रूप में पेश किया गया है।
On Oct 6, 2025, Senator Bernie Moreno of Ohio introduced a Bill in the US Senate titled "Halting International Relocation of Employment Act" or " HIRE Act." The Bill has been referred to the Senate Committee on Finance.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 4, 2025
The Bill proposes a 25% tax on any US person making an…
कांग्रेस ने बताया अमेरिका की मानसिकता
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- यह विधेयक अमेरिका में बढ़ती उस मानसिकता को दर्शाता है, जिसमें माना जा रहा है कि जैसे ब्लू कॉलर नौकरियां चीन को चली गईं, वैसे ही व्हाइट कॉलर नौकरियां भारत को नहीं जानी चाहिए। रमेश ने बताया कि ‘हॉल्टिंग इंटरनेशनल रिलोकेशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट एक्ट’ या हायर विधेयक 6 अक्तूबर को ओहायो के सीनेटर बर्नी मोरेनो की तरफ से पेश किया गया था। इसे सीनेट की वित्त समिति को भेजा गया है।
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रमेश ने कहा- इस प्रस्ताव का सीधा असर भारत की आईटी सेवाओं, बीपीओ, कंसल्टिंग और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) पर पड़ेगा। आयरलैंड, इस्राइल और फिलीपींस जैसे देशों पर भी इसका प्रभाव होगा, लेकिन सबसे ज्यादा असर भारत के सेवा निर्यात क्षेत्र पर पड़ेगा जो पिछले 25 साल में बड़ी सफलता की कहानी रहा है।
न्यू नॉर्मल’ की स्थिति बन सकती- कांग्रेस
भारत ही नहीं आयरलैंड, इज़रायल और फ़िलीपीन्स जैसे देशों को भी इससे नुकसान हो सकता है, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के सेवा निर्यात उद्योग पर पड़ने की आशंका जतायी जा रही है, जो पिछले 25 वर्षों से हमारी अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा- पिछले एक वर्ष में भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को कई झटके लगे हैं और हायर विधेयक उसी क्रम की एक और कड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक अपने वर्तमान स्वरूप में पास हो भी सकता है या इसमें संशोधन भी किया जा सकता है। यदि यह विधेयक हकीकत में बदलता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है और भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों में एक ‘न्यू नॉर्मल’ की स्थिति बन सकती है।
उन्होंने कहा- सीनेटर मोरेनो का यह प्रस्ताव अमेरिकी राजनीतिक और आर्थिक गलियारे में गंभीर बहस की वजह बन सकता है, लेकिन भारतीय आईटी उद्योग और नीति-निर्माताओं की नजरें अब विधेयक की आगे की स्थिति पर रहेगी। जयराम रमेश ने कहा- “अगर कभी हायर बिल वास्तविकता बन गया तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था में हलचल मचा देगा और भारत को अमेरिका के साथ अपने आर्थिक संबंधों में एक नया सामान्य ढूंढना पड़ेगा।”
