भारत पर लगे टैरिफ पर ट्रंप का बहाना, दी रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने की दलील
Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज यानी की गुरुवार (4 सितंबर 2025) को सुप्रीम कोर्ट में संघीय अदालत के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति को विदेशी आयात पर टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं है। जिस पर ट्रंप ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित ठहराते हुए कहा- रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया।
Read More: ट्रंप के टैरिफ फैसले पर भारत का एक्शन: अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं रोकीं
ट्रंप का बड़ा दावा

आपको बताते चले कि एक बातचीत के दौरान ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में कहा- जल्द कुछ होने वाला है, इसके साथ ही ट्रंप ने दावा किया पुतिन और जेलेंस्की से बात कर रहे हैं, जल्द समाधान संभव है। ट्रंप ने छह-सात संघर्ष सुलझाने की बात एक बार फिर दोहराई। इतना ही नहीं भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित ठहराते हुए ट्रंप ने कहा – रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पास इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल करने का अधिकार है।
भारत पर टैरिफ लगाना था जरूरी- ट्रंप
अमेरिकी सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया- “राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन में जारी युद्ध से निपटने के लिए रूसी एनर्जी की खरीद पर भारत के खिलाफ इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) टैरिफ लगाया है। यह युद्धग्रस्त देश में शांति के प्रयास के तहत किया गया।” साथ ही ट्रंप ने अपने पद का दावा करते हुए कहा राष्ट्रपति के पास इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल करने का अधिकार है।
Read More: ट्रंप के टैरिफ वॉर पर भारत के दिग्गज नेताओं का प्रहार,- ‘भारत का विकास और तेज होगा’
आपको बताते चले कि कोर्ट में पेश की गई ट्रंप के खिलाफ अपील में कहा गया- “टैरिफ वाले फैसले से विदेश नीति खतरे में आ गई है। दूसरे देशों के साथ वार्ता पर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है, इससे पहले से तय किए गए फ्रेमवर्क डील और वार्ता खतरे में है।”
नोबेल शांति पुरस्कार पर ट्रंप के बदले सुर

दिलचस्प बात यह है कि इस बार ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर अपने सुर बदले। पहले वह खुलेआम नामांकन की मांग करते रहे, लेकिन इस बार कहा कि “मैं कुछ नहीं चाहता। न ध्यान, न अवॉर्ड। मैं बस जिंदगियां बचाना चाहता हूं।” ट्रंप ने यह भी स्वीकारा कि धैर्य और लगातार कोशिशें ही उनकी कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि जब दुश्मन देशों के नेताओं को आमने-सामने बैठाया जाता है, तो समाधान खुद निकल आता है। “लोग इतने लंबे समय से लड़ रहे होते हैं कि उन्हें शांति की सोच भी नहीं आती। लेकिन जब मैं उन्हें एक कमरे में लाता हूं, तो समझा पाता हूं कि अब बहुत हुआ, शांति कर लो।”
Read More: ट्रंप की अमेरिकी अदालतों को चेतावनी- टैरिफ हटी तो महामंदी आ जाएगी
ट्रंप को लगने लगा हार का डर

यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब डोनाल्ड ट्रंप ने कहा – यदि अमेरिका यह मुकदमा हार जाता है तो उसे यूरोपीय यूनियन, जापान और दक्षिण कोरिया सहित अन्य देशों के साथ किए गए व्यापार समझौतों को रद्द करना पड़ सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस हार से अमेरिका को बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
Read More: दोस्त बोलकर भारत से ट्रंप ने की दगाबाजी! भारत पर लगाएगा 25 फीसदी टैरिफ
उन्होंने कहा- “हमने यूरोपीय यूनियन के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत वे हमें लगभग एक ट्रिलियन डॉलर दे रहे हैं। मुझे लगता है कि हमें इन्हें रद्द करना होगा। हमारे देश के पास फिर से और अधिक समृद्ध होने का मौका है। हमारा देश फिर से गरीब भी हो सकता है। अगर हम यह मुकदमा नहीं जीतते हैं तो हमारे देश का भारी नुकसान होगा।”
‘मैंने छह-सात संघर्ष सुलझाए’

Read More: ट्रंप के 25 % जुर्माने ने बढ़ाई भारत और रूस में नजदीकी, दिया तगड़ा ऑफर
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने अपने पुराने अनुभवों का हवाला देते हुए दावा किया कि राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने “छह-सात बड़े संघर्षों” को रोका और लाखों लोगों की जान बचाई। उन्होंने इजरायल-ईरान, रवांडा-कांगो, आर्मेनिया-अजरबैजान, थाईलैंड-कंबोडिया, भारत-पाकिस्तान, मिस्र-इथियोपिया और सर्बिया-कोसोवो जैसे विवादों का जिक्र किया। हालांकि विदेश नीति विशेषज्ञ उनके इन दावों पर सवाल उठाते हैं और कहते हैं कि इनमें से कई संघर्ष अब भी पूरी तरह सुलझे नहीं हैं।