भारत को मिला नया काउंटर ड्रोन सिस्टम, दुश्मनों के ड्रोन का काल ‘भार्गवास्त्र’
Bhargavastra: पहलगाम हमले के बाद भारत के तरफ से चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अटैक के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिसका भारत ने भी मुंह तोड़ जवाब दिया था। ऐसे में अब भारत में आ गया भार्गवास्त्र..जो दुश्मन के ड्रोन के लिए काल साबित होने वाला हैं। वहीं भारत ने नए काउंटर ड्रोन सिस्टम का परीक्षण किया है।

भारत को मिला नया काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’
दुश्मन के ड्रोन का खात्मा करने के लिए भार्गवास्त्र नामक इस हार्ड किल मोड काउंटर ड्रोन सिस्टम को सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड SDAL ने डिजाइन और विकसित किया है। इसका पहला टेस्ट हुआ है जिसमें यह पास हो गया है, यह सिस्टम माइक्रो रॉकेट्स के जरिए ड्रोन हमलों को जवाब देने में सक्षम है। इसे खास तौर पर ड्रोन खतरों को रोकने के लिए विकसित किया गया है।
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भारत को नया काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ मिला है। ये खास अस्त्र दुश्मनों के ड्रोन अटैक लिए काल है। यह ड्रोन के खतरे से निपटने में बेहद मददगार हो सकता है। आइए जानते हैं कि भार्गवास्त्र क्या है जिससे चीन-पाकिस्तान की नींदें उड़ना तय है।
India achieved breakthrough in drone defense technology with test of #Bhargavastra– a cost-effective Hard Kill Counter Drone System developed by #SDAL. This innovation enhances India's capabilities against rising challenge of drone swarms.#India | #CounterSwarmDroneSystem pic.twitter.com/lr8UWuLr17
— Shraddha Jadhav ( Thackeray Ka Parivar ) (@ShradhaSJadhav) May 14, 2025
भार्गवास्त्र का नाम
भार्गवास्त्र का नाम भगवान परशुराम के दिव्य अस्त्र के नाम पर रखा गया है, भगवान परशुराम का ये दिव्य अस्त्र बहुत ज्यादा संहारक माना जाता था। इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है, कथा के मुताबिक कर्ण ने भगवान परशुराम से धनुष चलाने की कला सीखी थी। इसमें कर्ण ने भार्गवास्त्र भी चलाना सीखा था, जिसका उपयोग उन्होंने महाभारत के युद्ध में अर्जुन के खिलाफ भी किया था। आधुनिक भार्गवास्त्र को ड्रोनों के झुंड को मार गिराने के लिए बनाया गया है।
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क्या है भार्गवास्त्र

सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने एक नया काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ बनाया है। यह सिस्टम ड्रोन के खतरे से निपटने में बहुत मददगार होगा। 13 मई 2025 को गोपालपुर में इसका परीक्षण किया गया। भारतीय सेना के अधिकारियों के सामने यह परीक्षण हुआ। इसमें लगे सिस्टम के सभी माइक्रो रॉकेट ने तय टारगेट को निशाना बनाया और मिशन में सफल रहे। यह सिस्टम ड्रोन हमलों को रोकने में एक बड़ी सफलता है।
भार्गवास्त्र का हुआ परीक्षण
भार्गवास्त्र, हार्ड किल मोड में डिजाइन किया गया एक नया कम लागत वाला काउंटर-ड्रोन सिस्टम है, ये 2.5 किमी तक की दूरी पर छोटे और आने वाले ड्रोन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता से लैस है। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (एसडीएएल) द्वारा हार्ड किल मोड में एक नया कम लागत वाला काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवस्त्र’ डिजाइन और विकसित किया गया है, जो ड्रोन झुंडों के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने में एक बड़ी छलांग है। इस काउंटर-ड्रोन सिस्टम में इस्तेमाल किए गए माइक्रो रॉकेटों का गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में कठोर परीक्षण किया गया, जिसमें सभी निर्धारित उद्देश्य हासिल हुए।

बताते चले कि भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में 13 मई 2025 को गोपालपुर में रॉकेट के लिए तीन परीक्षण किए गए। एक-एक रॉकेट दागकर दो परीक्षण किए गए। एक परीक्षण 2 सेकंड के भीतर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया। सभी चार रॉकेटों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम करने में अपनी अग्रणी तकनीक को रेखांकित करते हुए आवश्यक लॉन्च मापदंडों को हासिल किया…सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड।”

गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में परीक्षण
गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में काउंटर ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ की टेस्टिंग हुई। परीक्षण के दौरान, इस रॉकेट ने सभी मापदंडों को पूरा किया। SDAL के अनुसार, यह तकनीक बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम करने में सक्षम है। कुल तीन परीक्षण किए गए। पहले दो परीक्षणों में, एक-एक रॉकेट दागा गया। भार्गवास्त्र में रक्षा की पहली लेयर के रूप में अन गाइडेड माइक्रो-रॉकेट का उपयोग किया गया है, जो 20 मीटर की घातक रेंज वाले ड्रोनों के झुंड को बेअसर करने में सक्षम है।
भार्गवास्त्र की लागत कम

भार्गवास्त्र की अनुकूलनशीलता और कम लागत पर रोशनी डालते हुए, SDAL ने इसके स्वदेशी डिजाइन और ड्रोनों को बेअसर करने के लिए समर्पित रॉकेट और माइक्रो-मिसाइल के विकास पर जोर दिया। इसके अलावा, यह सिस्टम मॉड्यूलर है और इसमें जैमिंग और स्पूफिंग को शामिल करने के लिए एक अतिरिक्त सॉफ्ट-किल लेयर बढ़ाई जा सकती है, जो सेनाओं के सभी अंगों के लिए एक एकीकृत और व्यापक ढाल प्रदान करती है।