कैबिनेट की बैठक में तीन फैसले मंजूर, जनगणना, COAL Setu और MSP
Cabinet: कैबिनेट की बैठक में आज तीन अहम फैसलों को मंजूरी दी गई हैं। उन्हीं फैसले में जनगणना को लेकर भी मंजूरी मिल गई है जी हां कैबिनेट ने जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है आपको बताते चले कि जनगणना दो चरणों में होगी जोकि 2026 से लेकर 2027 तक चलेगी। अब जानते है जनगणना के बारे में सारी जानकारी…
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कैबिनेट में तीन अहम फैसले मंजूर
- कैबिनेट ने शुक्रवार को जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।
- केंद्रीय मंत्री मंडल ने कोयला लिंकेज नीति में सुधार के लिए COAL Setu नीति को भी मंजूरी दी है।
- सरकार ने खोपरा 2025 सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को भी नीतिगत मंजूरी दे दी है।
#WATCH | Delhi | Union Minister Ashwini Vaishnaw says," Census 2027 will be the first ever digital census. The digital design of the census has been made keeping in mind data protection. It will be conducted in two phases: Phase 1: House Listing and Housing Census from April to… pic.twitter.com/yCVSTSpsYo
— ANI (@ANI) December 12, 2025
जनगणना 2027 के बारे में केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने आज तीन बड़े फैसले लिए, इसमें एक जनगणना से जुड़ा है। जनगणना का संदर्भ 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि तय किया गया है। इसका पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक जनगणना चलेगा और दूसरा चरण फरवरी 2027 में पूरा होगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जनगणना 2027 की जानकारी देते हुए बताया कि विश्व का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास होगा। जनगणना 2027 अब तक की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी। जनगणना केंद्र का विषय है।
#CabinetDecisions ||
— All India Radio News (@airnewsalerts) December 12, 2025
Union Cabinet approved Budget of Rs. 11,718 crore for #Census2027: I&B Minister @AshwiniVaishnaw
Census 2027 will be the first ever digital census. The digital design of the census has been made keeping in mind data protection.
It will be conducted in… pic.twitter.com/O2EQm85WtA
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के तहत इसे किया जाता है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसके बाद कोविड महामारी के कारण जनगणना 2021 आयोजित नहीं की जा सकी। इससे पहले 16 जून 2025 को जनगणना 2027 की राजपत्र अधिसूचना जारी की गई। जनगणना 2027 की अनुमानित लागत 11,718 करोड़ रुपये होगी। जानकारी के लिए बतादें कि इस आगामी जनगणना में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि इसमें जाति आधारित गणना को भी शामिल किया जाएगा।
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पहली बार होगी डिजिटल जनगणना
Cabinet approved ₹11,718 crore for Census 2027
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 12, 2025
✅ First ever digital census
✅ Will include caste enumeration and option for self-enumeration
✅ Personal data to be protected as per the DPDP Act, 2023
✅ ~ 1 crore human-days of employment to be generated pic.twitter.com/1uGGXqD1Z1
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहली बार देश में डिजिटल सेंसस होगा, जिसमें मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए डाटा कलेक्ट किया जाएगा। यह एप्लीकेशन हिंदी, इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषाओं में होगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- “2027 की जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी। जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।”
COAL Setu पर बड़ा फैसला
दूसरा कोल यानी एनर्जी सेक्टर में बड़ा रिफॉर्म किया गया है, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूनियन कैबिनेट ने एनर्जी के क्षेत्र में भी बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा, “कोल सेतु यानी कोल के उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बनने जा रहा है, जिससे इंपोर्ट पर निर्भरता खत्म हो रही है। इंपोर्टेड कोल से निर्भरता कम होने के कारण हम 60 हजार करोड़ रुपये बचा रहे हैं, 2024-25 में 1 बिलियन टन कोल प्रोडक्शन हुआ है। रेल और कोल एक तरीके से पर्टनर हैं। डोमेस्टिक जितने पावर प्लांट हैं उसमें रिकॉर्ड हाई कोल स्टॉक क्रिएट हो चुके हैं।”
Cabinet Briefing by Union Minister @AshwiniVaishnaw https://t.co/kXDBw0hbmq
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) December 12, 2025
MSP पर किसानों के लिए फैसला
तीसरा किसानों से जुड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- “केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2026 के लिए पिसाई वाले खोपरा के लिए 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और गोल खोपरा के लिए 12,500 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है। एनएएफईडी और एनसीसीएफ इसके लिए नोडल एजेंसियां होंगी।
