चंद्रग्रहण 2025: साल का अंतिम चंद्रग्रहण, जानें ग्रहण का राशियों पर असर
चंद्रग्रहण 2025: चंद्रग्रहण इस साल 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात को लगने जा रहा है, जो भारत समेत कई हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसके हिसाब से सूतक काल ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले, यानी 7 सितंबर की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगा।
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चंद्रग्रहण का पूरा समय काल
आपको बताते चले कि इस साल का अंतिम खग्रास चंद्रग्रहण भाद्र पद शुक्ल की पूर्णमासी दिनांक 7 सितंबर 2025 को है। जो कि
शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि में पड़ेगा, काशी में स्पर्श रात्रि 9 बजकर 57 मिनट पर और मध्य रात्रि 11 बजकर 41 मिनट पर रहेगा। वही मोक्ष रात्रि 1 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
चंद्रग्रहण का कब से कब तक रहेगा

आपको बतादें कि साल 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात को लगने जा रहा है, यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 30 मिनट की रहेगी। ग्रहण रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा और रात 11 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक इसका पूर्णकाल चलेगा, जो लगभग 1 घंटे 22 मिनट तक रहेगा। वहीं भारत समेत कई हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
ऐसे में बात करें सूतक काल की तो लगभग 9 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। सूतक काल के दौरान धार्मिक और शुभ कार्यों से परहेज करना चाहिए और भगवान की मूर्तियों का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए।
सूतक काल को लेकर पूरी जानकारी
बताते चले कि चंद्रग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर की रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगी। वहीं सूतक काल ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले से दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगा। चूंकि यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल भी भारत में वैध और मान्य माना जाएगा। जानें विशेष जानकारी…
- सूतक काल शुरू होते ही सभी मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।
- इस समय भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाता।
- ग्रहण काल में खाना-पीना वर्जित होता है।
- धार्मिक अनुष्ठान या शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं।
- इस दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते या दूर्वा डालना शुभ माना जाता है।
- इस समय सावधानी बरतना और नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है।
- सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्म होने तक मन ही मन भगवान का जप करना चाहिए।
- सूतक काल में बाल काटना या नाखून काटना उचित नहीं माना जाता है। इस समय शरीर की सफाई से जुड़ी ये चीजें टालनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्म होने तक विशेष ध्यान रखना होता हैं।
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ग्रहणकाल खत्म होने के बाद क्या करें?
- गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।
- कपड़े धोएं और घर को साफ करें।
- भगवान का नाम जप और प्रार्थना करें।
- ग्रहण खत्म होने के बाद घर और मंदिर की साफ-सफाई की जाती है।
- दान-पुण्य और धार्मिक कार्य किए जाते हैं।

गर्भवती महिलाओं ग्रहण काल में बरतें सावधानियां
- घर के अंदर रहें, और तो और ग्रहण को नहीं देखें।
- नुकीली वस्तुओं कैंची, चाकू और सूई जैसी चीजों का इस्तेमाल करने से बचें।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहणकाल के दौरान सोना नहीं चाहिए, इसकी जगह जप और प्रार्थना करें।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहणकाल के दौरान कुछ खाना भी नहीं चाहिए।
- ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

ग्रहण का राशियों पर फल
- मेष राशि को लाभ
- वृष राशि को सुख
- मिथुन राशि को मान नाश
- कर्क राशि को मृत्यु तुल्य कष्ट
- सिंह राशि को स्त्री पीड़ा
- कन्या राशि को सुख
- तुला राशि को चिंता
- वृश्चिक राशि को व्यथा
- धनु राशि को श्री लाभ
- मकर राशि को हानि
- कुंभ राशि को कष्ट
- मीन राशि को हानि