दिमाग खाने वाले कीड़े से हो जाएं अलर्ट, अब ले चुका है 18 लोगों की जान
Brain Eating Amoeba: दिमाग खाने वाले कीड़े का डर इन दिनों काफी बढ़ गया है क्यों कि अभी तक में खबरों की मानें तो इस कीड़े का शिकार 18 लोग हो गए है जिस कारण उनकी जान भी चली गई हैं।
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जानें कितना खतरनाक है दिमाग खाने वाला कीड़ा

बताते चले कि केरल में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के 67 मामले सामने आए हैं। इसे दिमाग खाने वाला कीड़ा या इंफेक्शन के रूप में भी जाना जा रहा है। अभी तक इससे संक्रमण से 18 मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। गौरतलब यह है कि ये बीमारी “नेगलेरिया फाउलेरी” (Naegleria fowleri) नामक अमीबा की वजह से होती है। जिसे काफी खतरनाक बीमारी माना जा रहा हैं।
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इतना ही नहीं इस बीमारी का ऐसा प्रभाव है कि अगर इसका इलाज सही समय पर ना मिला तो कम से कम 4 से 18 दिन के भीतर ही जान भी जा सकती है। वहीं खबरों के अनुसार इस बीमारी से संक्रमित व्यक्तियों में से 98 प्रतिशत लोगों को मौत हो सकती है। इसका डेथ रेट कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से भी ज्यादा है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने जारी किया अलर्ट
फिलहाल इस खतरनाक बीमारी को देखते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने भी निगरानी बढ़ा दी है। वहीं दिल्ली एनसीआर के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

हाल ही में PAM यानी Primary Amoebic Meningoencephalitis के मामलों में हुई वृद्धि को देखते हुए, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने 27 अगस्त को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें रुके हुए तालाबों या नदियों में नहाने से सख्त मना किया है। वहीं इस मामले को लेकर स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स का यह मानना था कि यह बीमारी अधिकतर उन लोगों में फैलती है, जो तालाब, झील या स्विमिंग पूल जैसे जगहों में नहाते या तैरते हैं। अनुमान था कि नाक में दूषित पानी जाने से अमीबा दिमाग तक पहुंच जाता है और संक्रमण फैलता है। वहीं कुछ मामले ने इस तथ्य को गलत साबित किया गया है।

जानें क्या है अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस?
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस जिसे अक्सर “दिमाग खाने वाला अमीबा” संक्रमण कहा जाता है, यह नेग्लेरिया फाउलेरी के कारण होता है। यह अमीबा गर्म, स्थिर और खराब पानी में पनपता है और नाक के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश करता है। यह बीमारी बेहद दुर्लभ है, लेकिन बेहद घातक है। भारत में पहले भी इसके मामले सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार काफी ज्यादा मामले बढ़े हैं। दुनिया भर में इसकी मृत्यु दर बहुत ज़्यादा है। इंसान के शरीर में अंदर जाने के बाद अमीबा मस्तिष्क तक पहुंच जाता है और गंभीर सूजन पैदा कर देता है।
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जानें कौन-कौन हुआ शिकार
- एक तीन महीने के नवजात बच्चे, जिसका तालाब या झील से कोई संपर्क नहीं था, इस बीमारी का शिकार हुआ।
- कुछ ऐसे मरीज भी मिले जो केवल घर में स्नान करते थे और फिर भी संक्रमित हो गए।
- वहीं एक 17 साल का लड़का भी शिकार हुआ जिसने स्विमिंग पूल में स्विमिंग किया था।
- वहीं, घर में शॉवर से नहाने के बाद भी कुछ लोग संक्रमित पाए गए हैं।
- अधपका मांस खाने से दिमाग में हो सकता हैं कीड़ा।
- इसके चलते इन मामलों को देखते हुए इस बात का पता नहीं चल पाया है कि यह बीमारी कहां से हो रही हैं।

दिमाग खाने वाले कीड़े के संक्रमण से कैसे बचें
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने लोगों से स्थिर और अनट्रीटेड पानी में जाने, नहाने और तैरने से बचने की सलाह दी है। उन्होंने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए दिखा है, “अमीबिक इंसेफेलाइटिस नामक बीमारी से बचाव के लिए क्या निवारक उपाय किए जाने चाहिए? कुछ बातें जो हमें पहले जाननी चाहिए।” अगर पानी में जा रहे हैं तो नाक क्लिप का उपयोग करें। पूल और कुओं में उचित क्लोरीनीकरण होना जरूरी है। घर में साफ पानी स्टोर करके रखें। बाढ़ के गंदे पानी में न जाएं। इससे खतरे को कम किया जा सकता है।

दिमाग खाने वाले कीड़े के लक्षण
डॉक्टर्स की मानें तो यह स्थिति बहुत तेज़ी से बढ़ती है, जिससे शुरुआती लक्षणों की पहचान कर पाना कई बार मुश्किल हो जाता है। लेकिन ये कुछ सामान्य चेतावनी संकेत दिखने पर अलर्ट होने की जरूरत है।
- भयंकर सरदर्द
- बुखार और मतली
- गर्दन में अकड़न
- भ्रम या भटकाव
- सीजर्स यानि दौरे पड़ना