EaseofDoingBusiness-2025′ लाने जा रही यूपी सरकार, जेल की जगह मिलेगा आर्थिक दंड
उत्तर प्रदेश: यूपी सरकार एक नया विधेयक लाने जा रही है, जिसके बाद यूपी में उद्योग-व्यापार से जुड़े कानूनों में जेल की जगह आर्थिक दंड मिलेगा। इस विधेयक के जरिए सरकार 11 से अधिक कानूनों में बदलाव कर उन्हें अपराध की श्रेणी से मुक्त किया जाएगा।

EaseofDoingBusiness को सशक्त बनाना- यूपी सीएम
आपको बताते चले कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ के प्राविधानों पर चर्चा की तथा आवश्यक निर्देश देते हुए यूपी सीएम ने कहा – #EaseofDoingBusiness को और सशक्त बनाने के लिए नए कदम उठाना समय की मांग है। साथ ही, यह भी उतना ही आवश्यक है कि औद्योगिक विकास के साथ श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधा की गारंटी सुनिश्चित हो।
#UPCM @myogiadityanath ने आज जनपद लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में 'सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025' के प्राविधानों पर चर्चा की तथा आवश्यक निर्देश दिए।
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मुख्यमंत्री जी ने कहा कि #EaseofDoingBusiness को और सशक्त बनाने के लिए नए कदम… pic.twitter.com/VeljHJ62Gp
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘श्रमेव जयते’ के भाव को आत्मसात करते हुए हमें ऐसे सुधार करने होंगे, जो श्रमिकों और उद्यमियों, दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के मंत्र के अनुरूप आगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औद्योगिक व श्रम सुधारों की दिशा में बड़े कदम बढ़ा दिए हैं।
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यूपी बनेगा सुगम्य व्यापार का पहला राज्य
इसके साथ ही बैठक के दौरान सीएम योगी के निर्देश पर राज्य में उद्योग और व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान समाप्त करने की तैयारी हो रही है। इस हिसाब से शीघ्र ही उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो व्यावहारिकता के दृष्टिकोण से इतने बड़े पैमाने पर आपराधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक श्रेणी में परिवर्तित करेगा।
अनावश्यक दण्डात्मक प्राविधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू करना वर्तमान की जरूरत है।
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आपत्तियों और सुझावों पर गम्भीरता से विचार करते हुए 'सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025' को ऐसा स्वरूप दिया जाए, जो उद्योग और श्रमिकों के हितों में…
बताते चले कि गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा- अनावश्यक दण्डात्मक प्राविधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू करना वर्तमान की जरूरत है।
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आपत्तियों और सुझावों पर गम्भीरता से विचार करते हुए ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ को ऐसा स्वरूप दिया जाए, जो उद्योग और श्रमिकों के हितों में संतुलन स्थापित करता हो। निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट की प्रणाली अपनाई जानी चाहिए। इन सुधारों से जहां उद्योगों का बोझ कम होगा, वहीं श्रमिकों का हित भी सुरक्षित होगा।
‘सुगम्य व्यापार विधेयक 2025’ पीछे क्या है योगी सरकार की योजना?
#UPCM @myogiadityanath के निर्देशानुसार, @UPGovt शीघ्र ही 'सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025' लाने जा रही है। इसके अंतर्गत, आबकारी अधिनियम, शीरा अधिनियम, वृक्ष संरक्षण अधिनियम, राजस्व संहिता, गन्ना अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, प्लास्टिक कचरा… pic.twitter.com/0nLnF29cxd
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मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सीएमओ के आधिकारिक अकाउंट के जरिए बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, यूपी सरकार शीघ्र ही ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ लाने जा रही है। इसके अंतर्गत, आबकारी अधिनियम, शीरा अधिनियम, वृक्ष संरक्षण अधिनियम, राजस्व संहिता, गन्ना अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, प्लास्टिक कचरा निस्तारण अधिनियम, सिनेमा अधिनियम तथा क्षेत्र व जिला पंचायत अधिनियम सहित कई कानूनों को अधिक व्यावहारिक स्वरूप दिया जाएगा। इनमें जहां पहले कारावास की सजा का प्राविधान था, वहां अब अधिक आर्थिक दण्ड व प्रशासनिक कार्रवाई को वरीयता देने की योजना है।
नए प्रावधानों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा- अनावश्यक दंडात्मक प्रावधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू करना समय की मांग है।
#UPCM @myogiadityanath के निर्देशानुसार, प्रदेश में उद्योग और व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99% आपराधिक प्राविधान समाप्त करने की तैयारी की जा रही है।
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शीघ्र ही, उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जो व्यावहारिकता के दृष्टिकोण से इतने बड़े पैमाने पर… pic.twitter.com/wshDDxad1o
बैठक में श्रम कानूनों को लेकर हुई चर्चा
बैठक में श्रम कानूनों के सरलीकरण पर भी चर्चा हुई। प्रस्तावों में फैक्ट्री लाइसेंस की अवधि बढ़ाने, दुकानों व प्रतिष्ठानों के नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने और महिलाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने जैसे कदम शामिल हैं।

सुधारों की शृंखला में ‘निवेश मित्र 3.0’ पर भी विचार-विमर्श हुआ। इसके तहत निवेशकों की आवेदन व अनुमोदन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुगम बनाया जाएगा। कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म, पैन-आधारित पहचान, स्मार्ट डैशबोर्ड, बहुभाषी सहायता और एआई चैटबॉट जैसी सुविधाएँ जोड़ी जाएंगी। उन्होंने कहा कि निवेश मित्र पोर्टल का नया संस्करण शीघ्र ही लॉन्च किया जाए, जिससे ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को नई मजबूती मिलेगी।