गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में जाने समझ कर जीवन कैसे जिए
गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज गुरु ज्ञान का आज का विषय है “यद् पिण्डे तद् ब्रह्माण्डे” ग्रह मंडल में दो पक्ष जो आपस में टकराते रहते है। जो कुछ ब्रह्माण्ड में होता है वहीं सब कुछ शरीर में होता है बस जानता वही है जो समझ कर जीवन को जीता है।
समझ कर भोजन करना भी एक कला है काफी लोग भोजन कर लेते लेकिन उसका स्वाद समझ नहीं पाते, कुछ लोग पानी पीते तो है पर समझ कर पानी पीना समझ कर बोलना भी एक कला है।
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मनुष्य शरीर में दो तत्व
आइए एक कहानी के माध्यम से जाने एक बार कबीर दास जी से काशी के पंडितों ने शास्त्रार्थ किया पंडितों ने अपनी-अपनी पोथी निकाली और कबीर दास से पूछने लगे कबीर दास चुप बैठे थे। पंडितों ने कहा- बोलो क्यों बोलते नहीं बड़े ज्ञानी बने रहते हो। कबीर दास जी ने कहा- आप लोग जो पढ़ते हो वह समझ कर पढ़ते हो कि पढ़ कर समझते हो।
पंडितों ने कहा- नहीं हम केवल पढ़ते हैं। उसी तरह मनुष्य अगर समझ कर देखे तो उसके शरीर में दो तत्व विराजमान हैं, एक देवता और दूसरा दानव।

- देवता में सूर्य चंद्रमा मंगल और गुरु
- दानव में शुक्र शनि राहु केतु और बुध
यह सब हमेशा एक दूसरे के ऊपर अपना-अपना प्रहार करते रहते है, मनुष्य समझ नहीं पाता कि सुख और दुख का कारण क्या है। यह जानकारी गुरु कृपा से मिलती है जो साधक साधना में विश्वास रखते है और करते है उनको मालूम होता हैं और जिनको मालूम होता है वह कबीर दास जी के तरह मस्त जीवन जीते रहते है। इसकी विवेचना एनालाइज करके जाना जा सकता है।
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NOTE: प्रत्येक गुरुवार को गुरु प्रसाद मिलता रहेगा जो जिज्ञासु लोग है उनकी इच्छा पूर्ण होती है। यह जानकारी गुरु के आशीर्वाद से मिलता है आप सभी को देने का प्रयास करता हूं। जिज्ञासु लोग कैरियर की जानकारी और लाइफ चेंज के लिए संपर्क करें। नोएडा-लखनऊ-कानपुर आप का साथी ज्योतिषाचार्य राम नजर मिश्र रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ, 9415126330, 6386254344.
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