गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में नौ ग्रहों को कैसे प्रसन्न करें
गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज गुरु ज्ञान का विषय है “ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड घनेरे सब गतिवान तुम्हारे पिरो” जब परमात्मा की कृपा होती है तब सब कुछ ठीक हो जाता है।

सूर्य जगतस्त्थ आत्मा
सूर्य सारे संसार को प्राण देता हैं, पूरा ब्रह्मांड सूर्य की परिक्रमा करता रहता है, सूर्य की प्रसन्नता हमें पिता की सेवा उनकी आज्ञा पालन से मिलती है। अर्थात जिनको सूर्य को प्रसन्न करना हो वह पिता को प्रसन्न करें।
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चंद्रमा ग्रह- मातृ देवों भाव
जिनको चंद्रमा को प्रसन्न करना हो वह माता को प्रसन्न करें चाहे गऊ माता हो, गंगा माता हो, दुर्गा माता हो, पृथ्वी माता हो, मातृदेवों भाव।
मंगल ग्रह
जिनको मंगल को प्रसन्न करना हो वह (उत्साह संपन्नम)”जो व्यक्ति उत्साह से परिपूर्ण” हो नेतृत्व क्षमता विकसित करें।
बुध ग्रह
जिनको बुध को प्रसन्न करना हो वह शिक्षा विकसित करें मिलनसार रहे।

गुरु ग्रह
जिनको गुरु को प्रसन्न करना हो वह विद्या विनय से सम्पन्न हो, परोपकार करें दूसरे की भलाई करें।
शुक्र ग्रह
जिनको शुक्र ग्रह को प्रसन्न करना हो वह गऊ की सेवा करें, महिलाओं का सम्मान करें।
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शनि ग्रह
जिनको शनि ग्रह को प्रसन्न करना हो वह न्याय संगत काम करें अनीति अत्याचार के खिलाफ काम करें।
राहु ग्रह
जिनको राहु को प्रसन्न करना हो वह जीवन में लक्ष्य बनाकर काम करें।

केतु ग्रह
जिनको केतु को प्रसन्न करना हो वह समर्पण भाव से रहे। यह फलादेश वर्तमान के कर्म से मिलता रहेगा भविष्य बनेगा गुरु की कृपा मिलेगी सोचा हुआ काम बनेगा।