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गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में जानें पूर्वजों की खोज के बारे में..

गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज का विषय पुरातन विज्ञान की किसने दी जानकारी…आज का विज्ञान भले ही अपने आपको सर्वश्रेष्ठ कहता है, परंतु जाने हमारे ऋषि मुनि ने कितने महान आविष्कार बहुत ही पहले कर दिए थे। जो आज के विद्यार्थी सोच ही नहीं सकते, हमारे पूर्वज की खोज क्या थी।

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जानें पूर्वज ऋषियों के खोज के बारें में…

गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में जानें पूर्वजों की खोज के बारे में..

महर्षि पतंजलि- योग, मनोविज्ञान, आयुर्वेद योग, मन की मनोवैज्ञानिक व्याख्या के लिए जाना जाता हैं।

ऋषि गर्ग- खगोलशास्त्र, ज्योतिष गर्ग संहिता, ग्रहों की गति के लिए जाना जाता हैं।

ऋषि कणाद- (भौतिकी, परमाणु सिद्धांत) जिन्हें भारतीय परमाणु सिद्धांत का जनक माना जाता है, उन्होंने लगभग 2,600 वर्ष पहले पदार्थ की अविभाज्य इकाई “परमाणु” की अवधारणा प्रस्तुत की थी।

ऋषि वशिष्ठ- खगोलशास्त्र, दर्शन वैदिक खगोल शास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, वेदों के अंग, वेदांग ज्योतिष में भी उनका महत्वपूर्ण स्थान है।

ऋषि चरक- चिकित्सा आयुर्वेद, आंतरिक चिकित्सा पर केंद्रित है। यह ग्रंथ शरीर, मन और आत्मा के बीच संबंध को समझकर रोगों की रोकथाम और उपचार पर जोर देता है।

ऋषि अत्रि- खगोलशास्त्र, चिकित्सा अत्रि संहिता, वैदिक स्तुति, जिन्हें ज्योतिष, चिकित्सा और वैदिक स्तुति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। वे ऋग्वेद के मंत्रों में अग्नि, इंद्र आदि के साथ मिलते हैं और ऋग्वेद का पांचवां मंडल उन्हें समर्पित है।

ऋषि सुश्रुत- सुश्रुत संहिता, शल्य क्रिया, शरीर रचना के लेखक है, यह ग्रंथ प्राचीन भारत में शल्य चिकित्सा और शरीर रचना विज्ञान का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

ऋषि पराशर- पर्यावरण, वनस्पति विज्ञान, कृषि-पराशर, कृषि विज्ञान के योगदान के लिए जाना जाता है। जिसमें प्राचीन भारतीय कृषि प्रथाओं और पर्यावरण प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी गई है।

ऋषि भारद्वाज- यंत्र विद्या, विमानों का वर्णन जिन्हें विमान विद्या का जनक माना जाता है, ने विमानों के बारे में विमानशास्त्र नामक एक ग्रंथ लिखा था। इस ग्रंथ में, उन्होंने 500 प्रकार के विमानों और उन्हें बनाने की 32 विधियों का वर्णन किया है। उन्होंने विमानों को “पक्षियों के समान वेग” वाला बताया है, जिसके कारण उन्हें विमान कहा जाता है।

ऋषि जैमिनी- तर्कशास्त्र, दर्शन मीमांसा सूत्र, कारण और प्रभाव सिद्धांत का आधार है।

ऋषि आर्यभट्ट- आर्यभट्टीय, n(पाई) का मान, पृथ्वी की गति, आर्यभट्ट (476-550 ई.) एक महान भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे जिन्होंने “आर्यभटीय” नामक ग्रंथ की रचना की।

गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में जानें पूर्वजों की खोज के बारे में..

ऋषि भृगु- ज्योतिष, खगोलशास्त्र, भृगु संहिता, ग्रहों का प्रभाव, रचना है, ज्योतिष का एक प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है जिसमें ग्रहों के प्रभाव और मानव जीवन पर उनके प्रभावों का विस्तृत विवरण है।

ऋषि वराहमिहिर- खगोलशास्त्र, मौसम, विज्ञान बृहत्संहिता, ग्रहों का विज्ञान उनकी मुख्य रचनाओं में “पंचसिद्धांतिका”, “बृहत्संहिता” और “बृहज्जातक” शामिल हैं।

ऋषि लगध- खगोलशास्त्र, पंचांग विज्ञान, वेदांग ज्योतिष, वैदिक पंचांग की रचना के लिए माना जाता हैं।

ऋषि भास्कराचार्य- गणित, खगोलशास्त्र, लीलावती, सिद्धांत शिरोमणि,उन्होंने गणित और खगोल विज्ञान पर कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की।

ऋषि शौनक- वर्गीकरण, व्यवस्था वैदिक, अनुष्ठानों का प्रणालीबद्ध विवरण दिया। वे शुनक ऋषि के पुत्र थे और उन्हें संस्कृत व्याकरण, ऋग्वेद-प्रतिशाख्य, बृहद्देवता, चरणव्यूह, और ऋग्वेद की छह अनुक्रमणिकाओं (सूचकांकों) का लेखक माना जाता है।

ऋषि अगस्त्य- ऊर्जा, विज्ञान, प्राचीन बैटरी जैसी यंत्रों का वर्णन दिया हैं। उनकी अगस्त्य संहिता नामक पुस्तक में विद्युत ऊर्जा, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, और यहां तक कि प्राचीन बैटरी जैसी प्रणालियों का वर्णन है।

ऋषि नारद- संचार, संगीत आकाश तत्व और ध्वनि संचरण का वर्णन के लिए जाना जाता हैं। उन्हें एक महान संगीतज्ञ, पत्रकार, और देवर्षि के रूप में जाना जाता है। नारद मुनि को ब्रह्मांड में ध्वनि के प्रसार और संगीत के ज्ञान का वाहक माना जाता है।

ऋषि कपिल- सांख्य दर्शन, शरीर और मन का द्वैत एक प्राचीन भारतीय दर्शन है, जो ‘पुरुष’ (चेतना) और ‘प्रकृति’ (पदार्थ) के द्वैत पर आधारित है। यह दर्शन शरीर और मन को जड़ (जड़) मानता है।

ऋषि पाणिनि- अष्टाध्यायी, संस्कृत व्याकरण, कंप्यूटर विज्ञान जैसे नियम हैं। इसमें 4,000 से अधिक सूत्र हैं जो संस्कृत भाषा के नियमों को परिभाषित करते हैं। अष्टाध्यायी की संरचना और नियमों ने कंप्यूटर विज्ञान, विशेष रूप से प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और कंपाइलर डिजाइन में, प्रेरणा प्रदान की है, कुछ शोधकर्ताओं का कहना है।

गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में जानें पूर्वजों की खोज के बारे में..

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NOTE: प्रत्येक गुरुवार को गुरु प्रसाद मिलता रहेगा जो जिज्ञासु लोग है उनकी इच्छा पूर्ण होती है। यह जानकारी गुरु के आशीर्वाद से मिलता है आप सभी को देने का प्रयास करता हूं। जिज्ञासु लोग कैरियर की जानकारी और लाइफ चेंज के लिए संपर्क करें। नोएडा-लखनऊ-कानपुर आप का साथी ज्योतिषाचार्य राम नजर मिश्र रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ, 9415126330, 6386254344.

https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AF_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BE

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