गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा में जन्म कुंडली में जाने धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष की प्राप्ति
गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज का विषय धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष की प्राप्ति जन्म कुंडली में जाने… जैसा कि आप सभी जानते है कि कुंडली में बारह भाव होते है उसमें चार त्रिकोण होते है।
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वह चार त्रिकोण कौन-कौन से है जाने…

प्रथम त्रिकोण धर्म, त्रिकोण लग्न, प्रथम भाव, पंचम भाव, नवा भाव
दूसरा त्रिकोण अर्थ त्रिकोण
द्वितीय भाव, छठा भाव, दशम भाव, तीसरा त्रिकोण, काम त्रिकोण
तीसरा भाव सप्तम भाव, एकादश भाव, चौथा त्रिकोण, मोक्ष त्रिकोण
चतुर्थ भाव अष्टम भाव द्वादश भाव

इसके साथ चार केंद्र होते है, इन चारों केंद्र में दो पक्ष होता है।
- एक देवता का पक्ष
- दूसरा असुर का पक्ष
दोनों मिलकर देवासुर संग्राम करते रहते है। इन विपरीत परिस्थिति में जो ग्रह स्थित हैं वह क्या कर रहे उनपर दृष्ट किसकी पड़ती वह पाप दृष्टि या शुभ दृष्टि। उच्च का या नीच का अस्त या कम अंश का हैं। सभी का गहराई से विचार करने के बाद जो निर्णय निकले उसका फलादेश करना चाहिए। यह फलादेश एक गंभीर विषय है, किसी योग्य ज्योतिषी से जानकारी लेनी चाहिए।
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