गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा से जानें विचारों के शक्ति की क्रांति
गुरु शिक्षा: गुरुवार के ज्ञान में आज गुरु प्रसाद का विषय विचारों की शक्ति… जी हां क्योंकि विचारों की शक्ति से क्रांति हो सकती है।
मार्कण्डेय पुरान में लिखा है- “यम यम चिंतितीय कामम तम तम प्रापनौती निश्चितम”

गोस्वामी जी ने लिखा है- ” जो विचार करिहि मन माही राम कृपा कछु दुर्लभ नाही”
गुरुदेव ने कहा- “मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता है विचारों के माध्यम से उत्कृष्ट चिंतन करना होगा”
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विचारों से कैसे पाएं सबकुछ

मन की वह अवस्था जब चेतन से अवचेतन में चली जाती है, तब मनुष्य के जीवन में छिपी हुई अपार संभावना बाहर आ जाती है, जहां वह तुच्छ दिखने वाला था वहीं यूनिवर्स उसको अपार धन, सम्मान, यश, कीर्ति, वैभव से भर देता है। उसको आम लोगों से खास लोगों में गिना जाता है। जिस क्षेत्र में वह जाता है उसी क्षेत्र में उसकी वृद्धि होती है।
बस उसको अपने पूर्व कर्म को उल्टा करना पड़ता है वह लाभ के जगह भला करने लगता है। यूनिवर्स उसको मान, सम्मान, यश, कीर्ति, वैभव, धन से परिपूर्ण कर देता है। विचारों की शक्ति से बड़े से बड़े रोग रिपु भी समाप्त होते देखा गए हैं। यह कपोल कल्पित नहीं है। इसी विषय को लेकर हावर्ट विश्वविद्यालय ने रिसर्च किया है।
विचारों की शक्ति का उदाहरण

एक लेख के अनुसार जब एक कैदी को फांसी की सजा सुनाई गई उसको बताया गया फांसी देते समय उसको कष्ट का सामना करना पड़ेगा उसमें संशोधन किया जा रहा है आप को कोबरा नाग से डसवाया जाएगा। जहां आप की मृत्यु तुरन्त हो जाएगी वह तैयार हो गया जल्लाद द्वारा उसको मृत्यु दंड की तैयारी हुई
कोबरा नाग लाया गया उसको उसने देखा सामने नाग है काली पट्टी बांधी गई नाग के जगह उसको पिन से चुभोना हुआ उसके विचार भय से ग्रसित होकर मृत्यु को प्राप्त किया।
डाक्टर ने जब टेस्ट की जांच किया तो उसके शरीर में जहर फैला हुआ था, यह सब विचारों का बिखराव था जब मनुष्य विचारों से मृत्यु को प्राप्त कर सकता है तो विचारों से जीवन में क्वाल्टी आफ लाइफ चेंज कर सकता है।
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