‘आई लव मुहम्मद’ विवाद ने कई राज्यों में बढ़ाया तनाव, शहर काजी ने दिया शांति संदेश
आई लव मोहम्मद: ‘आई लव मुहम्मद’ यूपी के जिले कानपुर से शुरू हुआ विवाद अब कई दूसरे और राज्यों तक पहुंच गया हैं, वहीं देशभर में फैले इस विवाद के बाद कई जगह FIR दर्ज हुई है क्योंकि इसके चलते कई जगहों पर जमकर हंगामा भी किया गया हैं। ‘आई लव मुहम्मद’ का पोस्टर लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग जगह-जगह जुलूस निकाल रहे हैं और मस्जिदों पर ये पोस्टर चिपका रहे हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से…

यूपी से शुरू कई जगहों पर फैला विवाद
बतादें कि कानपुर में ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर हटाने और FIR दर्ज होने के बाद देशभर में विवाद फैल गया है। मुस्लिम समुदाय विरोध में जुलूस निकाल रहे है और मस्जिदों पर ये पोस्टर चिपका रहे हैं। यूपी के जिलों के साथ उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों में तनाव बढ़ा है और हिंसा एवं पथराव की घटनाएं भी सामने आईं हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर पुलिस पर पथराव और हिंसा की घटनाएं भी सामने आई हैं।
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यह सारा बवाल कानपुर से शुरू हुआ जहां एक पब्लिक रोड पर लगाए गए ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे बोर्ड हटाए गए और इस मामले को लेकर FIR दर्ज की गई। घटना की जानकारी होते ही उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान समेत कई राज्यों में बवाल शुरू हो गया। यह मामला अब सिर्फ कानपुर और उन्नाव तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यूपी के भदोही और शाहजहांपुर, उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर और महाराष्ट्र के ठाणे और लातूर तक पहुंच गया है।
कैसे और कहां से शुरू हुआ विवाद?

यह विवाद 4 सितंबर को बारावफात के जुलूस से शुरू हुआ था, जब कानपुर के रावतपुर में बिना अनुमति के एक जुलूस निकाला गया। इसी दौरान सड़क किनारे ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा एक पोस्टर लगाया गया। दूसरे समुदाय के लोगों ने इसे ‘नई परंपरा’ बताकर विरोध किया। पुलिस ने अनुमति न होने के कारण पोस्टर हटवा दिए, जिसके बाद मुस्लिम युवकों ने कुछ पोस्टर फाड़ दिए। पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया। शुरुआत में मामला शांत था, लेकिन राजनेताओं के बयानों ने इसे हवा दे दी, जिससे लोगों में गुस्सा भड़क उठा। इसके साथ ही कई और जगहों पर यह मुद्दा बन कर निकला।
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‘लोगों ने हिंदू धार्मिक पोस्टर भी फाड़ दिए’
पुलिस का कहना है कि बोर्ड हटाने के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू धार्मिक पोस्टर भी फाड़ दिए थे, जिससे तनाव बढ़ गया। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि FIR सिर्फ ‘आई लव मुहम्मद’ नारे के लिए की गई, जो पैगंबर मुहम्मद के प्रति प्यार जताने का तरीका है। कानपुर की घटना के बाद विवाद तेजी से फैला। उत्तराखंड से महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार तक मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए। लोग हाथों में ‘आई लव मुहम्मद’ के बैनर लेकर जुलूस निकाल रहे हैं। लोगों की मांग है कि FIR रद्द की जाए, वरना आंदोलन जारी रहेगा।

पुलिस का स्पष्टीकरण
कानपुर पुलिस ने साफ किया है कि मुकदमा पोस्टर लगाने के लिए नहीं, बल्कि बिना अनुमति जुलूस निकालने और टेंट लगाकर नई परंपरा शुरू करने के लिए दर्ज किया गया है। लेकिन, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कानपुर(Kanpur) में यहां से शुरू हुआ मामला
कानपुर के रावतपुर के सैय्यद नगर में रामनवमी शोभायात्रा गेट के सामने टट्टर पर आइ लव मोहम्मद (I Love Muhammad)का बोर्ड लगाने को लेकर 4 सितंबर को हंगामा हुआ था। एसीपी रंजीत कुमार ने लोगों को समझाकर मामला शांत का प्रयास किया। नाराज हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता आइ लव मोहम्मद का बैनर हटाए जाने की मांग को लेकर अड़े रहे। करीब दो घंटे बाद बोर्ड को हटाया गया। मुकदमा बारावफात की रोशनी कार्यक्रम के दौरान बिना अनुमति के गेट बनाने पर हुआ है। इसके बाद शराफत हुसैन, शबनूर आलम, बाबू अली, मोहम्मद सिराज, फजलू रहमान, इकराम अहमद, इकबाल, बंटी, कुन्नू कबाड़ी, 10-15 अज्ञात, दो वाहनों के नंबर पर सवार अज्ञात के खिलाफ रावतपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।

आइ लव मोहम्मद के बैनर को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। बल्कि वहां बिना अनुमति के गेट लगाया गया था, जिसका कुछ लोग विरोध भी कर रहे थे। जब पुलिस पहुंची तो विवाद होने लगा, लेकिन वहां पहले से गेट व बैनर लगाने की अनुमति नहीं ली गई थी। इसलिए नई परंपरा डालने और माहौल बिगाड़ने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल की उनसे मुलाकात भी हो चुकी है। निष्पक्ष जांच की जाएगी।- आशुतोष कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून व्यवस्था
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शहर काजी बोले- जुलूस न निकालें, कानून का उल्लंघन न करें
अप्रिय घटना को रोकने के लिए इस बीच अमन चैन कायम रखने के लिए शहर काजी आगे आए। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से कहा इस मसले पर बेवजह होहल्ला मचाकर शांति और कानून व्यवस्था भंग न करें। सभी आपस में हिलमिल कर रहें धारा 144 का पालन करें कहीं भी पांच से अधिक लोग एकत्र न हों।

शहर काजी मौलाना निसार अहमद मिस्बाही ने कहा- मेरी प्रशासन से बात हुई है। कानपुर में जो मुकदमा हुआ वह आई लव मोहम्मद का बैनर लगाने मात्र पर नहीं हुआ है उसके पीछे अन्य कारण हैं। शहर काजी ने कहा – कानपुर दूसरा शहर है उन्नाव गंगा जमुनी संस्कृति का शहर है। यहां कभी सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ा इस लिए हमारी कौम के लोग बिना अनुमति के किसी तरह का कोई जुलूस न निकालें। अगर किसी को अपनी बात रखनी है तो वह शांति पूर्वक प्रतिनिधि मंडल के रूप में प्रशासन से मिलकर अपना मांग पत्र दें। उन्होंने लोगों से अमन चैन कायम रखने में सहयोग करने की अपील की।