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IPS सतीश गोलचा: तिहाड़ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक का सफर, जानें अहम भूमिका

Delhi Police Commissioner: भारत की राजधानी दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति हमेशा से संवेदनशील मानी जाती है। देश की राजनीतिक राजधानी होने के साथ-साथ दिल्ली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित महानगर है। ऐसे में दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ बेहद जटिल होती हैं। जिसके चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस के नए पुलिस आयुक्त के रूप में आईपीएस सतीश गोलचा की नियुक्ति की है।

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गोलचा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ था। इस घटना ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया। ऐसे में नए पुलिस कमिश्नर की तैनाती को सुरक्षा चूक और बढ़ती अपराध दर के संदर्भ में बेहद अहम माना जा रहा है।

IPS सतीश गोलचा: तिहाड़ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक का सफर, जानें अहम भूमिका

सतीश गोलचा कौन हैं?

आपको बतादें कि IPS सतीश गोलचा 1992 बैच के एजीएमयूटी (Arunachal Pradesh-Goa-Mizoram and Union Territories) कैडर के अधिकारी हैं। वे लंबे समय तक दिल्ली पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं और तिहाड़ जेल, मंडोली और रोहिणी जेल के महानिदेशक (DG Prison) का दायित्व भी निभा चुके हैं।

उनका जन्म 30 अप्रैल, 1967 को हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली पुलिस से ही की थी। दिल्ली पुलिस, क्राइम ब्रांच, इंटेलिजेंस, लॉ एंड ऑर्डर और जेल प्रशासन—हर स्तर पर उन्होंने अपनी दक्षता दिखाई।

गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक उन्हें कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से अगले आदेश तक दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। इससे पहले एसबीके सिंह को दिल्ली पुलिस कमिश्नर का एडिशनल चार्ज दिया गया था, लेकिन सीएम पर हमले की घटना और बढ़ते अपराधों को देखते हुए अब स्थायी नियुक्ति कर दी गई।

निजी जीवन और परिवार

सतीश गोलचा एक साधारण पारिवारिक जीवन जीते हैं। उनके दो बेटे हैं, जिनमें से एक अपना स्टार्टअप चला रहा है जबकि दूसरा भी वर्किंग प्रोफेशनल है। परिवारिक दृष्टिकोण से वे जमीन से जुड़े व्यक्ति माने जाते हैं।

दिल्ली पुलिस में लंबा अनुभव

IPS सतीश गोलचा: तिहाड़ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक का सफर, जानें अहम भूमिका

IPS सतीश गोलचा ने दिल्ली पुलिस में कई अहम पदों पर काम किया है।

डीसीपी (DCP): शुरुआती दौर में वे दिल्ली के अलग-अलग जिलों में डीसीपी रहे।

ज्वाइंट और स्पेशल सीपी (Joint & Special CP): वे दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट और लॉ एंड ऑर्डर विंग में कार्यरत रहे।

स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर): 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान वे स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) के पद पर थे और दंगों को नियंत्रित करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

क्राइम ब्रांच के प्रमुख: उन्होंने क्राइम ब्रांच का भी नेतृत्व किया, जहां संगठित अपराध, गैंगस्टर नेटवर्क और माफिया गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की गई।

तिहाड़ जेल में सुधारक की भूमिका

मई 2024 में उन्होंने तिहाड़ जेल के महानिदेशक का पद संभाला। उनके कार्यकाल में जेलों की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर कई बदलाव किए गए। इसके साथ ही तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेलों में तकनीकी सुधार और सुरक्षा कड़ी की गई। कैदियों की निगरानी के लिए आधुनिक सीसीटीवी और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किए गए।

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जेल स्टाफ पर निगरानी और अनुशासन कड़ा किया गया ताकि जेलों से गैंगस्टरों के ऑपरेशन को रोका जा सके। कैदियों के पुनर्वास कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया गया। उनके कामकाज की शैली को जेल सुधार की दिशा में उल्लेखनीय माना गया और इसी वजह से उन्हें सख्त लेकिन व्यवहारिक अफसर की छवि मिली।

दंगों और संवेदनशील हालात में भूमिका

IPS सतीश गोलचा: तिहाड़ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक का सफर, जानें अहम भूमिका

सतीश गोलचा का नाम सबसे ज्यादा 2020 में हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान सामने आया। उस समय वे स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर, ज़ोन 2) थे। दंगों को नियंत्रित करने, शांति-व्यवस्था बहाल करने और बड़े पैमाने पर हुए नुकसान को सीमित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।

उनके नेतृत्व में पुलिस ने हालात पर काबू पाया और बाद में कई आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। हालांकि दिल्ली दंगों को लेकर पुलिस पर कई सवाल भी उठे, लेकिन प्रशासनिक दृष्टिकोण से उनकी भूमिका को निर्णायक माना गया।

अरुणाचल प्रदेश में डीजीपी का कार्यकाल

दिल्ली पुलिस के अलावा वे अरुणाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) भी रह चुके हैं। वहां पर उन्होंने न केवल कानून-व्यवस्था संभाली बल्कि सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का काम किया। नक्सल और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलिसिंग की चुनौती का उन्होंने सामना किया।

दिल्ली पुलिस के सामने चुनौतियाँ

IPS सतीश गोलचा: तिहाड़ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक का सफर, जानें अहम भूमिका
  • दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में गोलचा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब राजधानी कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।
  • राजनीतिक संवेदनशीलता: दिल्ली में संसद, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री निवास, केंद्रीय मंत्रालय और विदेशी दूतावास हैं। इसलिए यहां सुरक्षा की अहमियत राष्ट्रीय स्तर की है।
  • सीएम पर हमला: हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बताता है कि वीआईपी सुरक्षा में बड़ी चूकें हो रही हैं। इसे दुरुस्त करना गोलचा की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
  • बढ़ता अपराध: दिल्ली में बलात्कार, हत्या, लूट और सड़क अपराधों की दर लगातार चिंता का विषय रही है।
  • गैंगस्टर और संगठित अपराध: तिहाड़ जेल से ऑपरेट होने वाले गैंग्स और बाहरी अपराधी नेटवर्क को खत्म करना बड़ी चुनौती होगी।
  • महिला सुरक्षा: दिल्ली महिला सुरक्षा के मामले में बार-बार सवालों के घेरे में रही है।
  • साइबर क्राइम: डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस को तकनीकी रूप से और सक्षम बनाना होगा।
IPS सतीश गोलचा: तिहाड़ से दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक का सफर, जानें अहम भूमिका

दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनने के बाद सतीश गोलचा का लक्ष्य

  • वीआईपी सुरक्षा को मजबूत करना
  • महिला और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष फोकस
  • गैंगस्टर और संगठित अपराध पर कड़ा प्रहार
  • साइबर क्राइम यूनिट का विस्तार
  • दिल्ली पुलिस का आधुनिकीकरण और तकनीकी उपयोग
  • जनता और पुलिस के बीच विश्वास बहाली
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