ज्योतिष-धर्म

ज्योतिष ज्ञान में सीखें ज्योतिष: जाने वर्तमान, भूत, भविष्य काल

ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह ज्योतिष ज्ञान में आज का विषय केंद्र त्रिकोण से जाने वर्तमान काल, भूतकाल, भविष्य काल…

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भाव से जानें काल

ज्योतिष ज्ञान में सीखें ज्योतिष: जाने वर्तमान, भूत, भविष्य काल

वर्तमान काल, भूतकाल, भविष्य काल को जानने के लिए महर्षि परासर ऋषि ने बृहद परासर में लिखा है केंद्र त्रिकोण का संबंध लग्न को केंद्र माना जहां से शरीर का विचार किया जाता है। त्रिकोण में पंचम भाव और नवम भाव है, पंचम भाव से भूत काल का किया संचित कर्म और नवम भाव से वर्तमान में किया गया कर्म और संचित कर्म जो भोगने में शेष बचा है उसको भविष्य में भोगना पड़ेगा उसकी जानकारी नवम भाव से किया जाता हैं।

ब्रह्मांड में जो कुछ बोला जाता किया जाता सब कुछ अवचेतन मन में पड़ा रहता है, वहां उसका विकाश भी होता है अर्थात किया कर्म का व्याज रूप में भोगना पड़ता है। यह ईश्वर का विधान है उससे कोई बच नहीं सकता है रहे राजा रंक देवता दानव मानव कोई भी हो कर्म की गति टलती नहीं है।

सोच समझ कर बोले

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इसलिए सोच समझ कर बोला जाता है, किया जाता हैं कि सब कुछ CC टीवी कैमरा में कैद हो रहा है। क्योंकि एक न एक दिन हिसाब खोला जाएगा और उसको भोगना पड़ेगा। यही ईश्वर का संविधान हैं।

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चतुर जीवन जीने वाले अपने जीवन को परिवार को सोच समझ कर चलाते हुए जिंदगी का सफर तय करते हैं और लाइफ चेंज का आनंद पूर्वक जीवन जीते है उनके जीवन में सुख सम्पन्नता प्राप्त होती है। तो आइए हम अपने लाइफ के प्रति जागरूक रहे समझ कर जीवन जिये किसी मार्गदर्शक गुरु के सानिध्य में रहकर सफर तय करें।

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NOTE:- शेष अगले हफ्ते मिलेगा। ज्योतिष विषय सनातन धर्म से जुड़ा हुआ है गुरु के कृपा से मिलता है। यह जानकारी गुरु कृपा से मिलती है जिन लोगों को ज्योतिष में रुचि हो वह संपर्क करें धर्म परायण होकर साधना करें, आत्म चिंतन स्वाध्याय से प्रगति होगी। मिलने के लिए नोएडा, कानपुर, लखनऊ में अतिरिक्त जानकारी के लिए 9415126330, 6386254344 पर संपर्क करें। आप का साथी ज्योतिषाचार्य राम नजर मिश्र रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ…

यह ज्ञान बहुत ही खूब सूरत है इसमें जितना घुसा जाए उतना मजा आता है जीवन का जीव का आत्म का ब्रह्मांड का प्रकृति का ज्ञान भरा पड़ा है। हमारा प्रयास है समाज में जो विद्या लुप्त होती जा रही है, उसको भ्रमित किया जा रहा है अल्प ज्ञानी उसका दुरुपयोग कर रहे है। उन तक ज्ञान का विस्तार पहुंचे, ज्योतिष संबंधी जानकारी जो हर हफ्ते दिया जाता है उसे सीखना चाहते है तो राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ से संपर्क करें, बाकी ज्योतिष से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए भी संपर्क करें।

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