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कौन हैं सुदर्शन रेड्डी? इंडिया गठबंधन का उपराष्ट्रपति पद का दांव

B Sudershan Reddy: बी. सुदर्शन रेड्डी को इंडिया गठबंधन की तरफ से मंगलवार 19 अगस्त 2025 को एकमत से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। बतादें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की तरफ से चुने के बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं।

कौन हैं सुदर्शन रेड्डी? इंडिया गठबंधन का उपराष्ट्रपति पद का दांव

इंडिया गठबंधन ने किया उपराष्ट्रपति का ऐलान

इंडिया गठबंधन ने आज उपराष्ट्रपति पद के लिए रिटायर्ड जज बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा कर दी गई है। जिसकी जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी हैं वहीं इस ऐलान के दौरान शरद पवार और गठबंधन के कई बड़े नेता मौजूद रहे। बताते चले कि बी. सुदर्शन रेड्डी सत्ता पक्ष के उम्मीदवार और भाजपा नेता सीपी राधाकृष्णन को सीधी चुनौती देंगे।

जैसा कि आप सभी जानते है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव अगले महीने नौ सितंबर को होगा और नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त यानी कल बुधवार तक है। जिसके चलते इंडिया गठबंधन ने अपने उपराष्ट्रपति का ऐलान कर दिया हैं। वहीं एनडीए ने अपना उम्मीदवार दो दिन पहले ऐलान कर दिया था।

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जानें कौन हैं सुदर्शन रेड्डी

सीपी राधाकृष्णन को टक्कर देने वाले और इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं। जिनका जन्म 8 जुलाई 1946 में आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी ज़िले के आकुला मायलारम गांव में हुआ था जो कि एक किसान परिवार से आते हैं। वहीं बात करें उनकी शिक्षा की तो उनकी पढ़ाई- लिखाई हैदराबाद में 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और हैदराबाद में वरिष्ठ अधिवक्ता के. प्रताप रेड्डी के मार्गदर्शन में सिविल और संवैधानिक मामलों की प्रैक्टिस शुरू की। जिसके बाद 8 अगस्त 1988 को वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त हुए और बाद में केंद्र सरकार के लिए एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल की ज़िम्मेदारी निभाई।

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सुदर्शन रेड्डी का न्यायिक करियर

जस्टिस रेड्डी ने 1991 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में जज के तौर पर न्यायिक करियर की शुरुआत की, बाद में वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने और कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे। उसके बाद 5 दिसंबर 2005 को उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके अलावा 12 जनवरी 2007 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया, जहां से वो 8 जुलाई 2011 को सेवानिवृत्त हुए। सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद उन्हें गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने ईमानदार और सख्त छवि वाले अधिकारी के रूप में काम किया, भ्रष्टाचार के मामलों में उन्होंने बिना दबाव के जांच की और पारदर्शिता की पैरवी की।

आखिर इंडिया गठबंधन ने क्यों चुना

आपको बताते चले कि विपक्ष का मानना है कि रेड्डी की साफ-सुथरी छवि और न्यायिक अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है। जिसके चलते इंडिया गठबंधन ने सुदर्शन रेड्डी को उतारकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह संविधान, न्यायपालिका और पारदर्शिता के पक्षधर चेहरे को आगे रख रहा है।

जानकारी के लिए बतादें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में अब जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला बीजेपी नेता और तमिलनाडु के वरिष्ठ राजनेता सीपी राधाकृष्णन से होगा। वहीं बात करें राधाकृष्णन कि वो दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। जिसके चलते बीजेपी ने राष्ट्रीय राजनीति और संगठन में लंबे अनुभव को देखते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है।

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