मणिपुर में मोदी की शांति अपील पर कांग्रेस का वार: विकास की राह या सियासी दिखावा?
मणिपुर: मणिपुर पिछले ढाई सालों से जातीय हिंसा और अस्थिरता का सामना कर रहा है। कभी शांतिप्रिय और अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए पहचाने जाने वाले इस राज्य की छवि हालिया हिंसा की वजह से धूमिल हुई है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर का दौरा किया और राज्य की जनता के बीच शांति व विकास का संदेश दिया। उन्होंने संगठनों से शांति की राह चुनने की अपील की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
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इंफाल में मणिपुर के मेरे भाई-बहनों के जोश और उत्साह से पता चलता है कि राज्य के विकास को लेकर हमारी सरकार में उनका विश्वास कितना गहरा है। pic.twitter.com/nHoaJ2Gf7P
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
लेकिन इस दौरे को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे “महज दिखावा” करार दिया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने वास्तविक समाधान की बजाय केवल प्रचार का रास्ता चुना है। तो क्या प्रधानमंत्री का दौरा मणिपुर को हिंसा और अविश्वास की आग से बाहर निकाल पाएगा या यह सिर्फ़ एक राजनीतिक स्टंट है? आइए विस्तार से जानते हैं।
मणिपुर से माफी मांगे नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/gkLV6PC0ig
— Congress (@INCIndia) September 13, 2025
मोदी का मणिपुर दौरा: शांति और विकास का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा कई मायनों में अहम था। जातीय हिंसा से जूझ रहे राज्य में लोगों की उम्मीदें और डर दोनों ही बड़ी चुनौतियाँ बने हुए हैं।
- संगठनों से शांति की अपील
पीस ग्राउंड, चुड़ाचांदपुर में आयोजित सभा से मोदी ने स्पष्ट संदेश दिया – “मैं सभी संगठनों से अपील करूंगा कि शांति के रास्ते पर आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार करें। भारत सरकार मणिपुर के साथ खड़ी है।” उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार अब भी संवाद और आपसी समझ को समाधान की कुंजी मान रही है।
मुझे विश्वास है कि मणिपुर देश की ग्रोथ का मजबूत सेंटर बनकर विकसित भारत के लक्ष्य में अहम भागीदारी निभाएगा। pic.twitter.com/U09kwuw0qF
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
- 7,300 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास
मोदी ने अपने दौरे के दौरान 19 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनमें सड़क, रेल और सामाजिक ढाँचे से जुड़ी योजनाएँ शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये योजनाएँ न सिर्फ पहाड़ी इलाकों बल्कि जनजातीय समाज की जिंदगी बदल देंगी।
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- जीरीबाम-इम्फाल रेलवे लाइन
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि इम्फाल जल्द ही राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। यह न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगा बल्कि व्यापार, पर्यटन और स्थानीय रोजगार के अवसरों में भी इजाफा करेगा।
आज जब भारत ग्लोबल स्पोर्ट्स का पावरहाउस बन रहा है, तब मणिपुर के नौजवानों का दायित्व और बढ़ गया है। इसे देखते हुए हम उन्हें हर तरह से प्रोत्साहित करने में जुटे हैं। pic.twitter.com/ngG2dHe8Y6
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मणिपुर के लिए विकास का नया रोडमैप
- मोदी ने मणिपुर की चुनौतियों और संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया।
- सड़क और रेल नेटवर्क पर जोर
- हाल के वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
- 8,700 करोड़ रुपये की लागत से नए राजमार्ग बनाए जा रहे हैं।
- रेल कनेक्टिविटी के विस्तार से उत्तर-पूर्व को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास।
आजादी की लड़ाई से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक मणिपुर की मिट्टी ने देश को अनेक वीर-बलिदानी दिए हैं। इनसे प्रेरणा लेते हुए हम राज्य की शांति और समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। pic.twitter.com/ggK825aurQ
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सामाजिक योजनाएँ और बुनियादी सुविधाएँ
- नल से जल योजना से मणिपुर के 3.5 लाख से अधिक घरों तक पाइपलाइन पहुँची।
- आयुष्मान भारत योजना से अब तक 350 करोड़ रुपये का मुफ्त इलाज।
- गरीबों के लिए पक्के मकान और विस्थापितों के लिए 7,000 नए घरों की योजना।
मणिपुर की इस धरती से आज मैं नेपाल के हर उस व्यक्ति की सराहना करता हूं, जिसने अस्थिरता भरे माहौल में भी लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा है। pic.twitter.com/4z1vhS0Ofx
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
विशेष पैकेज
- मणिपुर के लिए 3,000 करोड़ रुपये का स्पेशल पैकेज।
- विस्थापितों की मदद के लिए 500 करोड़ रुपये का पैकेज।
मणिपुर की संस्कृति और महिलाओं की भूमिका
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मणिपुर की सांस्कृतिक विविधता और महिलाओं की भूमिका का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार भी महिलाओं के नेतृत्व में विकास को प्रोत्साहन दे रही है। इसके साथ ही उन्होंने जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का जिक्र किया, जो 500 गाँवों में चलाया जा रहा है।
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कांग्रेस का हमला: “दिखावा और संवेदनहीनता”
I'm glad that he has decided, after two years, to visit Manipur. He should have gone long before. It's very unfortunate that he allowed the situation to continue for so long, resulting in so many deaths.
— Congress (@INCIndia) September 13, 2025
This isn't in line with the tradition of Prime Ministers in India;… pic.twitter.com/BR89yM3qAx
जहाँ मोदी अपने दौरे को शांति और विकास की नई शुरुआत बता रहे थे, वहीं कांग्रेस ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा – “मणिपुर में आपका तीन घंटे का पड़ाव करुणा नहीं बल्कि दिखावा है। यह उन लोगों के जख्मों का अपमान है जो हिंसा में सबकुछ खो चुके हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मोदी ने हिंसा के दौरान 46 विदेश यात्राएँ कीं, लेकिन अपने देशवासियों को सांत्वना देने के लिए मणिपुर नहीं आए।
👉हिंसा भड़कने के ढाई साल बाद आख़िरकार इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मणिपुर जा रहे हैं
— Congress (@INCIndia) September 13, 2025
👉लेकिन सनद रहे
• वो आज भी वहां पर लोगों के आंसू पोंछने, विस्थापितों से मिलने, जिन महिलाओं को नोचा गया- उनका हाल जानने या शांति की अपील करने के लिए नहीं
• बल्कि रेलवे… pic.twitter.com/62QViTfoFI
कांग्रेस ने आँकड़े पेश करते हुए कहा –
- 864 दिन की हिंसा का दर्द
- 300 लोगों की मौत
- 1,500 से ज़्यादा घायल
- 67,000 लोग विस्थापित
.@narendramodi ji
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 13, 2025
Your 3-hour PIT STOP in Manipur is not compassion — it’s farce, tokenism, and a grave insult to a wounded people.
Your so-called ROADSHOW in Imphal and Churachandpur today, is nothing but a cowardly escape from hearing the cries of people in relief camps!…
वहीं कांग्रेस के अन्य नेताओं का भी बयान आया है कि के.सी. वेणुगोपाल: “यह दौरा अधूरे मन से किया गया, कोई ठोस समाधान नहीं दिखा।” इसके साथ ही सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- “मोदी राहत शिविरों में नहीं गए, केवल प्रोजेक्ट लॉन्च करने आए।”
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मणिपुर का वास्तविक संकट
पिछले 11 वर्षों से मणिपुर की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के हमारे प्रयासों से ना सिर्फ यहां के लोगों का जीवन आसान हुआ है, बल्कि नौजवानों के लिए रोजगार के भी अनेक नए अवसर बने हैं। pic.twitter.com/CwKQ8jibXc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
जातीय संघर्ष: कुकी और मैतेई समुदाय के बीच की खाई लगातार गहराती जा रही है। यह संघर्ष केवल हिंसा तक सीमित नहीं है बल्कि आपसी विश्वास और सामाजिक ढाँचे को भी तोड़ चुका है।
विस्थापन और असुरक्षा: लाखों लोग अपने घरों से बेघर हुए और अब भी शिविरों में रह रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार पर इसका गहरा असर पड़ा है।
हमारी सरकार के निरंतर प्रयासों से मणिपुर में उम्मीद और विश्वास की नई सुबह दस्तक दे रही है। राज्य में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए मेरा यहां के युवा साथियों से एक विशेष आग्रह… pic.twitter.com/IMeGhjVZp2
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
सरकार की चुनौती: मोदी सरकार के लिए यह केवल विकास का मुद्दा नहीं बल्कि विश्वास बहाली की लड़ाई है। जब तक दोनों समुदायों में संवाद और भरोसा नहीं बनता, तब तक शांति स्थायी नहीं हो सकती।
क्या मोदी का दौरा भरोसा दिला पाएगा?
मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र हों या ट्राइबल एरियाज, राज्य के हर हिस्से तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में हमने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। pic.twitter.com/4eq7CjwSaV
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दौरान भावनात्मक जुड़ाव दिखाने की कोशिश की। उन्होंने सड़क मार्ग से यात्रा कर लोगों का स्वागत स्वीकार किया और कहा कि यह पल वह कभी नहीं भूल पाएंगे। लेकिन विपक्ष का तर्क है कि केवल प्रोजेक्ट लॉन्च और भाषणों से स्थिति नहीं बदलेगी। असली काम जमीनी स्तर पर शांति बहाली और विश्वास निर्माण है।