अरविंद केजरीवाल के बाद अब ED की रडार में एक और AAP नेता
वहीं जांच एजेंसी यानि की ईडी का समन मिलने के बाद कैलाश गहलोत शनिवार यानि की 30 मार्च को करीब पौने 12 बजे ईडी मुख्यालय पहुंच...
नई दिल्ली : शराब घोटाला का मामला और ईडी का साथ जैसे की AAP पार्टी से जूड़ ही गया हो क्योंकि अब ईडी की रडार पर एक और मंत्री यानि की कैबिनेट मंत्री और आप के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत आ गए है। बतादे कि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री और आप के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत को जांच एजेंसी ने 30 मार्च को समन जारी करके पूछताछ के लिए बुलाया है।
ईडी ने परिवहन मंत्री को क्यों भेजा समन ?
वहीं जांच एजेंसी यानि की ईडी का समन मिलने के बाद कैलाश गहलोत शनिवार यानि की 30 मार्च को करीब पौने 12 बजे ईडी मुख्यालय पहुंच गए। दरअसल जांच एजेंसी ईडी की टीम दिल्ली सरकार की रद्द हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ करना चाहती है। ऐसे में सवाल उठता है कि कैलाश गहलोत तो दिल्ली सरकार में ट्रांसपोर्ट यानी परिवहन मंत्री हैं तो भला उनको पूछताछ के लिए समन क्यों भेजा गया और उनका इस मामले में क्या कनेक्शन है?
ED ने पूछे सवाल
आपको बतादे कि दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत से शनिवार को ईडी ने लगभग 5 घंटे तक पूछताछ की, वहीं पूछताछ के बाद बाहर आने पर उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा मुझसे जो भी सवाल पूछे गए मैंने उन सभी का जवाब दिया। मैं आबकारी मामले से अनजान हूं। इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। ईडी ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनसे पूछताछ की।
उन्होंने कहा- "मुझसे जो भी सवाल पूछे गए, मैंने उन सभी का जवाब दिया। मुझे सिविल लाइंस में सरकारी बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन मैं हमेशा वसंत कुंज में अपने निजी आवास में रहा हूं, क्योंकि मेरी पत्नी और बच्चे वहां से जाना नहीं चाहते थे। विजय नायर मेरे आवंटित बंगले में रह रहा था। कोई जिरह नहीं की गई।"
दूसरे समन की पूछताछ
इसके साथ कैलाश गहलोत ने कहा- "मैं दूसरे समन पर ईडी के समक्ष पेश हुआ था। पहला समन एक महीने पहले विधानसभा कार्यवाही के दौरान जारी किया गया था। मैंने कुछ समय मांगा था। मैं कभी भी गोवा चुनाव अभियान का हिस्सा नहीं रहा हूं और जो कुछ हुआ उससे मैं अनजान हूं।"
कैलाश और आबकारी नीति का कनेक्शन?
वहीं जांच एजेंसी के सूत्र की माने तो ये मामला उस वक्त का है जब दिल्ली सरकार की विवादित आबकारी नीति मामले में पॉलिसी बनाई जा रही थी। इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक समिति बनाई थी। उस कमेटी में तीन वरिष्ठ मंत्रियों को शामिल किया गया था, जिसमें एक मंत्री कैलाश गहलोत थे। आबकारी नीति की पॉलिसी बनाने वाली विशेषज्ञ समिति की अगर बात करें तो उसमें दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व स्वास्थ मंत्री सतेंद्र जैन और कैलाश गहलोत शामिल थे।