असम में बाढ़ ने मचाई तबाही 58 की हुई मौत, इंतजाम को लेकर बोले हिमंत बिस्वा
राज्य में बाढ़ के कारण 58 लोगों की मौत हो चुकी है इसके साथ ही 30 जिलों के 24 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
Assam Flood: असम में इस समय बारिश ने हाहाकार मचा रखा हैं, जिसके चलते चारों तरफ बाढ़ ने तबाही फैला रखी हैं। नदियों में पानी का लेवल बढ़ा हुआ हैं जिस कारण लोगों के घरों में पानी घुसा गया हैं जिस कारण सैकड़ों लोग घर से बेघर हो गए हैं। वहीं असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले एक महीने में बाढ़ की वजह से राज्य में 58 लोगों की जान चली गई है। इतना ही नहीं इसके अलावा 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं बाढ़ की वजह से लोगों को काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है।
आपदा से हुई जनता परेशान
वहीं मिली जानकारी की मानें तो राज्य में बाढ़ के कारण 58 लोगों की मौत हो चुकी है इसके साथ ही 30 जिलों के 24 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके साथ ही काजीरंगा में बड़ी संख्या में जानवरों के मारे जाने की खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक असम में बाढ़ की वजह से इस समय के हालत पर नजर डाली जाएं तो 5,26,000 से ज्यादा लोग राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं।
9 नदियों का बढ़ा स्तर
क्योंकि कई बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके चलते राज्य में सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। बताते चले ब्रह्मपुत्र और 9 अन्य नदियों का जल स्तर नेमाटीघाट, तेजपुर, धुबरी और गोलपारा में खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। राज्य के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि नदियों का पानी-पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है।
577 राहत शिविर के हुए इतंजाम
असम में बाढ़ के वजह से त्राहि-त्राहि मची हुई हैं ऐसे में बात करें राज्य में व्यवस्था का ध्यान रखने के लिए 27 जिलों में 577 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इस समय 5,26,000 से ज्यादा लोगों ने राहत शिविर में शरण ली हुई है जिसमें लोगों के लिए भोजन और अन्य सहायता के लिए वितरण केंद्र भी बनाए गए हैं। बाढ़ की वजह से 3,535 गांव जलमग्न हो गए हैं। 68,768.5 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी जलमग्न हो गया है।
प्रियंका गांधी ने जताई चिंता
वहीं असम की स्थिति को देखते हुए प्रियंका गांधी ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा- "असम में बाढ़ की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु का समाचार बहुत ही दुखद है। लगातार बिगड़ती स्थिति के चलते लाखों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। काजीरंगा में बड़ी संख्या में जानवरों की भी मृत्यु हुई है और कई घायल हैं। हमारी संवेदनाएं असम के लोगों के साथ हैं। मैं कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं से अपील करती हूं कि कृपया राहत एवं बचाव कार्यों में बढ़चढ़कर भागीदारी करें। राज्य एवं केंद्र सरकार से मेरी विनती है कि प्रभावित जनता की हर संभव मदद करें।"
एएसडीएमए ने दी असम बाढ़ को लेकर बताया
असम में बाढ़ को लेकर एएसडीएमए ने आगे बताया- '6 जुलाई को चराइदेव जिले में दो लोग बाढ़ के पानी में डूब गए। गोलपारा में एक, मोरीगांव, सोनितपुर और तिनसुकिया जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। बाढ़ की वजह से धुबरी जिला सबसे अधिक प्रभावित है। इसके बाद कछार और दरांग हैं, बाढ़ की इस दूसरी लहर से 29 जिलों के 2.396 मिलियन लोग प्रभावित हैं।
बाढ़ के समाधान को लेकर बोले सीएम
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम में बाढ़ को लेकर कहा- " हमारा ध्यान #असम बाढ़ का राष्ट्रीय समाधान खोजने पर होना चाहिए, न कि उन लोगों पर जो इसे केवल राष्ट्रीय समस्या घोषित करना चाहते हैं। 2004 में 400 तटबंध टूटे थे, जबकि आज हमारे पास केवल 4 ऐसे टूटे हैं। हम एक स्थायी समाधान पर काम कर रहे हैं।"
इसके साथ ही सीएम ने कहा- "असम में बाढ़ के कारण कई परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और वे हमारे Relief Camps में आए हुए हैं। आज मैं पलाशबाड़ी में ऐसे कुछ लोगों से मिला और उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत नए घर दिलाने का निर्देश दिया है।"
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