उत्तर प्रदेश

अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी के जीवन का सफर हुआ खत्म, छाया शोक

Satyendra Das passes away : अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी के निधन की खबर सामने आ रही हैं। आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की घोषणा राम मंदिर ट्रस्‍ट की तरफ से कर दी गई है। वहीं निधन की खबर ट्रस्‍ट के लिए और अयोध्‍या वासियों के लिए भी गहरा धक्‍का है।

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स्ट्रोक से हुई हालत गंभीर

आपको बतादें कि अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का लखनऊ के SGPGI अस्पताल में आज निधन हो गया उन्होंने प्रांत करीब 8 बजे अंतिम सांस ली हैं। मिली जानकारी के मुताबिक वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जिसके चलते कुछ दिन पहले ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उन्हें लखनऊ के SGPGI में भर्ती कराया गया था।

वहीं डॉक्टरों की मानें तो पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी को स्ट्रोक का अटैक पड़ा था, जिसके बाद उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। जिसके चलते उनका निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक पीजीआई से थोड़ी देर में अयोध्या के लिए उनका पार्थिव शरीर ले जाया जाएगा।

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आचार्य के निधन से छाया शोक

आपको बतादें कि राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास साल 1993 से रामलला के सेवा में तैनात थे। 2 फरवरी को स्ट्रोक के चलते सत्येंद्र दास को अयोध्या के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें पहले ट्रामा सेंटर और फिर लखनऊ एसजीपीजीआई रेफर किया गया था। इसके साथ ही अस्पताल द्वारा मिली हेल्थ अपडेट के मुताबिक वह डायबिटीज और हाई ब्‍लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से भी घिरे हुए थे।

वहीं आज ब्रेन स्ट्रोक अटैक के कारम राम मंदिर ट्रस्ट ने सत्येंद्र दास के निधन हो गया जिस पर गहरा शोक जताया है। उनके निधन से रामनगरी के मठ मंदिरों में भी शोक की लहर है। वहीं बीते 4 फरवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल जाना था। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से इलाज की प्रोग्रेस पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशानिर्देश दिए थे।

आचार्य सत्येंद्र दास का सफर

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्रदास 1992 में बाबरी विध्वंस से करीब नौ माह पहले से पुजारी के तौर पर रामलला की पूजा करते आए थे। आचार्य सत्येंद्र दास 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री भी हासिल की थी। इसके बाद 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी मिल गई।

आचार्य सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी थे। वे बचपन से ही अयोध्या में रहे, दास लगभग 33 साल से रामलला मंदिर से जुड़े हुए थे। विवादित ढांचा के विध्वंस के बाद 5 मार्च, 1992 को तत्कालीन रिसीवर ने मेरी पुजारी के तौर पर नियुक्ति की। शुरूआती दौर में उन्हें केवल 100 रुपये मासिक पारिश्रमिक मिलता था, लेकिन पिछले कुछ साल पहले से बढ़ोत्तरी होनी शुरू हुई थी। 2023 तक केवल 12 हजार मासिक मानदेय मिल रहा था, लेकिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़कर 38500 रुपये हो गया था।

यूपी सीएम योगी ने जताया शोक

वहीं आचार्य के निधन की खबर मिलने पर यूपी के सीएम योगी ने शोक जताते हुए लिखा-  “परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!”

गृह मंत्री शाह ने शोक किया व्यक्त 

वहीं आचार्य के निधन पर गृह मंत्री अमित शाह ने शोक वक्त करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-  “श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का निधन संत समाज और श्रद्धालुओं के लिए अपूरणीय क्षति है। राम भक्तों के बीच श्रद्धा और आस्था के प्रतीक रहे आचार्य जी का जीवन प्रभु की सेवा और भक्तों के मार्गदर्शन में सदैव समर्पित रहा। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। प्रभु श्री राम पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों एवं अनुयायियों को संबल प्रदान करें। ॐ शांति”

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