बीमार चल रहे आसाराम को मिली जमानत, कोर्ट ने लगाई शर्तें
जोधपुर जेल में पिछले 12 साल से बंद आसाराम को जमानत मिल गई है। इसके बाद आसाराम को रिहा कर दिया गया
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Asaram Bapu: जोधपुर के मणाई आश्रम में हुए नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म दो अलग- अलग मामलों में गिरफ्तारी के बाद 2 सितंबर 2013 को आसाराम को जेल में डाल दिया गया था। जिसके बाद 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मगर बीती रात अशोक शर्मा राजस्थान की जोधपुर जेल में पिछले 12 साल से बंद आसाराम को जमानत मिल गई है। इसके बाद आसाराम को रिहा कर दिया गया, बताते चले कि मंगलवार की देर रात हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद आसाराम के वकीलों ने तेजी दिखाई और जेल में आदेश देकर आसाराम को रिहा करवाया।

उपचार के लिए मिली जमानत
आपको बता दें कि दुष्कर्म के मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को बीमारी के चलते उपचार के लिए अंतरिम जमानत मिली है। उसे 31 मार्च 2025 तक इलाज के लिए जमानत दी गई है। वहीं जेल से छूटने के बाद आसाराम बाबू अपने आश्रम में वापस आ गये है, यहां बाबा के समर्थकों ने उसका स्वागत किया। बताते चले बाबू को लगभग 12 साल से जेल की कोठरी में बंद रहने के बाद जमानत मिल गई हैं। गौर करने वाली बात है कि आसाराम को जमानत अच्छे आचरण की वजह से नहीं मिली है उन्हें उपचार के लिए मिली हैं क्योंकि वो कई बीमारियों से ग्रसित हैं और उन्हें इस दौरान कई बार इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया था। हालांकि, जोधपुर बलात्कार मामले में उन्हें हाईकोर्ट के इस फैसले तक कोई राहत नहीं मिली।
कोर्ट ने लगाई शर्ते
वहीं कोर्ट ने जमानत के लिए कुछ शर्तें लगाईं हैं। बताते चले कि राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को उनकी उम्र और बिगड़ते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए 31 मार्च तक जमानत दे दी। वहीं स्वास्थ्य के मामले को लेकर उनके वकील निशांत बोरदा ने कहा - जमानत आवेदन में 7 जनवरी के सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व फैसले का हवाला दिया गया है, जिसमें गुजरात के एक अलग मामले में जमानत दी गई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। जिसमें शर्त के हिसाब से आसाराम अपने अनुयायियों से समूह में नहीं मिल सकते, सभाओं को संबोधित नहीं कर सकते या मीडिया से बात नहीं कर सकते, उन्हें अपने साथ तैनात तीन सुरक्षाकर्मियों का खर्च उठाना होगा। इसके अलावा, उन्हें देश भर में किसी भी आश्रम में रहने और आश्रम या अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति शामिल है। गौर करने वाली बात है कि आसाराम की अंतरिम जमानत 31 मार्च तक प्रभावी रहेगी, जिसके बाद आगे के कानूनी फैसले उनकी स्थिति निर्धारित करेंगे।
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