भारतीय नौ सेना का नया योद्धा INS Tushil जंगी जहाज हुआ तैयार, जानें खासियत
इस नए जंगी जहाज को 'आईएनएस तुशिल' के नाम से नौ सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
INS Tushil Indian Navy: भारतीय नौ सेना नौ दिसंबर को रूस के कालिनिनग्राद में अपने नवीनतम मल्टी रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेड, INS Tushil को चालू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बताते चले कि रूस से पहली स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगट मिलने वाली इस नए जंगी जहाज को 'आईएनएस तुशिल' के नाम से नौ सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। इस शुभ समारोह की अध्यक्षता मुख्य अतिथि के तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। वहीं इस समारोह में उच्च स्तरीय भारतीय-रूसी सरकारी और रक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे।
अब समुद्र में दुश्मन की बैंड बजाने आ गया भारतीय नौसेना का नया योद्धा, आईएनएस तुशिल जिसकी 5 खासियतें है तो आइये जानते है विस्तरित रूप से जानकारी...
- INS Tushil युद्धपोत की लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है। यह समुद्र में 59 किमी प्रति घंटे के रफ्तार से चल सकता है। यह समुद्र में 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिनों तक रह सकता है।
- INS Tushil भारत को रूस से मिलने वाला पहला गाइडेड-मिसाइल युद्धपोत है। आईएनएस तुशिल, प्रोजेक्ट 1135.6 का एक एडवांस्ड क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगट है। भारतीय नौ सेना पहले से ही छह ऐसे रूस में बने फ्रिगट ऑपरेट करती है।
- INS Tushil प्रोजेक्ट 1135.6 का एक उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का युद्धपोत है। इनमें से छह पहले से ही सेवा में हैं, जिसमें तीन तलवार श्रेणी के जहाज, बाल्टिस्की शिपयार्ड, सेंट पीटर्सबर्ग में निर्मित और तीन-तीन फॉलो-ऑन तेग श्रेणी के जहाज, यंतर शिपयार्ड, कलिनिनग्राद में निर्मित हैं।
- INS Tushil इस श्रृंखला में सातवां और दो उन्नत अतिरिक्त फॉलो-ऑन जहाजों में से पहला है। इसके लिए अक्तूबर 2016 में जेएससी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट, भारतीय नौसेना और भारत सरकार के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- रक्षा सूत्रों के अनुसार, INS Tushil लगभग 4,000 टन वजनी मल्टी-रोल फ्रिगट है, INS Tushil कई तरह के मिशनों में मदद करने के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों सहित उन्नत हथियारों से लैस हैं।
- INS Tushil फिलहाल कैलिनिनग्राद में यंतर शिपयार्ड में आराम कर रहा है, 9 दिसंबर 2024 को इसे शिपयार्ड में तैनात 200 से अधिक अधिकारियों और नाविकों के भारतीय दल को सौंप दिया जाएगा। कमिशनिंग समारोह भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होगा, सिंह अगले सप्ताह, भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य और तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) की बैठक के लिए रूस की यात्रा करेंगे।
- INS Tushil इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं। इसमें 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। इसमें एक 100 मिलिमीटर की ए-190ई नेवल गन भी लगी है। इसके अलावा इसमें एक 76 मिमी की ओटो मेलारा नेवल गन और 2 एके-630 सीआईडब्ल्यूएस और 2 काश्तान सीआईडब्ल्यूएस गन लगी हैं।
- INS Tushil नामक दूसरे फ्रिगट की डिलीवरी अगले साल की शुरुआत में हो सकती है, तुशिल और तमाल, दोनों स्टील्थ फ्रिगट एडवांस्ड हथियारों से लैस हैं। भारत ने अक्टूबर 2018 में चार ग्रिगोरोविच-क्लास फ्रिगट खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इनमें से पहले दो को रूस से लगभग 8,000 करोड़ रुपये की लागत से आयात किया जा रहा है, बाकी दो को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए गोवा शिपयार्ड में बनाया जा रहा है।
- INS Tushi की डिलीवरी रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते काफी देरी के बाद हो रही है, एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम के दो अतिरिक्त मिसाइल स्क्वाड्रन की डिलीवरी 2026 तक अटक सकती है। वहीं, परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बी की कमिशनिंग 2028 तक टल सकती है। भारत ने जल्द डिलीवरी के लिए कहा था, लेकिन यूक्रेन में संघर्ष के कारण रूस की उत्पादन क्षमता वर्तमान में कम हो गई है।
- INS Tushi में इन खतरनाक बंदूकों के अलावा इस युद्धपोत में दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स भी लगे हैं। इसमें एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त इस जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है।
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