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देश में आज से लागू हुआ CAA, जानें कैसे और किन लोगों को मिलेगी नागरिकता


आपको बतादें कि पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CAA को लेकर कहा था कि 2019 में लागू हुआ सीएए के लिए नियम लोकसभा चुनाव से पहले लागू


Citizenship Amendment Act : लोकसभा की तैयारियां जहां देशभर में जोरो शोरो से चल रही है, तो वहीं आज देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि की (CAA) लागू हो गया है। वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। बतादे कि CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। वहीं केंद्र सरकार ने CAA से संबंधित एक वेब पोर्टल तैयार किया है।


जानें कब हुआ CAA पारित

आपको बतादें कि पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CAA को लेकर कहा था कि 2019 में लागू हुआ सीएए के लिए नियम लोकसभा चुनाव से पहले लागू किए जाएंगे। वहीं 11 दिसंबर, 2019 को संसद से पारित कानून का पूरे भारत में विरोध हुआ था। मगर दिसंबर 2019 में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानि की CAA पारित हुआ था। इसके बाद इसे राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी थी। मगर देशभर में भारी विरोध के चलते यह लागू नहीं हो पाया था। जिसके बाद से कयास लगाये जा रहा था कि लोकसभा चुनावों से पहले इसे लागू किया जा सकता है, और इसी बीच भारत सरकार ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस एक्ट को भारत में लागू कर दिया है।

जानें किन शरणार्थियों को कैसे मिलेगी नागरिकता

बतादे कि आज लागू हुए CAA सीएए के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों यानि की अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। नागरिकता संशोधन कानून भाजपा के 2019 घोषणापत्र का एक अभिन्न अंग था। इससे उत्पीड़ित लोगों के लिए भारत में नागरिकता पाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है। इसके तहत अब पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। गायह नागरिकता सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हैं। बतादे कि CAA के नियमों के अनुसार 6 गैर-मुस्लिम समुदाय जिनमें हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। उन्हीं लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। यानी अगर कोई मुस्लिम इन तीन देशें से भारत में 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले आया है। तो उसे भारतीय नागरिकता लेने पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी। उसे CAA के तहत नागरिकता नहीं दी जाएगी।