च्युइंग गम : च्युइंग गम खाते है, तो यह रहस्य जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
च्युइंग गम इसे आम बोल-भाषा में बबलगम भी कहते हैं ये आपको मार्केट में हर दुकान में आसानी से मिल जाता हैं इसकी कुछ लोगों को आदत तो ऐसी होती है कि इसे खाये बिना कोई काम ही नहीं कर पाते हैं मगर इसका अविष्कार कैसे हुआ इसके बारें आइये जानते हैं...
च्युइंग गम : आज के लाइफ में च्युइंग गम खाना मानों की ट्रेंड बना गया छोटे से लेकर बड़े तक आयु के सभी लोग च्युइंग गम का सेवन करते हैं इसलिए इसे बनाने वाले भी अलग-अलग फ्लेवर का बनाते है जिससे की खाने वाले इसे अपने स्वादनुसार खा सके हैं मगर इसका इतिहास क्या है इसके फायदे और नुकसान क्या है ये हर कोई नहीं जानता हैं तो चलिए आज हम आपको च्युइंग गम से जुड़ी हर वो जानकारी देंगे जिससे जानने के बाद हो सकता है आप भी च्युइंग गम खाना बन्द कर दे मगर यह जानकारी आपके स्वास्थ और जानकारी के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होगी।
जानें च्युइंग गम का इतिहास और अविष्कार
च्युइंग गम इसे आम बोल-भाषा में बबलगम भी कहते हैं ये आपको मार्केट में हर दुकान में आसानी से मिल जाता हैं इसकी कुछ लोगों को आदत तो ऐसी होती है कि इसे खाये बिना कोई काम ही नहीं कर पाते हैं मगर इसका अविष्कार कैसे हुआ इसके बारें आइये जानते हैं....
चिंगम यानि की बबलगम का इतिहास के बारे में जानेंगे आपको बता दें कि चिंगम नया या आज के युग के इस्तेमाल की चीज नहीं है बल्कि हजारों साल पहले पाषाण काल से इसका इस्तेमाल अलग-अलग रूप में किया जाता रहा है आप को जानकर हैरानी होगी कि करीब 6000 साल पुराना चिंगम आज तक मौजूद है और यह चिंगम फिनलैंड देश के क्रिकरी में मौजूद है। इस चिंगम के ऊपर दांत के निशान भी मौजूद है। वहीं प्राप्त जानकारी की मानें तो यूनानी लोगों ने भी मेस्टीक गम को चबाया था जिसका निर्माण में मेस्टीक पेड़ की छाल से होता था। प्राचीन माया सभ्यता के लोगों का मानना था कि इसके चबने से यह भूख व प्यास को मिटाने के लिए चीकल नाम की वही रेसिन चबाते थें, जिसको सपोडीला के पेड़ से निकाला जाता था।
आखिर कैसे बनता लोगों का पसंदीदा च्युइंग गम
च्युइंग गम बनाने के लिए सबसे पहले गम बेस को पिघला कर छान लेते हैं इसके बाद बबलगम में पोषक व गैर-पोषक पदार्थ और स्वाद वाले पदार्थ को मिक्स किया जाता है, यह मिक्स तब तक किया जाता जब तक यह गर्म मिश्रण गाढ़ा और टाइट ना हो जाए यह प्रकिया करने से बब्लगम में लचीलापन आता हैं इसके बाद इसे चिकना बनाने और आकार देने के लिए एक्स्ट्रडर तकनीक का इस्तेमाल होता है। यह आकार लोगों के पसंद के अनुसार दिया जाता हैं। इसके बाद चिंगम में पॉलीओल छिड़का जाता हैं और तापमान नियंत्रित कोटिंग कलर की परत चढ़ाई जाती है, और फिर पैकिंग कर दी जाती है। इस तरह से पूरी चिंगम तैयार कर के पैकिंग की जाती है।
जानें च्युइंग गम पर रिसर्च में क्या मिला
च्युइंग गम को लेकर जब ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी में रिसर्च की गई तो शोधकर्ताओं की मानें तो E-171 नामक फूड एडिटिव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस फूड एडिटिव का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों और कुछ दवाओं में ह्वाइटनिंग एजेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। E-171 नामक फूड एडिटिव च्युइंग गम समेत 900 से ज्यादा खाद्य पदार्थों में मिलाया जाता है। जिस कारण बबलगम या च्युइंग गम खाना हमारे शरीर को फायदे कम बल्कि नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं।
वहीं रिसर्च में यह भी पता चला है कि चुइंगम को तैयार करने में राल, मोम और इलास्टोमेर का इस्तेमाल होता है। इन तीनों के अलग-अलग काम हैं। इसमें राल यानी पूर्व टेरपीन का काम चबाने वाला हिस्सा होता है। इसको मोम के जरिए नरम बनाया जाता है, फिर इलास्टोमर्स के जरिए इसमें लचिलापन लाया जाता है।
बबलगम खाने के नुकसान
1- शुगर युक्त च्युइंग गम खाते हैं तो इससे दांतो से जुड़ी समस्या हो सकती है।
2- च्युइंग गम खाने से दांतों में सड़न, कैविटी और मसूड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
3- बबलगम या च्युइंग गम का अधिक सेवन करने से सिरदर्द की समस्या हो सकती हैं।
4- बबलगम चबाने से मांसपेशियों में खिंचाव होता है और इससे फिर माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
5- च्युइंग गम खाने से भूख लगना बंद हो जाती है जिस कारण आईबीएस यानि पाचन से जुड़ी परेशानी हो सकती है। जिसकी वजह से पेट में ऐंठन, पेट दर्द और पाचन से जुडी समस्या होने लगती है।
6- बबलगम में मेथोल और सोरिबटॉल जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स होते हैं जो आंतो में जलन पैदा करते हैं जिससे डायरिया की समस्या हो सकती है।
7- अगर गलती से च्युइंग गम निगल लिया है तो यह नुकसान होगा इसके बाद ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, वॉमेटिंग, जी मिचलाना जैसी समस्यां हो सकती है, वहीं कई लोगों को इससे रैशेज या खुजली जैसा महसूस हो सकता है।
जानें चुइंगम ज्यादा चबाने के फायदे
1- चुइंगम ज्यादा चबाने से फेस का ब्लड फ्लो बढ़ जाता है।
2- चुइंगम चबाना एक तरह की एक्सरसाइज भी मानी जाता है।
3- चुइंगम ज्यादा जबाने की वजह से जबड़े और गाल मजबूत हो सकते हैं।
4- वहीं कुछ लोग चुइंगम के इस्तेमाल से सिगरेट जैसी बुरी लत से छुटकारा पाने में मदद लेते है।
5- वहीं कुछ लोगों का मानना है कि चुइंगम चबाने से तनाव कम होता है, क्योंकि इससे तनाव पैदा करने वाला हार्मोन कोर्टिसाल कम होता है।