गृह मंत्रालय की अपील: डिजिटल अरेस्ट के खिलाफ रहें जागरूक
साइबर क्राइम को लेकर गृह मंत्रालय का अलर्ट भी जारी हो रहा हैं वहीं भारत में डिजिटल क्रांति के साथ बढ़ते साइबर अपराधों पर सरकार ने चेतावनी दी है।
Cyber Crime- Digital Arrest: देश में बढ़ रहे साइबर क्राइम को लेकर अब अलर्ट होना बेहद ही जरूरी हो गया है, क्योंकि इसके चपेट में अब बहुत ज्यादा लोग आ रहे हैं। ऐसे में अब साइबर क्राइम को लेकर गृह मंत्रालय का अलर्ट भी जारी हो रहा हैं वहीं भारत में डिजिटल क्रांति के साथ बढ़ते साइबर अपराधों पर सरकार ने चेतावनी दी है।
गृह मंत्रालय ने जारी की चेतावनी
जैसा कि हम सभी जानते है कि भारत में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें देखा गया है कि अपराधी लोग पहले किसी को शिकार बनाते है फिर उसको डरा-धमका कर पैसे ऐंठने का काम करते हैं। वहीं बढ़ते साइबर क्राइम यानी कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए हो रहे साइबर अपराध को रोकने के लिए और 'डिजिटल अरेस्ट' के खिलाफ जागरूकता के लिए सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया हैं। वहीं अपराध को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है और लोगों को सावधान रहने की सलाह भी दी है।
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साइबर क्राइम के लिए नया अलर्ट
आपको बतादें कि देश में बढ़ रहे साइबर क्राइम के माहौल को बीच साइबर सिक्योरिटी एक अहम मुद्दा बन चुका है। जिसके चलते गृह मंत्रालय ने साइबर क्राइम के नए तरीकों को लेकर एक नया अलर्ट जारी किया है, इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है, इतना ही नहीं भारत ने साइबर अपराधियों द्वारा जांच एजेंसियों का अधिकारी बताकर लोगों को “डिजिटल अरेस्ट” करने को लेकर अलर्ट जारी किया है।
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साइबर क्राइम को लेकर बढ़ मामलों के बीच आप भी सख्त कदम उठा सकते है इसके लिए आप www.cybercrime.gov.in पर अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही 1930 नंबर पर डायल कर मदद मांगने को भी कहा हैं। गृह मंत्रालय ने साथ ही एक उदाहरण के जरिए समझाने की कोशिश भी की है जिससे आप ऐसे मामलों से खुद को बचा सकें।
गृह मंत्रालय ने कई अलर्ट जारी किए हैं
- गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है। यह नंबर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है।
- चार नया प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया गया है, जिनमें से एक साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC) है। जिसे धोखाधड़ी के लिए बनाया गया है।
- गृह मंत्रालय ने साइबर कमांडो को ट्रेनिंग देने का ऐलान किया है। जिन्हें पैरा मिलिट्री फ़ोर्स और स्टेट पुलिस के जवानों में से चुना जाएगा।
- अपराधों से निपटने के लिए साइबर संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई है, जिनमें संदिग्ध लोगों की जानकारी रखी जाएगी।
- गृह मंत्रालय ने साइबर अपराध स्वयंसेवक कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिसके जरिए लोग गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री की पहचान कर सकते हैं और उसे रिपोर्ट कर सकते हैं।
गृह मंत्रालय ने जारी किया विज्ञापन
डिजिटल अरेस्ट को लेकर भारत सरकार ने अखबारों में एक विज्ञापन भी दिया है। जिसके जरिए लोगों को जागरुक किया गया है। विज्ञापन में कहा गया- घबरने की नहीं बल्कि सावधान रहने की जरूरत है। आगे लिखा कि सीबीआई, ईडी, पुलिस, जज आपको वीडियो कॉल की मदद से अरेस्ट नहीं कर सकते। ऐसे मामलों के लिए www.cybercrime.gov.in पर अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने विज्ञापन के जरिए सरकार ने संकट के समय पर 1930 नंबर पर डायल कर मदद मांगने को भी कहा है। इसके साथ ही एक उदाहरण के जरिए समझाने की कोशिश भी की है जिससे लोग अलर्ट हो सकें और खुद को बचा सकें। यह धोखा अक्सर फोन कॉल, ईमेल या सोशल मीडिया मैसेज के माध्यम से किया जाता है। जिसमें धमका कर पैसे ऐंठने की अपराधी कोशिश करता हैं।
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