हर हफ्ते देखे ज्योतिष ज्ञान, आज जानेंगे ज्योतिष क्या है ?
ज्योतिष एक वैज्ञानिक ज्ञान है ज्योतिष गणित जिसके ज्ञान से ब्रह्मांड में विचरित कर रहे ग्रहों की गणना की जाती हैं।
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी आज के ज्योतिष ज्ञान में जानेंगे कि आखिर ज्योतिष क्या हैं ? हम आज के समय हर कोई अपनी लाइफ से जुड़ी समस्या के निदान पाने के लिए और अपने जीवन को सुगम बनाने के लिए ज्योतिष का सहारा लेते हैं ऐसे में कई लोग ज्योतिष के बारें सही से जानते है मगर कई लोग ज्योतिष ज्ञान के बारें बीना जानें ज्योतिष को गलत नजरिये से देखने लगते हैं। तो आप सभी को बतादें कि ज्योतिष एक वैज्ञानिक ज्ञान है ज्योतिष गणित जिसके ज्ञान से ब्रह्मांड में विचरित कर रहे ग्रहों की गणना की जाती हैं।
आईये जानें ज्योतिष क्या हैं ?
तो बतादें कि आकाश में स्थित ज्योतिर्पिंडों के संचार और उससे बनने वाले गणितागत पारस्परिक संबंधों के पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण करने वाली विद्या का नाम ज्योतिष ज्ञान कहलाता हैं। वराहमिहिर ने कहा ज्योतिष शास्त्र के तीन भाग है।
1- गणित
2- होरा
3- संहिता
यदि सरल करें तो
1- भाग है गणित
2- भाग है फलित
आइए हम आज फलित पर बात करते जोकि द्वादश भावों से विचारणीय विषय हैं।
- लग्न प्रथम भाव शरीर संबंधी सब विचार होता हैं।
- दूसरा धन भाव धन धान्य वस्तुओं का क्रय विक्रय नेत्र आदि का विचार होता है।
- तीसरा भाव छोटे भाई बहन पराक्रम साहस का विचार होता है।
- चौथा भाव ईष्ट, मित्र, जाति, वंश, सुख, दुख, माता आदि का विचार होता है।
- पांचवां भाव संतान, गर्भ, स्थित शिक्षा, पुत्र आदि का विचार होता है।
- छठा भाव शत्रु, रोग, अरिष्ट, निराशा, बाधा, आदि का विचार होता है।
- सप्तम् भाव स्त्री, विवाह, मार्केश, श्रृंगार आदि का विचार होता है।
- अष्टम भाव आयु, ब्याधी, मृत्यु, रोग, आदि का विचार होता है।
- नवमं भाव प्रारब्ध,भाग्य,धर्म,तीर्थ,यात्रा,मंदिर निर्माण कार्य आदि का विचार होता है।
- दशमं भाव से कर्म उपजीविका नौकरी,व्यापार,केन्द्र सरकार आदि का विचार किया जाता है।
- एकादश भाव से आय,पराक्रम,जीत,हासिल किया आदि का विचार किया जाता है।
- द्वादश भाव से व्यय होना,विदेश जाना,बिखराव,तनाव पैदा,होगा आदि का विचार होता है।