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हर हफ्ते देखे ज्योतिष ज्ञान, मिलेगी ज्योतिष से जरूरी जानकारी


तो आईये जानते है ग्रह भूमि और व्यापार के लिए जमीन कैसी और कहां लेनी चाहिए और किस जगह पर नक्शे के आधार पर बनाना चाहिए।


ज्योतिष  ज्ञान: राम राम जी हर हफ्ते के जारी हमारी चैनल के माध्यम से ज्योतिष  ज्ञान में आपका स्वागत है, हमारे इस लेख के माध्यम से हम आपको हर हफ्ते ज्योतिष से जूड़ी जानकारी देंगे। तो आईये जानते है ग्रह भूमि और व्यापार के लिए जमीन कैसी और कहां लेनी चाहिए और किस जगह पर नक्शे के आधार पर बनाना चाहिए।

ग्रह भूमि शोधन और वस्तु विचार

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गज पृष्ट : जिस स्थान में दक्षिण पश्चिम नैरेत्य और बायब्य कोण की भूमि उच्च हो, उसको गज पृष्ट कहा जाता है। उसमें घर बना कर बसने से धन धान्य संतान आयु की वृद्धि होती हैं।

कूर्म पृष्ठ : कूर्म पृष्ट जहां मध्य में उच्च हो और चारो दिशाओं में झुकाव हो वह कूर्म पृष्ठ कहलाता है। माना जाता है कि उस स्थान में वास करने से नित्य उत्साह धन धान्य संतान आरोग्य यश और प्रतिष्ठा की वृद्धि होती हैं।

दैत्य पृष्ट :  दैत्य पृष्ट जहां ईशान कोण पूर्व और अग्नि कोण में उच्च हो और पश्चिम में नीचा हो तो वह दैत्य पृष्ठ कहलाता है। माना जाता है कि उसमे बास करने से अशुभ फल मिलता है।

नाग पृष्ट  : नाग पृष्ट जहां दशिन्न और उत्तर दोनों दिशा में उच्च हो बीच में नीचा हो वह स्थान नागा पृष्ट कहलाता है। जहां पर वास करने वाले को अत्यंत शुभ कहा गया है।

ब्राम्हण भूमि : ब्राम्हण भूमि जहां की मिट्टी श्वेत वर्ण की और कोमल हो वह ब्राह्मण भूमि कही गई है। जो ब्राम्हण के लिए विशेष शुभ प्रद है।

छत्रीय भूमि : छत्रीय भूमि जहां की मिट्टी लाल देखने में आए। वह छत्री भूमि छत्रियो के लिए शुभ होती हैं।

वैश्य भूमि : वैश्य भूमि जहां की मिट्टी का वर्ण पीला हो वह भूमि वैश्यो के लिए शुभ प्रद होती है।

शुद्र भूमि : शुद्र भूमि जहां की मिट्टी कृष्ण वर्ण हो वह शुद्र के बसने योग्य होती है।

चारो वर्ण : चारो वर्ण अपने-अपने वर्ण के भूमि में वास करें तो शुभ फल कहा गया है। कहा जाता है कि यह फलादेश पहले समय के राजा महाराजा जिसके पास ज्यादा जमीन था, तो उसी वर्ण भूमि में बसते थे। अब समय के अनुसार जो जहां भी बसे ताहा सुंदर देशू वाली कहावत सही है।

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NOTE: माना जाता है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार पर शेर मुखी दुकान और गज मुखी मकान शुभ होता है।

शेर मुखी : आईये जानते है शेर मुखी क्या है, जिसकी आगे का माथा चौड़ा होता है पीछे का हिस्सा पतला होता है उसे शास्त्र शेर मुखी कहते है। वहां व्यापार करने से बहुत लाभ होता है।

गो मुखी : गो मुखी को लेकर बतादें कि जिसका आगे का माथा पतला हो उसे उस स्थान में मकान बनाना शुभ होता है।

वहीं जिस जो भूमि चारो दिशाओं में बराबर चौहद्दी हो वह उत्तम मकान होता है।
"सूर्य भेदी उत्तर दछिन्न लंबा हो
चंद्र भेदी जहां पूर्व पश्चिम लंबा हो
सूर्य भेदी तमो गुण वाला होता है 
चंद्र भेदी राजो गुण वाला होता है"

विशेष जानकारी :- यह फलादेश वर्तमान गोचर से किया जाता है, जिनको राशि और कुण्डली से जुड़ी विशेष जानकारी करनी हो, तो वह राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य 9415126330, 6386254344 से संपर्क करें।

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