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हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान: लग्न से देखे कुंडली


ज्योतिष में आकाश मंडल की स्थिति को व्यक्ति के अंदर दिखाया गया है, अर्थात जो ब्रह्मांड में वही पिंड में शरीर में जानकार ज्योतिषी फलादेश करता है।


ज्योतिष  ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज का ज्योतिष ज्ञान में लग्नादि भावों से किन-किन बातों का विचार होता हैं।

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लग्नादि भावों में किन बातों का करें विचार

लग्न अर्थात प्रथम भाव शरीर संबंधी सभी विचार होता है, जैसे शरीर की पुष्टता, दुर्बलता, रूप, रंग, शरीर का छोटा, बड़ा होना, आदि प्रथम भाव से देखा जाता हैं।

द्वितीय भाव से धन संपदा वस्तुओं का क्रय, विक्रय, जीभ, चेहरा, आंख, नाक, परिवार, कुटुंब, नौकर, चाकर, मृत्यु का विचार होता हैं।

तृतीय भाव से छोटे भाई, बहन, चाचा, ताऊ, सगे संबंधी, पराक्रम, साहस, भुजा, कंठ का विचार होता है।

चतुर्थ भाव से ईष्ट, मित्र, जाती, वंश, माता, सुख, भूमि, वाहन, हृदय आदि का विचार किया जाता है।

पंचमं भाव से संतान, शिक्षा, एजुकेशन, बुद्धि आदि का विचार किया जाता है।

छठे भाव से शत्रु, रोग, निराशा, अपयश, बाधा, उत्पन्न होना आदि का विचार किया जाता हैं।

सप्तम भाव से स्त्री, पति, विवाह, गुण, अवगुण, चोरी की नष्ट वस्तु, मृत्यु आदि का विचार किया जाता है।

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अष्टम भाव से आयु, व्याधि, मृत्यु, मार्केश, रिसर्च, करना तर्क करना आदि का विचार किया जाता है।

नवम भाव से पिता, धर्म परायण होना, भाग्य, ऐश्वर्य, तीर्थ यात्रा मंगल मय सभी तरह विचार किया जाता है।

दशम भाव से उद्यम कर्म, शासन, प्रशासन, राजनीति, पैतृक, संम्पति आदि का विचार किया जाता है।

एकादश भाव अर्थात लाभ भाव से द्रव्य प्राप्ति सभी प्रकार के वाहन आदि इच्छा पूरी ज्येष्ठ भाई, बहन आदि का विचार किया जाता है।

द्वादश भाव अर्थात खर्चा का भाव, विदेश गमन, बाया पैर, बाया अंग, पैतृक संपति आदि का विचार किया जाता है।

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जानें ज्योतिष का महत्व

ज्योतिष में आकाश मंडल की स्थिति को व्यक्ति के अंदर दिखाया गया है, अर्थात जो ब्रह्मांड में वही पिंड में शरीर में जानकार ज्योतिषी फलादेश करता है।

गुरु कृपा से गूढ़ रहस्य को उजागर करना समाज में ज्योतिष के प्रति फैली हुई विकृतियां को बताना क्यों की आज ज्योतिष के नाम पर आडंबर दिखाया जा रहा है, जबकि ज्योतिष मनुष्य के विकास का अंग है इसको जाने पहचाने लुप्त होती संस्कृति को बचाए यही हमारा प्रयास है, आगे के अंक में मिलता रहेगा।

विशेष जानकारी:- बस आज का विषय यही रहा शेष अगले सप्ताह में देंगे। अगर आप भी ज्योतिष ज्ञान में रुची रखते है, साथ ही ज्योतिष संबंधी जानकारी जो हर हफ्ते दिया जाता है उसे सीखना चाहते है तो राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ से 9415126330, 6386254344 से संपर्क करें, बाकी ज्योतिष से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए भी संपर्क करें।

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