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हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान में देखे, ज्योतिष से सुख-दुख की प्राप्ति नौ ग्रहों की शांति कैसे करें


मैं तथा मेरा शरीर का विचारो का खेल में सुख-दुख होता है, मैं ईश्वर का अंश जीव अविनाशी हूं ये शरीर पांच तत्वों से बना है, ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड से बना है, ब्रह्मांड तत्वों से बना है।


ज्योतिष  ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्योतिष ज्ञान का विषय है सुख-दुख की प्राप्ति नौ ग्रहों की शांति कैसे करें।

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जैसा कि हम सभी जानते है भगवत गीता में कहा गया है कि "मैं तथा मेरा शरीर का विचारो का खेल में सुख-दुख होता है, मैं ईश्वर का अंश जीव अविनाशी हूं ये शरीर पांच तत्वों से बना है, ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड से बना है, ब्रह्मांड तत्वों से बना है।" 'ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड घनेरे सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे' यह गायत्री चालीसा का श्लोक है।

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गीता में कहा गया

श्लोक:- मन एवं मनुष्य नाम करण बंध मुच्ये

अर्थात्- मन ही सुख दुख का कारण है साधा हुआ मन जब आत्म भाव में रहता तो सुख जब शरीर भाव में रहता तो दुख, बस विचारो का खेल है हम किस भाव में जीते है।

जानें पांच तत्वों की जानकारी

ब्रह्मांड प्रकृति से बना शरीर जिसमें पांच तत्वों का होना जरूरी है। सबको ठीक रखना उसमें कोई कमी न रहे उसकी जानकारी हमें रखनी है। क्योंकि शरीर हमारा है उन तत्वों में जल की कमी तो ग्लूकोज देते हैं, अग्नि की कमी हो तो ऑक्सीजन देते हैं, पृथ्वी की कमी हो तो आयुर्वेद चिकित्सा से पूरा करते हैं, वायु तत्व की कमी भी ऑक्सीजन से पूरा करते हैं, परंतु आकाश तत्व की कमी से क्या करते यही विषय आज का है।

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जानें आकाश तत्व को कैसे दे पावर

बतादें कि आकाश तत्व को पूरा करने की जानकारी का नाम है ज्योतिष जो वेद का छठा अंग है। मनुष्य का जब जन्म होता तो किस अक्षांश में उसका जन्म हुआ किस ग्रह का प्रभाव कितने अंश में रहा कब कब उसका अच्छा या बुरा प्रभाव रहेगा। इन सब बातों को समझने का विषय है ज्योतिष, यह शिक्षा गुरु के कृपा से अपने-अपने लगन मेहनत से प्राप्त होती है। जन्म से नहीं कर्म से जाने किसी ग्रह की पावर क्या है।

उदाहरण में अगर किसी मकान के बिजली का यंत्र काम नहीं कर रहा बिजली भी आ रही तो उसको ठीक किसी जानकार की मदद लेते है, जिसके बाद वह ठीक होने पर काम करने लगता हैं। उसी तरह अगर किसी ग्रह की पावर शरीर पर पूरा काम नहीं कर रहा है, तो उसके जानकारी ज्योतिषी से पूछें जानकारी ले उसको ठीक करें, जिसके बाद शरीर में लाभ मिलने लगेगा।

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ज्योतिष से ग्रहों को कैसे करें ठीक

ज्योतिष के विशेषज्ञ बताते है शरीर में जब पांच तत्व ठीक से काम करते है, तो जातक स्वस्थ रहते है और जातक के सभी काम बनने लगते हैं। उसकी कमी को ठीक करने को जिसे आकाश तत्व कहते उसके दो रास्ते होते है।

1- मंत्र विज्ञान प्रकाश ऊर्जा ध्वनि का कम्पन करना जैसे जल को स्टीम बनाया जाये जिस ग्रह की हमे ऊर्जा लेनी है। उसी के मंत्र का कम्पन करें। शब्द की ध्वनि से ऊर्जा की कामी पूरा करें और लाभ ग्रहण करें, इसे करने के लिए भी इसका नियम है, जिसे ज्योतिष जानकर से पूछ कर करें।

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2- रत्न विज्ञान सारा ब्रह्मांड सूर्य से ऊर्जा लेता है, जिसमें ग्रह भी आते है सभी ग्रह मिलकर सूर्य की परक्रमा करते है जिस ग्रह का पावर हमें लेना होता है,उस ग्रह का रत्न होता है जो उसकी ऊर्जा लेता है जब हम जिस किसी ग्रह की ऊर्जा लेना चाहते हैं, तो उसका रत्न हम धारण करते हैं। वही रत्न सूर्य की किरणों से उसी  ग्रह की ऊर्जा हमें देता जिसकी हमे जरूरत होती है और हम उसका लाभ लेने लगते है।

उदाहरण स्वरूप मानें तो किसी को नेत्र दोष आ गया तो रोशनी मिलती उसी लैंस से जिसकी जरूरत होती है, ध्यान रखे रोशनी लेंस में नहीं रहती रोशनी सूर्य की ऊर्जा में रहती हैं। लैंस ऊर्जा खीच कर मनुष्य के शरीर को देता है।

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विशेष जानकारी:- बस आज का विषय यही रहा शेष अगले सप्ताह में देंगे। अगर आप भी ज्योतिष ज्ञान में रुची रखते है, साथ ही ज्योतिष संबंधी जानकारी जो हर हफ्ते दिया जाता है उसे सीखना चाहते है तो राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य रत्न रुद्राक्ष विशेज्ञ से 9415126330, 6386254344 से संपर्क करें, बाकी ज्योतिष से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए भी संपर्क करें।

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