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हरियाली तीज पर करें भगवान शिव-पार्वती का पूजन, पायें खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीष


जब कुवारी कन्या और सुहागिन भारतीय महिलाएं तीज के दौरान माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन व्रत करते आशीर्वाद लेती हैं,


(The Voice Of Hind) Hariyali Teej 2024: वर इच्छा रखने वाली कुवारी कन्या और पति के दीर्घायु चाहने वाले सुहागनों के लिए वो पल आ गया है जिसका हर स्त्री अपने प्राण परमेश्वर के लिए इंतजार करती हैं। क्योंकि हरियाली तीज को लेकर मान्यता है कि यह त्यौहार पत्नी पार्वती और पति शिव के बीच के संबंधों और अटूट समर्पण का प्रतीक है। इस लिए कहा जाता हैं कि जब कुवारी कन्या और सुहागिन भारतीय महिलाएं तीज के दौरान माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन व्रत करते आशीर्वाद लेती हैं, तो उससे एक मजबूत विवाह और अच्छे पति की प्राप्ति का आशीष प्राप्त होता हैं।

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जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

ऐसे में अब लोगों में शुभ मुहूर्त को लेकर बहुत अशमंजस बना हुआ हैं कि हरियाली तीज का व्रत-पूजन का शुभ समय कौन सा हैं... वहीं ज्योतिषाचार्य राम नजर मिश्र के अनुसार ठाकुर प्रसाद पंचांग यानि की हिन्दी कैलेंडर के हिसाब से हरियाली तीज 6 सितंबर को मनाया जाएगा। क्योंकि उदयातिथि के अनुसार शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 12 बजकर 9 मिनट तक है उसके बाद चौथ लग जाएगी। उस हिसाब पूजा का उदयातिथि के शुभ अवसर माना जाता हैं जो योग 6 सितंबर की प्रांत बन रहा हैं। इस लिए तीज का व्रत करने वाले सभी व्रर्ती 6 सितंबर को तीज मनाएं।

इस लिए सभी व्रत करने वाली सुहागिन महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए उपवास रखती हैं। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं भी योग्य वर प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत में हरे रंग के अधिक महत्व होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां साथ ही सोलह श्रृंगार करती हैं।

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हरियाली तीज की पूजा विधि

हरियाली तीज का व्रत करने के लिए सभी व्रर्ती तीज के प्रांत मुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। सुहागिन महिलाओं को इस दिन सोलह श्रृंगार जरूर करना चाहिए। इसके बाद शिव-पार्वती का पूजन कर पूरे दिन व्रत करें। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए।

वहीं पूजा करने के लिए एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। जिसपर भगवान शिव-पार्वती और गणेश जी का विरजमान करें फिर भगवान को कच्चा सूत, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद और पंचामृत जरूर शामिल करें। इसके अलावा सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों  पूजा करें और पूजा सामग्री भगवान को अर्पित करें। फिर तीज की व्रत कथा सुनें और आरती करें। बाद में सुखी जीवन की कामना करते हुए महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें।

हरियाली तीज की आरती करें

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।

ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।। जय पार्वती माता।।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय पार्वती माता।।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।

देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।। जय पार्वती माता।।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।। जय पार्वती माता।।

शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।

सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।। जय पार्वती माता।।

सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता।।

देवन अरज करत हम चित को लाता।

गावत दे दे ताली मन में रंगराता।। जय पार्वती माता।।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।। जय पार्वती माता।।

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