Indian Economy : भारत का जल्द होगा सपना पूरा, 15 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
जहां भारत को विकसित देश माना जाता है, इसके बावजूद अभी तक वर्ल्ड बैंक ने हमें 2007 में लोअर इनकम कंट्री का दर्जा दिया था इसके बाद से हम वहीं अटके
Indian Economy : वर्ल्ड बैंक ने हमें 2007 में लोअर इनकम कंट्री घोषित किया था, इसके बाद से अभी तक भारतीय इकोनॉमी उसी जगह है। अब इसमें बड़े बदलाव की उम्मीद नजर आ रही है। वहीं भारत की इकोनॉमी (Indian Economy) तेजी से आगे बढ़ रही है। अगले 7 साल में देश की इकोनॉमी डबल होकर 7 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू पार कर जाएगी और भारत, अपर मिडिल इनकम वाला देश (Upper Middle Income Country) बन जाएगा। फिलहाल भारत लोअर मिडिल इनकम वाला देश है।
Indian Economy की रिसर्च
जहां भारत को विकसित देश माना जाता है, इसके बावजूद अभी तक वर्ल्ड बैंक ने हमें 2007 में लोअर इनकम कंट्री का दर्जा दिया था इसके बाद से हम वहीं अटके हुए हैं। हालांकि, साल 2036 तक भारत की इकोनॉमी अपर मिडिल इनकम ग्रुप में प्रवेश कर जाएगी। साथ ही आजादी के 100वें वर्ष में हमारी इकोनॉमी 15 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर चुकी होगी। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2033 से 2036 के बीच भारतीय इकोनॉमी में यह बड़ा बदलाव होने जा रहा है। वहीं भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर की GDP के साथ दुनिया की 5वीं बड़ी इकोनॉमी है। जापान, जर्मनी, चीन और अमेरिका हमसे आगे है।
वित्त मंत्री ने 30 ट्रिलियन डॉलर की जताई थी उम्मीद
वहीं इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की माने तो साल 2022 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2390 डॉलर थी, अपर मिडिल इनकम इकोनॉमी में उन देशों को गिना जाता है, जिनकी प्रति व्यक्ति आय 4466 से 13845 डॉलर के बीच होती है। वहीं रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भारत की इकोनॉमी 2047 तक 15 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर चुकी होगी। यह सरकार के अनुमान से लगभग आधा ही है। जिसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने हाल ही में कहा था कि साल 2047 तक हमारी इकोनॉमी 30 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर जाएगी।
वहीं क्रिसिल ने अपनी 'इंडिया आउटलुक' रिपोर्ट में कहा कि अगले 7 वर्ष में इंडियन इकोनॉमी 5 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर 7 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच जाएगी और 2031 तक भारत तीसरी बड़ी इकोनॉमी बन सकती है।
जल्द कम होगी महंगाई
वहीं रिपोर्ट की माने तो देश की आर्थिक प्रगति का समर्थन करने में घरेलू स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स और साइकलिकल फैक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है, क्रिसिल का कहना है कि देश में महंगाई कम हो रही है। कृषि उत्पादन, खाद्य महंगाई पर नियंत्रण और तेल की कीमतों में नरमी से वित्त वर्ष 2025 में भी महंगाई में गिरावट जारी रहेगी।
प्रति व्यक्ति बढ़ेगी आय
भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है। जापान, जर्मनी, चीन और अमेरिका हमसे आगे है। क्रिसिल ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2031 तक देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 4,500 डॉलर तक पहुंच जाएगी और भारत अपर मिडिल इनकम वाला देशों के समूह में शामिल हो जाएगा।
2036 तक बन जाएंगे अपर मिडल इनकम इकोनॉमी
इंडिया रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर सुनील कुमार सिन्हा के मुताबिक, 30 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार करने के लिए भारत की इकोनॉमी (Indian Economy) को 9.7 फीसदी की दर से साल 2047 तक बढ़ना होगा। पिछले 50 साल में ऐसा सिर्फ दो बार हुआ है, जब भारतीय इकोनॉमी की वर्द्धि दर 9.7 फीसदी से ज्यादा थी, साल 1973 से 1982 और 2003 से 2012 के दौरान यह आंकड़ा छू लिया गया था। मगर, लंबे समय तक यही स्पीड बरकरार रखना बहुत मुश्किल काम है, इसलिए हमें ऐसा लगता है कि वित्त वर्ष 2033 से 36 के बीच हम अपर मिडल इनकम और वित्त वर्ष 2043 से 47 के बीच 15 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।
चुनौतियां तो हैं पर चिंता नहीं
हालांकि रिपोर्ट में कुछ चुनौतियों की भी चर्चा है, इनमें जियो-पॉलिटिकल टेंशन, असमान ग्लोबल रिकवरी से संभावित विकास मंदी, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी व्यवधान जैसी बाधाएं शामिल हैं। इन चुनौतियों के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन जैसे उभरते सेक्टर्स तेजी से बढ़ रहे हैं, जो वित्त वर्ष 2023 और 2024 में बढ़ते कैपेक्स यानी पूंजीगत व्यय का 16% है।